- प्रतिपक्ष पर किया करारा वार,राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर कई व्यंग बाण छोड़े,बालक बुद्धि का तगमा भी दिया..कांग्रेस को परजीवी कहा और साथी दलों को चेताया
- अरे मौसी जी…..हार की हैट्रिक लगाई है, लेकिन फिर भी है तो हीरों….
गोपेंद्र नाथ भट्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रतिपक्ष के सदस्यों की लगातार नारेबाजी और टोकाटिकी के मध्य अपने करीब ढाई घंटे के भाषण में मंगलवार को लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर कई व्यंग बाण छोड़े और शोले फिल्म के डायलॉग सहित कई किस्से सुना कर राहुल गांधी को बालक बुद्धि का तगमा भी दे दिया। उन्होंने राहुल गांधी को एक बार भी प्रतिपक्ष का नेता कह कर संबोधित नहीं किया तथा इंडी गठबंधन के अन्य दलों के प्रति नरमी दिखाते हुए कांग्रेस पर जबरदस्त हमला किया तथा उसे परजीवी पार्टी की संज्ञा भी दी एवं सहयोगी दलों को चेताया कि यह परजीवी कांग्रेस आपके वोट बैंक को चाट जाएगी।
सदन में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान जोरदार शोरगुल के हालातों को शांत करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने काफी प्रयास किए और प्रतिपक्ष के नेता तथा अन्य सदस्यों को कई बार चेतावनी भी दी । सदन की परंपराओं,गरिमा और मर्यादाओं का हवाला भी दिया लेकिन, प्रतिपक्ष के सदस्य वेल में आकर अंत तक नारेबाजी और हंगामा करते रहें। इन परिस्थितियों को संभालने का प्रधानमंत्री ने भी उन्हें कई बार इशारा किया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बेबस होकर विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहे। उन्होंने कहा कि मैंने प्रतिपक्ष के नेता को 90 मिनिट्स का समय दिया और विपक्षी सदस्यों को भी पर्याप्त समय दिया लेकिन आज जब सदन के नेता प्रधानमंत्री बोल रहे है विपक्षी सदस्यों के आचरण को कदापि उचित नहीं कहा जा सकता। ऐसे में दो बार ऐसा वक्त भी आया जब शोर-शराबे से नाराज पीएम मोदी अपना भाषण रोक कर बैठ गए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से नाराजगी जाहिर की। उन्होंने राहुल गांधी से मुखातिब होते हुए कहा कि वह विपक्षी सांसदों को वेल में जाने के लिए उकसा रहे हैं। ये विपक्ष के नेता को शोभा नहीं देता।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद विपक्ष के आज के आचरण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा रखे गए निंदा प्रस्ताव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उसका समर्थन करने पर उसे ध्वनि मत से पारित कराया और उसके बाद आसन से 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इसके पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने के दौरान पीएम मोदी ने शोले’ फिल्म में अमिताभ बच्चन का मौसी से संवाद करने का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयानों ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। पीएम ने कहा कि आपको शोले फिल्म की वो मौसी जी याद होगी. पीएम मोदी ने कहा कि तीसरी बार ही तो हारे हैं, पर मौसी, ये बात तो सही है. पर मौसी मोरल विक्ट्री तो है ना….
दरअसल, आज लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पानी पी पी कर जम कर हमले बोले। पीएम मोदी ने कहा कि “कांग्रेस के अरे मौसी, 13 राज्यों में 0 सीटें आई हैं, लेकिन हीरो तो हैं न. अरे मौसी, पार्टी लुटिया तो डुबोई है, लेकिन पार्टी सांसें तो ले रही है। मदीने कहा कि मैं कहूंगा कि फर्जी जीत का जश्न मत मनाओ. ईमानदारी से देश में मिले जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो। इस दौरान कांग्रेस पर हमले के लिए पीएम मोदी ने दूसरा किस्सा सुनाया। पीएम मोदी ने कहा कि साल 1984 के चुनावों को याद कीजिए तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आता है. एक बच्चा 99 प्रतिशत मार्क्स लेकर घूम रहा था।लोगों की वाहवाही ले रहा था। टीचर ने कहा कि ये 100 से 99 नंबर नहीं लाया, 543 में से लाया है।अब उस बालक बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी के सोमवार को दिए गए भाषण पर जमकर हमला बोला ।इस पर वेल में जमा प्रतिपक्ष सदस्यों ने झूठ बोले कौवा काटे के बारे लगाए।
मोदी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन का जिक्र किया। उन्होंने दो किस्से सुनाए. पीएम ने कहा कि कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला. वह गिर गया, रोने लगा तो कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई, चिड़िया मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है। मोदी ने कहा बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है और न ही बालक बुद्धि में व्यवहार का कोई ठिकाना होता है।
जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है, तो सदन में किसी के भी गले पड़ जाते हैं।
ये बालक बुद्धि अपनी सीमाएं खो देती है, तो सदन के अंदर बैठकर आंखें मारते हैं।
इनकी सच्चाई अब पूरा देश समझ गया है।
इसलिए आज देश इनसे कह रहा है – तुमसे न हो पाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था। जनता ने हमारे 10 साल के ट्रैक रिकॉर्ड को देखा और तीसरी बार भी हमें चुना। पीएम मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कई किस्से सुनाए। प्रधानमंत्री मोदी आज जैसे ही सदन में पहुंचे तो एनडीए के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारों से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। वहीं विपक्ष ने नीट और अन्य मामलों को लेकर जमकर हंगामा किया। पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस और उसका इकोसिस्टम दिन-रात हिंदुस्तान के नागरिकों के मन में ये प्रस्थापित करने की कोशिश कर रहा है कि उन्होंने हमें हरा दिया है। ऐसा लग रहा है कि आजकल कांग्रेस में छोटे बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है। अच्छा होता कि कांग्रेस अपनी हार स्वीकारती, जनता-जनार्दन के आदेश को सिर-आंखों पर चढ़ाती, आत्ममंथन करती। लेकिन ये तो शीर्षासन करने में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर करारे हमले किए हैं।कांग्रेस को परजीवी पार्टी तक बता दिया. कहा, कांग्रेस अगर 99 तक पहुंची तो सिर्फ सहयोगियों की बदौलत. कांग्रेस अराजकता फैलाने में जुटी हुई है. मोदी ने हिंंदू हिंसक बयान पर भी जवाब दिया, कहा-हिंदू सहनशील है। हिंदू अपनत्व को लेकर जीने वाला समूह है। इसी कारण भारत का लोकतंत्र, विविधताएं उसी के कारण पनपी है।आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है।
ये लोग देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।4 जून को अराजकता फैलाने की कोशिश की गई. भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सवालों के घेरे में रखकर अराजकता फैलाने का प्रयास किया. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर हमेशा झूठ बोला है. ये वो लोग हैं जो शुरुआत से देश के दलितों के साथ, पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है. और इसी कारण कांग्रेस की दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता की वजह से नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दिया था।
इससे पहले पीएम मोदी जब संसद पहुंचे तो भाजपा और एन डी e के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारों से उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में सबसे पहले उन सांसदों का धन्यवाद किया जिन्होंने नियमों के तहत धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने देश की जनता का शुक्रिया किया जिन्होंने चुनाव में एन डी ए को जीत दिलाई. उन्होंने कहा कि देश ने सफल चुनाव आयोजित कर दुनिया को दिखा दिया है कि ये सबसे बड़ा चुनाव था. इसके बाद पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं क्योंकि लगातार झूठ का प्रसार करने के बाद भी उनकी पराजय हुई. हम तुष्टिकरण नहीं बल्कि संतुष्टिकरण के विचार को लेकर चले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठोरता से कहा कि अब जो जिस भाषा में समझेगा, उसी भाषा में उसे समझाया जाएगा। उन्होंने इस दौरान विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और कहा कि एक वक्त यह स्वीकार किया जाता था कि दिल्ली से 1 रुपया भेजा जाए तो गांव तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं। 1 रुपये में 85 पैसे का घोटाला होता है। घोटालों की इस दुनिया ने देश को निराशा की गहराइयों में डुबो दिया था। गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सांसदों के चक्कर लगाने पड़ते थे और फिर भी उन्हें गैस कनेक्शन नहीं मिलता था।
1984 के चुनावों को याद कीजिए। तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मैं कहूंगा कि फर्जी जीत का जश्न मत मनाओ। ईमानदारी से देश में मिले जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो।पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने चुनाव का विश्लेषण किया या नहीं। ये उनके लिए महत्वपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी 2024 से परजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। परजीवी उसे कहते हैं जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को खाता है। कांग्रेस जिसके साथ रहती है, उसी के वोट खा जाती है। मैं जब कांग्रेस को परजीवी कह रहा हूं तो आंकड़ों के आधार पर कह रहा हूं।
18 वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत ही इस बार अंतर विरोधों के साथ हुई प्रोटेम अध्यक्ष की नियुक्ति से उठा विवाद लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन तक चला । इस मध्य दूसरी बार चुने गए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उनके आसन तक पहुंचाने के लिए पीएम मोदी,प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजूजू का एक साथ जाने का दृश्य सकून भरा दिखा लेकिन इसके बाद सात दिनों में जो कुछ हुआ उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि अब भाजपानीत एनडीए सरकार परंपरा अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद प्रतिपक्ष को देंगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुधवार को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कितने आक्रामक होंगे तथा इस माह के अंत अथवा अगले माह पूर्व बजट रखने के लिए होने वाले लोकसभा के दूसरे सत्र की झलक कैसी दिखेगी?