एक हत्याकांड से सहारे राहुल की फिर हिन्दुओं को बांटने की साजिश

Rahul's conspiracy to divide Hindus again with the help of a massacre

संजय सक्सेना

रायबरेली : कांग्रेस के ‘ब्रांड अम्बेसडरर्’ और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी जिस तरह की जातिवादी राजनीति कर रहे है,वह देश और समाज के लिये काफी घातक है। राहुल गांधी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिये हिन्दू समाज को बांटने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। यह सिलसिला राहुल ने काफी पहले शुरू कर दिया था। इस साल हुये आम चुनाव के बाद तो राहुल ने हिंदुओं को बांटने की साजिशें और भी तेज कर दी हैं। आश्चर्य की बात यह है कि पारसी दादा फिरोज घांडी के पौत्र राहुल गांधी अपनी जाति धर्म तोे छिपाते हैं पर हर हर हिन्दू युवक से उसकी जाति पूछना वह अपना अधिकार समझते हैं। सबसे पहले जान लेते हैं कि राहुल गांधी के दादा फिरोज घांडी को गांधी उपनाम कैसे मिला? कई किताबें कहती हैं कि घांडी फिरोज का कुलनाम था, जो पारसी धर्म में एक जाति विशेष का उपनाम होता है। फिरोज का उपनाम घांडी लोगोें की जुबान पर नहीं चढ़ा था,एक तो घांडी उपजाति वाले पारसियों की आबादी बेहद कम थी दूसरे उस समय तो सब गांधी के पीछे भाग रहे थे। अज्ञानतावश लोग फिरोज घांडी को भी फिरोज गांधी कहकर बुलाने लगे,जिसका फिरोज को फायदा भी मिला,इसलिये उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया, लेकिन यह भी हकीकत है कि वह मरते दम तक पारसी ही रहे उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला। पारसी समाज के रीतिरिवाज के अनुसार ही उनकी अंतिम क्रिया हुई थी।

खैर, यह सब इस लिये याद आ गया क्योंकि राहुल गांधी एक बार फिर अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में हुई एक हत्या के सहारे हिन्दुओं को आपस मंे लड़ाने के लिये बिसात बिछा रहे हैं। बता दें पिछले दिनों राबयरेली में आपसी लड़ाई झगड़े में पासी समाज के युवक अर्जुन की हत्या कर दी गई थी। यह एक आपरधिक घटना थी जिसे राहुल गांधी ने दलित बनाम सवर्ण सियासत में बदल दिया।अपनी इसी सियासी महत्वाकाक्षा को पूरी करने के लिये 20 अगस्त मंगलवार को रायबरेली पहुंचे। उन्होंने यहां अर्जुन पासी के परिजनों से मुलाकात की। भरोसा दिया कि उत्पीड़न के मामले को सड़क से सदन तक उठाया जाएगा। राहुल गांधी इस हत्याकांड के सहारे अगड़ों और दलितों के बीच खाई पैदा करने का कुच्रक रचने लगे।बता दें राहुल गांधी दलित समाज के युवक अर्जुन पासी के मामले को लेकर विधानसभा की 103 सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।उनकी पार्टी यह भी रणनीति बना रही है कि दलितों से जुड़े मुद्दे पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी अब अर्जुन पासी की हत्या का मुद्दा उठाया उत्तर प्रदेश में जाटवों के बाद पासी दूसरा सबसे बड़ा दलित समुदाय है, जो राज्य की कुल अनुसूचित जाति आबादी का लगभग 16 प्रतिशत है। समाज के लोगों का दावा है कि वे करीब 103 सीटों पर प्रभाव रखते हैं, जिसमें 70 सीटें ऐसी हैं, जहां पासी समाज ही निर्याणक भूमिका में हैं।

राहुल गांधी यह सब तब कर रहे हैं जब कुछ दिन पहले ही गोली मारकर अर्जुन पासी की हत्या के मामले में परिजनों की शिकायत पर पांच लोगों पर नामजद एफआईआर की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बाकी का काम अदालत को करना है। इस मामले में बाद में ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि पर भी कुछ संगठनों ने हत्याकांड में शामिल होने का आरोप जड़ दिया. हालांकि, इस संबंध में पुलिस ने कहा है कि परिजनों ने जिसके खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज करवाई है उन पर कार्रवाई की गई है।

उधर, रायबरेली पहुंचे कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, यहां पर जो सभी लोग हैं, वो न्याय मांग रहे हैं, क्योंकि एक दलित युवक को जान से मारा गया है. पूरे परिवार को धमकाया गया है. एक शख्स को मारा गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. यहां के पुलिस अधीक्षक हत्याकांड के मास्टरमाइंड पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. छोटे-छोटे लोगों को पकड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में हर वर्ग का आदर हो और न्याय सबको मिले. जब तक इस परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम पीछे नहीं हटने वाले हैं.

संगठनों के दबाव में पुलिस द्वारा ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि का नाम हत्याकांड में न जोड़े जाने पर रायबरेली में इस मामले को दलित बनाम सवर्ण बना दिया गया है। पुलिस ने छह आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है और मुख्य आरोपी विशाल सिंह की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए लोगों का प्रदर्शन जारी है।