प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनडीए सरकार के 11 वर्षों में भारत को बदला

Prime Minister Narendra Modi has transformed India in 11 years of NDA government

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत के राजनीतिक ही नहीं धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक,विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन आया है। भारत की विदेश नीति और कूटनीति के कारण पूरे विश्व में एक नए भारत की पहचान बनी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश विदेश में ख्याति बढ़ी है। पिछले 11 साल में भारत ने बहुत तरक्की की है. भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। कश्मीर घाटी की ट्रेन का सपना साकार हुआ है. अब लोग कश्मीर से कन्याकुमारी तक जा सकते हैं। मोदी सरकार का विजन 2047 तक का है, जो न केवल दीर्घकालिक है वरन बहुत मजबूत भी है।

मोदी सरकार के 11 साल में अनेक ऐतिहासिक काम हुए जिनमें भारत का विश्व के एक शक्तिशाली देश के रुप में उभरना प्रमुख उपलब्धि रही। मोदी सरकार के 11 वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भी मील का पत्थर सिद्ध हुए। इस कारण भारत की सीमाओं की तरफ देखने की हिम्मत किसी की नहीं हुई। जब-जब किसी ने यह गुस्ताखी की तब – तब , दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। चाहे वो चीन को डोकलाम और गलवान में दिया गया जवाब हो या पाकिस्तान को हर आतंकी घटना के बाद दिया गया करारा वार से नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है तो आतंकवाद से कश्मीर आजाद हो रहा है। हाल ही जम्मू कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के विरुद्ध की गई सैन्य कार्यवाही, आतंकवादी अड्डों को नेस्तानाबूद करना ,राजनीयक संबंधों को तोड़ना और सिन्धु जल समझौते को स्थगित करने जैसे फैसलों से पाकिस्तान को सभी तरह से धराशायी किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का एक साल गत 9 जून को पूरा हुआ है। उनकी सरकार के 11 साल पूरे हो गए है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी इसे बड़े स्तर पर सेलिब्रेट कर रही है। इन 11 सालों में भारत में आए बदलाव, आम लोगों के जीवन में आए बदलाव तथा जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने आदि के बारे में भाजपा शासित हर राज्य और अन्य प्रदेशों की जनता को
मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी है रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी अपने बयानों में इसका बखान किया गया है।

विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।

भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं।विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।

विश्व बैंक के अनुसार, पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।

एक समय था जब हर घर में कम से कम एक तो लालटेन हुआ ही करता था। मिट्टी का तेल यानी केरोसिन तेल भी रखा रहता था।कारण बिजली का आना कम और जाना ज्यादा लगा रहता था. देश की राजधानी दिल्ली सहित देश भर में जमकर बिजली कटौती होती थी। कई-कई दिनों तक बिजली गुल रहती थी। देश के कई ग्रामीण इलाकों में तो बिजली के तार तक नहीं पहुंचे थे। ऐसे में नरेंद्र मोदी जब 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरे तो उन्होंने इसे भी मुद्दा बनाया. उन्होंने 24 घंटे बिजली देने का सपना लोगों को दिखाया. आज भारत के 100 फीसदी इलाकों में बिजली पहुंच चुकी है। इस बदलाव का वाहक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना बनी है।

देश में बेटियों के जन्म पर मातम सा माहौल घर में हो जाता था. अमीर से अमीर आदमी बेटी के जन्म लेने पर दुखी रहता था. कई तो गर्भ में ही बेटियों को मार देते थे। 22 जनवरी, 2015 को पीएम मोदी ने बेटियों के लिए योजना की शुरूआत की तो ये जन आंदोलन बन गया। मोदी ने आम लोगों को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया।

भारत के हर राज्य में बड़ी संख्या में लोग शौच करने बाहर ही जाते थे. घर में शौचालय नहीं होते थे. ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर शौच पर जाना आम बात होती थी. पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की. पीएम मोदी ने लोगों को समझाया कि बाहर शौच करना न सिर्फ गंदगी फैलाना है, बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. सरकार ने शौचालय बनवाने के लिए फंड देना शुरू किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत उठाए गए कदमों से देश में तीन लाख बच्चों की जान बचाई गई है. फरवरी 2025 में जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने राज्यसभा में यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि सरकार की खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) की नीति के तहत देशभर में करीब 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और अब तक 60 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिला है.

भारत में सड़कों, पार्कों में कूड़ा फेंकना लोगों की आदत में शुमार था. यहां तक की ऐतिहासिक स्थलों, ट्रेनों और अन्य स्थानों पर कुछ भी लिख देना, गंदा कर देना जायज मान लिया गया था. पीएम मोदी ने इसके लिए भी जन-जागरण चलाया. स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुद झाड़ू लेकर सड़कों पर उतर गए। धीरे धीरे यह जन-आंदोलन बन गया। इसी के साथ पीएम मोदी ने पौधे लगाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया और देशवासियों से एक पेड़ मां के नाम की अपील की।

वर्ष 2014 से पहले देश में ज्यादातर लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं था. ज्यादातर घरों में चूल्हे पर लकड़ी या कोयला जलाकर खाना पकता था. इससे खाना बनाने वाली मां-बहनों को गंभीर बीमारियां हो जाती थीं. मगर इस पर सरकार क्या उनके परिवार वालों ने ही कभी ध्यान नहीं दिया. मगर पीएम मोदी ने इस पर ध्यान दिया. 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना शुरू की. गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को धुएं से मुक्त रसोई और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. इसके अंतर्गत सरकार महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन, एक गैस चूल्हा, और पहली गैस रिफिल मुफ्त देती है. उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में मंदिरों के गलियारों और तीर्थ स्थलों का अभूतपूर्व पुनर्विकास हुआ है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक उज्जैन, मां कामाख्या मंदिर, राम मंदिर अयोध्या, केदारनाथ धाम और जूना सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार से भारत की आध्यात्मिक आत्मा को एक नई ऊर्जा मिली है. ये परियोजनाएं धार्मिक भावनाओं के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रही हैं। तीर्थयात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार ने चारधाम राजमार्ग परियोजना, हेमकुंड साहिब रोपवे और बौद्ध सर्किट विकास जैसी योजनाएं शुरू की हैं. करतारपुर कॉरिडोर ने भारत-पाक सीमा पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय सिखों के लिए सुलभ बनाया है. भारत की समावेशी सांस्कृतिक पहचान को ध्यान में रखते हुए प्रसाद योजना के तहत मस्जिदों, चर्चों और अन्य धर्मों के पूजा स्थलों का भी पुनर्विकास किया गया है।

स्वदेश दर्शन और हृदय योजनाओं के माध्यम से पर्यटन एवं विरासत शहरों के विकास में समग्र निवेश किया गया है. इस समग्र विकास का परिणाम यह है कि 2024 में भारत में 9.66 मिलियन विदेशी पर्यटक आए और देश ने 2,77,842 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आय अर्जित की है। भारत की खोई हुई धरोहरों को वापस लाने के अभियान ने भी गति पकड़ी है. 2013 से पहले, विदेश से भारत को केवल 13 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं वापस की गई थी. हालांकि, 2014 के बाद से अब तक 642 प्राचीन वस्तुएं विभिन्न चरणों में भारत लौटाई गईं हैं, जिनमें से अकेले अमेरिका से 578 कलाकृतियां लौटी हैं।भारत की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी वृद्धि हुई है. जुलाई 2024 में असम के मोइदम्स को इस सूची में शामिल किया गया, जिससे अब भारत के पास 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं.

भारत के राष्ट्र-निर्माताओं को उचित सम्मान देने की दिशा में भी कई उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं. प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, जलियांवाला बाग स्मारक और 11 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जैसे संस्थान देश की स्मृति में बलिदानों को जीवित रखते हैं. भारत मंडपम और नया संसद भवन भारत की सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक बनकर उभरे हैं।

‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान और काशी तमिल संगमम जैसे आयोजनों ने भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बीच सेतु का काम किया है। महाकुंभ 2025 का आयोजन, जिसमें एक माह में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, इस बात का प्रमाण है कि भारत में आध्यात्मिक एकता कितनी गहराई से रची-बसी है.

भारत ने योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाई है. 2024 में उत्तर प्रदेश में 25.93 लाख लोगों ने योग की ऑनलाइन शपथ ली और कई विश्व रिकॉर्ड बनाए गए. 2025 का योग दिवस “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के साथ मनाया जाएगा। इसी प्रकार आयुर्वेद को भी वैश्विक मान्यता दिलाने के प्रयासों किए है। जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर की स्थापना और “हील इन इंडिया” व “आयुष वीज़ा” जैसी पहलों ने भारत को समग्र चिकित्सा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभारा है.

मोदी सरकार ने सड़क निर्माण और राजमार्ग विकास पर विशेष ध्यान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है.इसी तरह भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण किया गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों का नवीनीकरण शामिल है. वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनें शुरू की गई हैं, जो यात्रा को अधिक आरामदायक और तेज़ बनाती हैं. देश के कई नए एयरपोर्टस का विकास और नवीनीकरण किया गया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ से अधिक किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई। आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई. इसी तरह मोदी सरकार की फ्री राशन योजना चलाती है, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है. इसका उद्देश्य देश के गरीब वर्गों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करना है. इस योजना के तहत, सरकार 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज प्रदान करती है।

भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार और नीतियां शुरू की हैं। केन्द्र सरकार ने रक्षा खरीद नीति में बदलाव किया है ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिले और आयात पर निर्भरता कम हो। सेना को उन्नत हथियार और उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, जैसे कि K9 वज्र-टी स्व-चालित हॉवित्जर, एम 777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर और ए के -203 असॉल्ट राइफलें आदि। आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत और आईएनएस नीलगिरि जैसे स्टील्थ फ्रिगेट शामिल किए गए हैं। राफेल लड़ाकू विमानों और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को शामिल किया गया है। सरकार ने साइबर और अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र में भी प्रगति की है, जिसमें रक्षा साइबर एजेंसी और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना शामिल है।

वर्ष 2017 में इसरो ने एक ही रॉकेट में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया।

भारत ने 2019 में अपना दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया, जिसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल थे। इसी प्रकार गगनयान मिशन को मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है।भारत का लक्ष्य 2050 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन विकसित करना है

भारत के डिजिटल इंडिया अभियान और यू पी आई डिजिटल लेन देन की सफलता को पूरी एक अचरज के रूप में देख रही है।