
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
21वीं सदी का भारत एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहाँ विकास, तकनीक, नवाचार, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की नई कहानी लिखी जा रही है। इस परिवर्तन की धुरी पर एक ऐसा नेतृत्व है जिसने भारत की संभावनाओं को नई दिशा दी है,ये नेता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। उन्होंने केवल नीतियाँ और योजनाएँ ही नहीं दीं, बल्कि शासन की मानसिकता बदलने की पहल भी की है। बुधवार 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म दिन है और वे अपने जीवन के 75 बसन्त पूर्ण कर अमृत काल में प्रवेश कर रहे है। यह एक संयोग ही है कि हमारा महान देश भारत भी अपने अमृत काल से गुजर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री है जिन्होंने देश की आजादी के बाद जन्म लिया और वे लगातार तीन बार निर्वाचित होने वाले पहले प्रधानमंत्री भी है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध कर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व, उनके विज़न, नीतियों और आज के भारत के बदलाव में उनकी भूमिका का विस्तृत विश्लेषण कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राजनीति को केवल सत्ता–केंद्रित नहीं रहने दिया, बल्कि उसे विकास–केंद्रित और जन–भागीदारी केंद्रित बनाने का प्रयास किया। उन्होंने योजनाओं को सरकारी काग़ज़ों से निकालकर जन–आंदोलन बनाया, जिससे नागरिक स्वयं को बदलते भारत का भागीदार महसूस करने लगे।
बदलते भारत के निर्माता के रूप में उनका नेतृत्व यह संदेश देता है कि सशक्त नेतृत्व, स्पष्ट विज़न, ईमानदारी और जनता से जुड़ाव के साथ कोई भी देश अपनी दिशा बदल सकता है। आज का भारत उसी दिशा में बढ़ रहा है—एक ऐसा भारत जो 21वीं सदी की महाशक्ति बनने के सपने को हकीकत में बदलने की राह पर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। एक साधारण परिवार में जन्मे मोदी ने बाल्यकाल से ही संघर्ष, अनुशासन और परिश्रम को जीवन का बनाया। किशोरावस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और संगठनात्मक कौशल विकसित की। भाजपा में संगठन मंत्री से लेकर 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री तक का सफर उनकी कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व का प्रमाण है।गुजरात में औद्योगिक निवेश, आधारभूत संरचना और आपदा प्रबंधन (विशेषकर 2001 के भूकम्प के बाद) में उनके काम ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दी। 2014 में भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत दिलाकर वे देश के 14वें प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” और “सबका प्रयास” का मंत्र दिया। साथ ही 2047 तक “विकसित भारत” का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। उन्होंने नीतियों को सिर्फ योजनाओं के रूप में नहीं, बल्कि जन–आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया जैसे स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया आदि कई ।
नरेन्द्र मोदी ने देश में आर्थिक सुधार और वित्तीय समावेशन की क्रान्ति को तेजी से आगे बढ़ाया है।
उन्होंने जन–धन योजना के माध्यम से 50 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खुलवाए। डिजिटल भुगतान भीम, यूपीआई, रूपे कार्ड जैसे साधनों से कैशलेस अर्थव्यवस्था को दिशा दी।जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के माध्यम से पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को लागू कराया और महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए जी एस टी की दरों की दो स्लैब की घोषणा कर आम जरूरत की वस्तुओं पर जी एस टी को शून्य कराया है।
उन्होंने मेक इन इंडिया के माध्यम से घरेलू उत्पादन और विनिर्माण को बढ़ावा दिया तथा स्टार्ट–अप इंडिया और स्टैंड–अप इंडिया से युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक सुरक्षा व कल्याणकारी योजनाओं जैसे– उज्ज्वला योजना से करोड़ों गरीब महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2025 तक हर गरीब को पक्का मकान दिलाया है। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर करवा लोगो के लिए बेहतर स्वास्थ्य लाभ सेवाओं का मार्ग प्रशस्त किया । जल जीवन मिशन के द्वारा हर घर नल से जल की योजना लागू कर ग्रामीण और शहरी महिलाओं के सिर के बोझ को हल्का किया। स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा खुले में शौच से मुक्ति और स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा की है।
उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारतमाला एवं सागरमाला परियोजना के माध्यम से सड़कों, बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स हब का विकास किया है। तेज रफ्तार रेल और मेट्रो विस्तार तथा बुलेट ट्रेन से लेकर दर्जनों शहरों में मेट्रो नेटवर्क विकसित किए है। साथ ही ग्रामीण और शहरी कनेक्टिविटी से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के उन्नत संस्करण स्थापित किए है।
कृषि व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में पीएम–किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को प्रतिवर्ष सीधी सहायता दिलाई है। ई–नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से कृषि विपणन में पारदर्शिता लाए है।
मोदी ने नवाचार और तकनीकी पहल के अंतर्गत डिजिटल इंडिया के तहत सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण, डिजिलॉकर, माईगव पोर्टल के क्षेत्र में नए कीर्तिमान बनाए है। अंतरिक्ष क्षेत्र में गगनयान एवं चंद्रयान–3 जैसी अंतरिक्ष उपलब्धियाँ भारत को स्पेस पावर के रूप में स्थापित कर दुनिया में धाक जमाई है। आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत रक्षा, दवा, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन के क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनी है।जी–20, ब्रिक्स, क्वाड जैसे मंचों पर सक्रियता।पड़ोसी देशों व वैश्विक शक्तियों के साथ संतुलित संबंध।
जलवायु परिवर्तन और हरित ऊर्जा पर भारत को नेता के रूप में प्रस्तुत करना।भारत की विदेश नीति अधिक आक्रामक और संतुलित हुई है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा से भारतीय संस्कृति की धाक पूरी दुनिया में फैली हुई है।
प्रशासनिक शैली और शासन में बदलाव कर
पारदर्शिता एवं जवाबदेही प्रशासन को स्थापित किया साथ ही बड़े घोटालों से मुक्त शासन का दावा है। अपनी तेज़ निर्णय क्षमता से उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी, कोविड–19 प्रबंधन जैसे कठोर निर्णय लिए।
मन की बात” के ज़रिए मोदी ने सीधे जनता से संवाद कर रहे है।
हर बड़े बदलाव के साथ चुनौतियाँ आती हैं। मोदी सरकार को बेरोज़गारी, महँगाई, छोटे उद्योगों पर नोटबंदी/जीएसटी के असर, सामाजिक सांप्रदायिक तनाव, विपक्ष द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल जैसी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है।हालाँकि समर्थकों का मानना है कि दीर्घकालीन नीतियों के लाभ समय के साथ स्पष्ट होंगे।
बावजूद इन आलोचनाओ की परवाह किए वे बदलते भारत की तस्वीर को मन में संजोए आगे बढ़ रहे है। पिछले एक दशक में भारत में कई ठोस बदलाव दिखे है। फलस्वरूप गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या में कमी आई है। बिजली, पानी, शौचालय, बैंक खाता जैसी मूलभूत सुविधाओं का सार्वभौमीकरण।
डिजिटल लेनदेन में भारत विश्व में अग्रणी देश है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। इसका अर्थ यह है प्रति व्यक्ति आय में बड़ी वृद्धि।अत्याधुनिक आधारभूत संरचना,नवाचार एवं शोध में भारत द्वारा विश्वस्तरीय स्थान बनाना और हर नागरिक को गुणवत्ता युक्त एवं शिक्षा तथा हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना। प्रधानमंत्री अमरीकन टैरिफ के बाद स्वदेशी उत्पाद बढ़ाने पर जोर दे रहे है।
देखना है आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक दृष्टि से और कितनी अधिक छलांग लगाता है।