नासकॉम इंडिया की प्रियंका बिष्ट अब टीएमयू सीटीएलडी की एडवाइजरी बोर्ड का भी हिस्सा

Priyanka Bisht of NASSCOM India is now also a part of the Advisory Board of TMU CTLD

रविवार दिल्ली नेटवर्क

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी के लिए यह गर्व के क्षण हैं। देश की प्रतिष्ठित आईटी और बिजनेस प्रोसेस प्रबंधन संस्था नासकॉम-इंडिया की डिप्टी डायरेक्टर सुश्री प्रियंका बिष्ट को सीटीएलडी कॉरपोरेट एडवाइजरी बोर्ड में शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है, सुश्री बिष्ट को शिक्षा, कौशल और प्रतिभा विकास के क्षेत्र में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में नैसकॉम में डिप्टी डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। वे उत्तर और पश्चिम भारत में अकादमिक और सरकारी संबंधों और करियर सर्विसेज़ का नेतृत्व कर रही हैं। सुश्री बिष्ट ने एक्स्ट्रामार्क्स एजुकेशन में भी वर्षों तक कार्य किया, जहाँ उन्होंने अकादमिक साझेदारी, प्रोडक्ट ट्रेनिंग और स्कूल एनेबलमेंट पहलों का नेतृत्व किया। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। साथ ही कौशल विकास, डिजिटल परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण और नीति क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे उन्हें के-12 और उच्च शिक्षा क्षेत्र में गहरा अनुभव प्राप्त है।

सीटीएलडी का नासकॉम-इंडिया, नोएडा के साथ कोलाबोरेशन भी है। यह साझेदारी हमारे छात्रों और शिक्षकों को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने में मदद करेगा। छात्रों को इंटर्नशिप, लाइव प्रोजेक्ट्स, गेस्ट लेक्चर्स, स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम्स और इंडस्ट्री विज़िट जैसे अवसर उपलब्ध होंगे। इससे छात्रों को इंडस्ट्री के बदलते ट्रेंड्स, टेक्नोलॉजी और आवश्यक स्किल्स के व्यावहारिक ज्ञान की प्राप्ति होगी, जो उनके करियर निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। टीएमयू के कुलपति प्रो. वीके जैन ने कहा, टीएमयू का उद्देश्य केवल शैक्षणिक डिग्री देना नहीं, बल्कि छात्रों को समग्र रूप से विकसित करना है, ताकि वे उद्योग की मांगों के अनुरूप कौशलयुक्त, नवाचारी और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने कहा, उद्योग और शिक्षा का समन्वय स्टुडेंट्स को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने और उन्हें उद्योग की वास्तविकताओं से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम है। सीटीएलडी के निदेशक प्रो. पंकज कुमार सिंह बोले, इससे टीएमयू की शैक्षणिक और औद्योगिक साझेदारी को नई ऊंचाई मिलेगी और छात्र व्यावसायिक दुनिया में सशक्त रूप से आगे बढ़ सकेंगे।