- मोदी-मोदी के अविकल नारों के साथ 79 बार तालियाँ और 15 बार स्टैंडिंग ओवेशन के मध्य अमेरिकीकांग्रेस के संयुक्त सत्र में प्रधानमंत्री मोदी का प्रभाव शाली संबोधन
- अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दूसरी बार सम्बोधित करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होने का गौरव
- घोर अंधेरे को मिटाने,अभी तो सूरज उगा है…
गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय आधिकारिक राजकीय यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी का जिस अभूतपूर्व ढंग से राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाऊस और अमेरिकी संसद कैपिटॉल हिल मेंअसाधारण एवं अतुलनीय स्वागत तथा अभिनंदन हुआ, उसे देख हर कोई अचंभित हों गया । अमेरिकन औरभारतीय लोगों के लिए व्हाइट हाउस के द्वार पहली बार खोले जाने के कारण साउथ लॉन में बड़ी संख्या मेंमौजूद लोगों के मध्य अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी का कई बार गले मिलना और प्रथममहिला जिल बाइडन के साथ उनका हाथ में हाथ डाल कर चलना तथा तीनों का व्हाइट हाऊस की बालकोनी मेंएक साथ खड़े हो कर अभिवादन करना आदि कुछ ऐसे अकल्पनीय दृश्य थे जो अमरीका के इतिहास में एकअमिट इबारत लिख गए।
अमेरिकी के निमन्त्रण पर प्रधानमंत्री मोदी की इस स्टेट विज़िट में विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़ेलोकतन्त्र वाले दो देशों को मज़बूती से एक साथ खड़े होते देख अपने आपको विश्व की सबसे बड़ी महाशक्तिहोने का दावा करने वाले कई देशों की नीन्द उड़ गई हैं।
गुरुवार को जब भारत में आधी रात हो रही थी तों वहीं अमरीका में व्हाइट हाऊस के निकट अमेरिकी संसदकैपिटल हिल का नजारा देखने लायक़ था। अमेरिकी कांग्रेस के ऊपरी और निचले सदन सीनेट और हाउसऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के संयुक्त सत्र को दूसरी बार सम्बोधित करने पहुँचें मोदी का वहाँ ऐसा इस्तकबाल हुआ किदेखने वाले दंग रह गए। मोदी-मोदी के अविकल नारों के साथ अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधियों द्वारा 79 बारतालियाँ और 15 बार स्टैंडिंग ओवेशन (खड़े होकर ताली बजाते और हर्षोल्लास तथा उत्साहपूर्ण ढंग से मोदीका स्वागत एवं अभिनंदन ) देना अभूतपूर्व था।
कैपिटल हिल के भव्य सभागार में स्पीकर केविन मैकार्थी के साथ बैठीं भारतीय मूल की अमरीकन उप राष्ट्रपतिकमला हैरिस की कुर्सियों के आगे खड़े होकर क़रीब एक घंटा तक अपने प्रभावशाली एवं आत्म विश्वास सेलबरेज भाषण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
मोदी-मोदी के नारों की गूंज के बीच स्पीकर केविन मैकार्थी ने मोदी को संसद को संबोधित करने का न्योतादिया। मोदी ने गुरुवार को अपने नाम एक और इतिहास दर्ज कर दिया तथा वे अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्रको दूसरी बात सम्बोधित करने वाले
भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए ।ऐसा कर उन्होंने विश्व के कतिपय चुनिंदा नेताओं की श्रेणी में भी शामिलहोने का गौरव हासिल किया। इससे पहले भी पीएम मोदी ने वर्ष 2016 के अपने दौरे में अमेरिकी संसद कोसंबोधित किया था। इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर विंस्टनचर्चिल के नाम सबसे ज्यादा तीन बार अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का रिकॉर्ड है।
मोदी ने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है। ऐसा दो बारकरना एक असाधारण अवसर है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 1.4 अरब जनता की ओर से आप सभी काहार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आज आप दुनिया के दो महान लोकतंत्रों – भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।
मोदी के भाषण के दौरान पहली बार अमेरिकी सांसदों ने जब तालियों की गड़गड़ाहट से सदन को गुंजायमानबना दिया जब पीएम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए आई ) को अमेरिका और भारत से जोड़ दिया। मोदी नेकहा कि एआई में ए का मतलब अमेरिका तो आई का अर्थ इंडिया है। अमेरिका के पॉलिटिकल स्पेक्ट्रम मेंमोदी का लोकप्रियता और जादू का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका भाषण खत्म होने केबाद अमेरिकन सांसदों के मध्य उनके ऑटोग्राफ लेने की होड़ सी मच गई लेकिन मोदी ने किसी को निराश नहीकिया।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई श्लोंकों से भी अपना सटीक संदेश दिया।जैसे एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति – सत्य एक है, विद्वान उसे अलग-अलग तरह से बताते हैं।
माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः – अर्थात् धरती हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं। वसुधैव कुटुंबकम – पूराविश्व हमारा परिवार है।मोदी ने अमेरिकी संसद में अपनी स्वरचित एक कविता भी सुनाई और उसका अंग्रेजी मेंअर्थ भी बताया ।प्रधानमंत्री ने मौलिक कविता सुनाते हुए कहा कि-
आसमान में सिर उठाकर, घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्प लें, अभी तो सूरज उगा है।
दृढ़ निश्चय के साथ चलकर, हर मुश्किल को पार कर
घोर अंधेरे को मिटाने, अभी तो सूरज उगा है।।
आतंकवाद पर दो-टूक बात
मोदी ने अमेरिकी सांसदों के समक्ष अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के एक दशक से अधिक समय के बाद भी अभी तक कट्टरवाद औरआतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर ख़तरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेतीरहती हैं लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहींहो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।
उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में हमें उन अंतर राष्ट्रीय संस्थाओं के ढाँचे में भी परिवर्तन करने पर विचारकरना होगा जो विश्व शान्ति के रास्ते में बाधा बने हुए हैं।
यूक्रेन रुस संघर्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने प्रत्यक्ष और सार्वजनिक रूप से कहा है, यह युद्ध कायुग नहीं है। लेकिन, यह संवाद और कूटनीति में से एक है। और, हम सभी को रक्तपात और मानवीय पीड़ा कोरोकने के लिए वह सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों केसम्मान, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है।
हमारा दृष्टिकोण रोकने या बहिष्कृत करने का नहीं, बल्कि शांति और समृद्धि का एक सहयोगी क्षेत्र बनाने काहै। हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर और बाहर के अपने भागीदारों के साथ काम करते हैं। इसमें से क्वाडक्षेत्र की भलाई की एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है।
भारत-अमेरिका के साझा सपनों की चर्चा करते हुए कहा कि जब हमारी साझेदारीआगे बढ़ती है तो आर्थिक लचीलापन बढ़ता है, नवाचार बढ़ता है, विज्ञान फलता-फूलता है, ज्ञान बढ़ता है, मानवता को लाभ होता है, हमारे समुद्र और आकाशसुरक्षित होते हैं, लोकतंत्र उज्जवल होगा और दुनिया बेहतर स्थान पर होगी। हमारीसाझेदारी का यह मिशन है जो इस सदी के लिए हमारा आह्वान है।
मोदी ने कहा कि भारत से लाखों अमेरीकियों को मिल रोजगार रहा है ।
मोदी ने ग्लोबल समस्याओं जलवायु परिवर्तन और कोविड काल के बाद आए परिवर्तनों की विस्तार से चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थ व्यवस्था की ऊँची उड़ान विभिन्न क्षेत्रों में की जा रहीप्रगति की जानकारी भी दी और कहा कि हम सबका साथ, सबका विकास…औरसबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ रहे हैं।
अमेरिकन संसद में प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण ने अमरीका भारत के सम्बंधों कोनए आयाम दिए है। अमरीका की संसद के ऊपरी सदन में 100 और निचली सदन में400 से अधिक प्रतिनिधियों जिनमें पाँच भारतीय मूल के भी है के मन में नरेन्द्र मोदीकी इमेज एक स्टेटसमेंन के रूप में उभरी है जो दोनों देशों के लिए एक शुभ संकेत है।