भारत के सभी प्रदेशों के जिला अस्पतालो में डेडिकेटेड टाइप -1 डायबिटीज क्लिनिक प्रारंभ कराने के लिए जन जागृति ड्राइव

Public awareness drive for starting dedicated type-1 diabetes clinics in district hospitals across all states of India

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

भारत में टाइप -1डायबिटीज बच्चों की संख्या विश्व में सबसे अधिक बताई जाती है। भारत के बाद अमेरिका दूसरे स्थान पर है । भारत में मधुमेह से पीड़ित मासूम नन्हे और किशोर बच्चें बहुत हिम्मत के साथ इस गंभीर रोग से जुझ रहे है। इन बच्चों को पूरी जिंदगी भर एक दिन में तीन से चार बार पीड़ादायक इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते है। इन मासूमों को इंजेक्शन देते समय हर माँ की आँखों से कई बार आँसू गिरते है। ऐसे नन्हे बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिये देश के दो प्रदेशों गुजरात और राजस्थान ने सर्वप्रथम पहल की है और दोनों प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने अपने बजट भाषण में के जिला अस्पतालो में डेडिकेटेड टाइप -1 डायबिटीज क्लिनिक प्रारंभ करने की घोषणा की है। भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत @2047 विज़न के अनुरूप स्वस्थ और सुखी भारत के सपने को साकार करने के लिए कटिबद्ध है। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी बच्चों और किशोरों के मधुमेह की रोकथाम और निदान के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने के पक्षधर है लेकिन भारत के संघीय ढ़ांचे में स्वास्थ्य राज्य का विषय होने से भारत सरकार इस सम्बन्ध में जन चेतना लाने के कार्य में जुटे लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।

इस कड़ी में गुजरात की दो डॉक्टर बहनें डॉ.स्मिता जोशी और डॉ.शुक्ला रावल आगामी 20 अप्रैल से एक बार पुनः स्वयं कार ड्राइव कर भारत के सभी प्रदेशों के जिला अस्पतालो में डेडिकेटेड टाइप -1डायबिटीज क्लिनिक प्रारंभ कराने के लिए जन जागृति अभियान शुरु कर रही हैं। इस ड्राइव की शुरुआत 20 अप्रैल को गुजरात की राजधानी गांधीनगर से होगी और इसका पहला पड़ाव 21अप्रैल को राजस्थान की राजधानी जयपुर में होगा। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा उन्हें ऑन लाइन शुभ कामना सन्देश देंगे ।

ये दोनों डाक्टर बहनें 2018 से टाइप -1 डायबिटीज बच्चों के चिकित्सा निदान और जागरूकता का कार्य कर रही है। इन दो बहनों ने टाइप -1डायबिटीज बच्चों के प्रति जन जागृति लाने के लिए पूर्व ने भी भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी और अमेरिका में ईस्ट से वेस्ट कोस्ट तक स्वयं कार ड्राइव कर सात हजार किमी लंबा जन जागरूकता अभियान चलाया था। अब ये दोनों बहनें डॉ.स्मिता जोशी और डॉ.शुक्ला बेन रावल,भारत के सभी राज्यों में पहले से मौजूद एनसीडी क्लीनिकों की तर्ज पर जिला सरकारी अस्पतालों में समर्पित टाइप 1 मधुमेह क्लीनिकों की स्थापना के लिए राज्यों को प्रेरित करने के लिए अपने स्वयं के देखभाल अभियान के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने जा रही हैं। वे 20 अप्रैल को गुजरात से 796.8 किमी लम्बी 13 घंटे की यात्रा पूरी कर राजस्थान (जयपुर) पहुंचेगी। अगले दिन वे राजस्थान (जयपुर) से नई दिल्ली पहुंचेंगी।नई दिल्ली से हरियाणा (चंडीगढ़) तथा वहां से उत्तराखंड (देहरादून) ,उत्तराखंड (देहरादून) से उत्तर प्रदेश (लखनऊ),उत्तर प्रदेश (लखनऊ) से मध्य प्रदेश (भोपाल) ,मध्य प्रदेश (भोपाल) से महाराष्ट्र (नागपुर) -महाराष्ट्र (नागपुर) से छत्तीसगढ़ (रायपुर) ,छत्तीसगढ़ (रायपुर) से ओडिशा (भुवनेश्वर) ,भुवनेश्वर से असम (गुवाहाटी) फ्लाइट से,असम (गुवाहाटी) से अरुणाचल प्रदेश (ईटानगर) फ्लाइट से अरुणाचल प्रदेश (ईटानगर) से मणिपुर (इम्फाल) फ्लाइट से और मणिपुर (इम्फाल) से भुवनेश्वर और तत्पश्चात स्वयं कार ड्राइव द्वारा भुवनेश्वर से अपने गृह प्रदेश गुजरात वापसी करेंगी।

भारत के करोड़ों बच्चों के हित में शुरु किए जा रहें उनके इस अभियान की सफलता के लिए उन्हें सभी ओर से बधाई और शुभकामनाएँ मिल रही है । लोगों का कहना है कि भारत की ऐसी बेटियाँ जो भारत के भविष्य बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए अथक प्रयास कर रही हैं, वो निश्चित ही सबके आशीर्वाद की हकदार है । इन दोनों बहनों की,“सेल्फ सोशियल रेस्पोंसिबिलिटी” (स्वयं की समाज के प्रति जिम्मेदारी) की भावना और जज़्बें की सभी ओर दिल से सराहना की जा रही है ।

देश के सभी नागरिकों को चाहिए कि इन दोनों बहनों का हौंसला बढ़ाएँ तथा वांछित सहयोग कर इस नेक काम में भागीदार बनें ।