प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का किया आगाज

Prime Minister Narendra Modi inaugurated the 18th Pravasi Bharatiya Divas convention in Bhubaneswar, Odisha

देश दुनिया का भविष्य युद्ध में नहीं, वरन् बुद्ध में है….!!

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया और दुनिया के विभिन्न हिस्‍सों से आए प्रतिनिधियों और प्रवासी भारतीयों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस भारत और उसके प्रवासियों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने वाली एक सुदृढ़ संस्था बन चुकी है।मोदी ने इस मौके पर भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झण्डी दिखाई। इस रेल के माध्‍यम से लगभग 150 लोगों को पर्यटन और आस्था से जुड़े सत्रह स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। यह विशेष पर्यटक ट्रेन दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और प्रवासियों को तीन सप्ताह तक भारत के पर्यटन और धार्मिक महत्व के कई स्थलों की यात्रा कराएगी। प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस का संचालन प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत का राजदूत माना है। वैश्विक मंच पर उन्हें गर्व से सिर ऊंचा करने का अवसर प्रदान करने के लिए उन्हें धन्यवाद तथा कहा कि पिछले दशक में उन्होंने अनेक वैश्विक प्रमुखों से भेंट की, जिनमें सभी ने भारतीय प्रवासियों की उनके सामाजिक मूल्यों तथा अपने-अपने समाजों में योगदान के लिए प्रशंसा की। हम संकट की स्थिति में अपने प्रवासियों की सहायता करना अपना उत्तारदायित्व समझते हैं,चाहे वे कहीं भी हों। 21वीं सदी का भारत असाधारण गति के साथ व्यापक प्रगति कर रहा है। भारत में कुशल प्रतिभाओं की वैश्विक मांग को पूरा करने की क्षमता है।प्रधानमन्त्री ने कहा कि आज का भारत न केवल अपनी बात को दृढ़ता से रखता है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज को भी मजबूती से बढ़ाता है।

प्रधानमंत्री ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता कलाकार रिकी केज और उनकी टीम द्वारा प्रवासी गीत की शानदार प्रस्तुति के लिए उनकी सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में प्रवासी भारतीयों के दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रमों में यह उद्घाटन गीत बजाया जाएगा। इस गीत में भारतीय प्रवासियों की भावनाओं और संवेदनाओं को दर्शाया गया है।

उन्होंने समारोह के मुख्य अतिथि, त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू को एक वीडियो संदेश द्वारा प्रकट उनके उत्‍साहपूर्ण और स्नेह से भरे शब्दों के लिए धन्यवाद दिया।

मोदी ने कहा कि वर्ष 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी जी लंबे समय तक विदेश में प्रवास के बाद भारत लौटे थे। ऐसे अद्भुत समय में प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति ने उत्सव की भावना को बढ़ा दिया है। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) का यह संस्करण एक और कारण से विशेष हैं क्योंकि यह पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के कुछ दिनों बाद आयोजित किया जा रहा है, वाजपेयी की दूरदर्शिता प्रवासी भारतीय दिवस के लिए खास थी। आज हम सब मिलकर भारत, भारतीयता, अपनी संस्कृति और प्रगति का उत्‍सव मनाते हैं और साथ ही अपनी जड़ों से भी जुड़ते हैं। कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो जाएगा और मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहु के त्यौहार भी आने वाले हैं। हर जगह प्रसन्‍नता का वातावरण है। प्रधानमंत्री ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों का देश के विकास में योगदान देना जारी है जिससे भारत दुनिया में धन प्रेषण का शीर्ष प्राप्तकर्ता बन गया है। उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर जोर दिया।

मोदी ने भगवान जगन्नाथ को प्रणाम कर अपने भाषण की शुरुआत की और कहा कि ओडिशा की महान भूमि, जहां हम सभी एकत्र हुए हैं, भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है। ओडिशा में हर कदम पर हम अपनी विरासत को देख सकते हैं। सम्राट अशोक ने यहाँ शांति का मार्ग चुना था, जबकि दुनिया तलवार की ताकत से साम्राज्यों का विस्तार कर रही थी। यह विरासत भारत को दुनिया को यह बताने के लिए प्रेरित करती है कि भविष्य बुद्ध में है, युद्ध में नहीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल लोकतंत्र की जननी है, बल्कि लोकतंत्र भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव के लिए सर्वसम्मति से मिले समर्थन का भी जिक्र किया और “मानवता सर्वप्रथम” के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत विकास और विरासत के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। जी-20 बैठकों के दौरान, दुनिया को भारत की विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने के लिए देश भर में सत्र आयोजित किए गए।
21वीं सदी के भारत में विकास की असाधारण गति और व्‍यापकता का उल्‍लेख करते हुए मोदी ने कहा कि मात्र 10 वर्षों में भारत ने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत शीघ्र ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान मिशन का शिव-शक्ति बिंदु तक पहुँचने और डिजिटल इंडिया की ताकत की वैश्विक मान्यता जैसी भारत की उपलब्धियों किया और बताया कि भारत हर क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। अक्षय ऊर्जा, विमानन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, मेट्रो नेटवर्क और बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में रिकॉर्ड तोड़ रहा है। भारत अब “मेड इन इंडिया” लड़ाकू जेट और परिवहन विमान बना रहा है। हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहें हैं, जहां लोग “मेड इन इंडिया” विमानों में प्रवासी भारतीय दिवस के लिए भारत की यात्रा करेंगे।

मोदी ने प्रवासी समुदाय के युवा सदस्यों से भारत को बेहतर ढंग से समझने के लिए “भारत को जानिए” प्रश्नोत्तरी में भाग लेने की अपील की। प्रधानमंत्री ने उन्हें “भारत में अध्ययन” कार्यक्रम और आईसीसीआर छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने विदेशों में रहने प्रवासी भारतीयों से अपने देश में भारत सच्चे इतिहास को फैलाने के महत्व पर जोर दिया। मोदी ने प्रवासियों से स्थानीय या ऑनलाइन “मेड इन इंडिया” खाद्य पैकेट, कपड़े और अन्य सामान खरीदने का आग्रह भी किया और इन उत्पादों को अपने रसोईघरों, ड्राइंग रूम और उपहारों में शामिल करने का आग्रह किया।
मां और धरती मां से जुड़ी एक और अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने गुयाना की अपनी हालिया यात्रा का जिक्र करते हुए प्रवासी भारतीयों को प्रोत्साहित किया कि वे जहां भी हों, अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि जब वे भारत से लौटेंगे, तो अपने साथ विकसित भारत का संकल्प लेकर जाएंगे। अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने सभी की अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के साथ समृद्ध 2025 की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ की जानकारी देते हुए सभी से इस दुर्लभ अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल, डॉ. हरि बाबू कंभमपति, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री जुएल ओराम, शोभा करंदलाजे, कीर्ति वर्धन सिंह और पबित्रा मार्गेरिटा आदि भी मौजूद थे।

प्रवासी राजस्थानियों के लिए राजस्थान फाउंडेशन के 14 नए चेप्टर खोले जाएँगे तथा 12 मौजूदा चेप्टर होंगे पुनर्जीवित

इस बार राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ मनीषा अरोड़ा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2025 में भाग ले रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद प्रवासी राजस्थानियों से बातचीत की, राजस्थान के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया और प्रवासी समुदाय को राज्य में नए व्यावसायिक अवसरों पर निवेश और सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।

इस मौके पर राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ मनीषा अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए राजस्थान फाउंडेशन के 14 नए चेप्टर खोलने तथा 12 मौजूदा अध्यायों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। 14 नव स्थापित चेप्टर में पांच घरेलू चेप्टर भी शामिल हैं, जिनमें भुवनेश्वर, दिल्ली, पुणे, रांची और गुवाहाटी शामिल हैं तथा 14 अंतर्राष्ट्रीय चेप्टर में दुबई (यूएई), म्यूनिख (जर्मनी), रियाद (सऊदी अरब), टोक्यो (जापान), सिंगापुर, दोहा (कतर), मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), नैरोबी (केन्या) और कंपाला (युगांडा) में स्थापित होंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और उन्हें एक-दूसरे के साथ संवाद करने में सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। भारत सरकार 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन इस बार ओडिशा सरकार के साथ मिल कर 8 से 10 जनवरी 2025 तक भुवनेश्वर में किया जा रहा है। इस प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” है। 50 से अधिक देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने पीबीडी सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। पीबीडी का आयोजन हर दो वर्ष में किया जाता है। अशोक गहलोत के मुख्यमन्त्रित्व काल में राजस्थान को भी एक बार पीबीडी के आयोजन का सौभाग्य मिला है।

देखना है पीबीडी -2025 के इस भव्य आयोजन के बाद प्रवासी भारतीय भारत सरकार से कौन कौन सी नई सौगाते लेकर अपनी कर्म भूमियों की और लौटते है…!!