नीति गोपेन्द्र भट्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महावीर जयंती पर 21अप्रैल रविवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भव्य भारत मंडपम में भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। यह महोत्सव भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक समारोह के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक सौ रुपए का स्मारक सिक्का भी जारी किया जाएगा। समारोह में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी,केंद्रीय कानून और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी आदि विशिष्ठजन भी उपस्थित रहेंगे।
आचार्य प्रज्ञा सागर मुनि के सानिध्य में नई दिल्ली के चांदनी चौक स्थित श्रीलाल महावीर मंदिर में आयोजित प्रेस वार्ता में समारोह की तैयारियों की जानकारी देते हुए भगवान महावीर मेमोरियल समिति के अध्यक्ष के. एल. जैन पटावरी ने बताया कि
समारोह में श्वेत पिच्छाचार्य श्रीविध्यानंद जी मुनिराज के आज्ञानुवर्ती राष्ट्र संत परंपताचार्य प्रज्ञ सागर मुनिराज,आचार्य सम्राट पूज्य डॉ शिवमुनि के आज्ञानुवर्ती श्रमण संघीय उपाध्याय प्रवर पूज्य रविंद्र मुनि,आचार्य श्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज के आज्ञानुवर्ती साध्वी सुलक्षणा तथा आचार्य पूज्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या अणिमा श्री का प्रेरक सानिध्य भी रहेगा।
उन्होंने बताया कि इस समारोह को लेकर पूरे जैन समाज में विपुल उत्साह है। देश के विभिन्न प्रांतों से प्रतिनिधिगण इस कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली पहुंच रहे हैं l
पटावरी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनियां विश्व युद्ध, अनैतिकता, भूखमरी, पर्यावरण प्रदूषण आदि अनेक समस्याओं से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत अहिंसा,अपरिग्रह और अनेकांत का दर्शन इन सभी समस्याओं से निजात पाने में अत्यन्त प्रभावी हो सकते है।
भगवान महावीर 2550 वे निर्वाण महोत्सव समिति के अध्यक्ष गजराज गंगवाल ने कहा कि भगवान महावीर के दर्शन से ही विश्व युद्ध जैसी विभीषिकाओं से बच सकता है।
प्रेस वार्ता में जैन तेरापंथ संघ (जेएसटी) के अध्यक्ष सुखराज सेठिया, सत्य भूषण जैन, लक्ष्मी पथ बोथरा एवं डॉ कमल जैन सेठिया आदि भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष भगवान महावीर का 2550 वा निर्वाण वर्ष है | इस निर्वाण महोत्सव के माध्यम से भगवान महावीर के शाश्वत संदेशों का सार्वभौमिक प्रचार प्रसार जन-जन के लिए कल्याणकारी हो सकेगा । समारोह में दिगंबर आचार्य प्रज्ञा सागर मुनि, उपाध्याय रविन्द्र मुनि, साध्वी सुलक्षणा और आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वीश्री अणिमाश्रीजी अपने उदबोधन से भगवान महावीर के संदेशों की सारगर्भित व्याख्या करेंगे।