गाजियाबाद की पॉश कॉलोनी इंदिरापुरम को नगर-निगम को हैंड ओवर करने का प्रस्ताव जीडीए बोर्ड बैठक में पास

Proposal to hand over Ghaziabad's posh colony Indirapuram to Municipal Corporation passed in GDA board meeting

दीपक कुमार त्यागी

  • गाजियाबाद नगर-निगम को हस्तांतरण करने की दशकों पुरानी मांग को जल्द पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये थे अधिकारियों को निर्देश।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद पॉश कॉलोनी इंदिरापुरम को गाजियाबाद नगर-निगम को हस्तांतरण करने की दशकों पुरानी मांग को तेजतर्रार युवा आईएएस अधिकारियों की जोड़ी जीडीए वीसी अतुल वत्स व नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सभी विवादों का निस्तारण करके धरातल पर कर दिखाया साकार।
  • समझौते की शर्तों के अनुसार इंदिरापुरम कॉलोनी के हस्तांतरण के एवज में इस क्षेत्र के समुचित विकास के लिए जीडीए 185 करोड़ रुपए की भारी-भरकम धनराशि का नगर-निगम करेगा भुगतान।
  • इंदिरापुरम के हस्तांतरण के बाद समझौते की शर्तों के अनुसार कॉलोनी की सभी सामुदायिक सुविधाओं पर गाजियाबाद नगर-निगम का हो जायेगा अधिकार।
  • समझौते की शर्तों के अनुसार इंदिरापुरम के समस्त अनुरक्षण शुल्क देय अब गाजियाबाद नगर-निगम को होंगे देय।

गाजियाबाद : गाजियाबाद शहर की पॉश इंदिरापुरम कॉलोनी के निवासियों की दशक पुरानी मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा -निर्देश के अनुरूप इंदिरापुरम कॉलोनी को नगर-निगम को हस्तांतरण करने का सपना साकार हो गया है। गाजियाबाद के नगर-निगम क्षेत्र में स्थित पॉश कॉलोनी इंदिरापुरम को आज मेरठ में मंडलायुक्त सभागार में हुई जीडीए की 166वीं बोर्ड बैठक में गाजियाबाद नगर-निगम को हैंड ओवर करने का प्रस्ताव पास हो गया। आज की यह इतिहास रचने वाली बैठक मेरठ की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. (आईएएस) की मौजूदगी व अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें जीडीए, गाजियाबाद नगर-निगम के शीर्ष अधिकारी व जीडीए बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ भाजपा नेता पवन गोयल व जीडीए बोर्ड के सदस्य भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष केशव त्यागी आदि मौजूद रहे। आज जीडीए बोर्ड बैठक में अन्य मुद्दों के साथ इंदिरापुरम हस्तांतरण का प्रस्ताव भी अनुमोदन के लिए रखा गया। जीडीए बोर्ड बैठक में पॉश कॉलोनी इंदिरापुरम हस्तांतरण के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद उसको स्वीकृति के लिए बोर्ड के सभी सदस्यों के सामने रखा गया, जिस पर सदस्यों के द्वारा सहमति जताई गई। जिसके बाद विक्रमादित्य सिंह मलिक (आईएएस) नगर आयुक्त, गाजियाबाद नगर निगम तथा अतुल वत्स (आईएएस) उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा इंदिरापुरम के निगम को हस्तांतरण करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अंतिम मोहर लगाकर उसको मंडलायुक्त को सोंपने का कार्य किया। जिसके अब इंदिरापुरम के निवासियों को उम्मीद है कि जीडीए जल्द ही नगर-निगम को धरातल पर कॉलोनी हैंड ओवर करके उनके दशकों पुराने देखें गये सपने को जल्द ही धरातल पर साकार करने का कार्य करेगा।

आपको यहां बता दें कि गाजियाबाद शहर की बेहद पॉश कॉलोनियों में शुमार इंदिरापुरम हस्तांतरण को जीडीए बोर्ड बैठक से मिली स्वीकृति की महत्वपूर्ण शर्तों के अनुसार अब जीडीए नगर-निगम को 185 करोड़ की धनराशि देगा, जिसमें से 70 करोड़ की धनराशि एकमुश्त देनी होगी और बाकी शेष धनराशि तीन किश्तों में नगर-निगम को देनी होगी। जीडीए को पहली किश्त 40 करोड़ रुपए की 31 दिसंबर 2024 तक देनी होगी, वहीं दूसरी किश्त 40 करोड़ रुपए की 31 मार्च 2025 तक देनी होगी और तीसरी व अंतिम किश्त 35 करोड़ रुपए की 1 जुलाई 2025 तक देनी होगी। यहां आपको बता दें कि जीडीए से प्राप्त उपरोक्त सभी धनराशि लोकहित में भविष्य में इंदिरापुरम कॉलोनी के अंदुरूनी इंफ्रास्ट्रक्चर के समुचित विकास पर खर्च होगी।

इंदिरापुरम के गाजियाबाद नगर-निगम के हस्तांतरण के समझौते के अहम बिंदु यह भी है कि अब सभी सामुदायिक सुविधाओं पर गाजियाबाद नगर-निगम का अधिकार हो जायेगा। वहीं जीडीए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 8500 वर्ग मीटर भूमि नगर-निगम को उपलब्ध करवायेगा। इंदिरापुरम की सीमा के अंतर्गत सभी प्रकार के विज्ञापन का अधिकार अब नगर-निगम को मिल जायेगा। इंदिरापुरम सीमा के अंतर्गत आने वाले कम्यूनिटी सेंटरों से प्राप्त आय पर अधिकार भी नगर-निगम को मिलेगा। इंदिरापुरम में नगर-निगम के जोनल कार्यालय बनाने हेतु स्थान मिलेगा। इंदिरापुरम के निवासियों से मिलने वाले समस्त अनुरक्षण शुल्क देय अब गाजियाबाद नगर-निगम को देय होंगे।

वहीं इंदिरापुरम के हस्तांतरण पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर उन्होंने दशकों से लंबित चली आ रही इंदिरापुरम के नगर-निगम को हस्तांतरण करने की समस्या का समाधान करने के लिए कार्यभार संभालते ही धरातल पर पहल शुरू की थी, जिसके लिए जीडीए व नगर निगम की टीम के साथ-साथ मैंने नगरायुक्त से कई बैठक करके समस्या का समाधान करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ बिंदुवार चर्चा करते हुए नगर-निगम की आपत्तियों का निस्तारण करते हुए जीडीए व नगर-निगम की सहमति बनाते हुए इंदिरापुरम का हस्तांतरण करने के कार्य को अंजाम देने का कार्य किया है।

इंदिरापुरम के हस्तांतरण के बाद वहां के क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर उनका कहना कि लोगों के दशकों पुरानी मांग को पूरा करवाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी लोकहित की कार्यशैली से एकबार जनता को रूबरू करवाया है। वहीं जीडीए वीसी अतुल वत्स व नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करके अपनी जिम्मेदारी निभाने वाली कार्यशैली से लोगों को प्रभावित किया है।

इतिहास रचने वाली जीडीए बोर्ड की बैठक मेरठ की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. (आईएएस) की अध्यक्षता में हुई, जिसमें जीडीए वीसी अतुल वत्स व नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के साथ-साथ जीडीए, गाजियाबाद नगर-निगम के शीर्ष अधिकारी व जीडीए बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ भाजपा नेता पवन गोयल व जीडीए बोर्ड के सदस्य भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष केशव त्यागी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।