
- सीए डॉ.रामावतार किला बने चैप्टर के पहले अध्यक्ष
- नई पीढ़ी में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और प्रदेश की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता-केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि नई पीढ़ी में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और प्रदेश की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है ।
राजस्थान फाउंडेशन के दिल्ली चैप्टर की स्थापना तथा सीए डॉ. रामावतार किला को प्रथम अध्यक्ष के रूप में सम्मानित करने के लिए रविवार को सायं नई दिल्ली के आध्यात्म साधना केंद्र, छतरपुर में राजस्थान फाउंडेशन और राजस्थानी मित्रमंडल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “विरासत और विचार” सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संध्या को मुख्य अतिथि के रूप संबोधित करते हुए मेघवाल ने कहा कि विरासत और विचार संगोष्ठी का यह आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरक दिशा निर्देशन भी है। राजस्थान की गौरवशाली परंपरा, भाषा और विचार ही हमारी असली पहचान हैं।
उन्होंने राजस्थान फाउंडेशन दिल्ली चैप्टर के नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ. किला की नई दिल्ली के एम्स एवं अस्पतालों में प्रवासियों और निर्धनों को निःशुल्क भोजन वितरण तथा उन्हें ठहराने समाज सेवा, शिक्षा औरसांस्कृतिक जागरूकता के लिए किए जा रहे कार्यों की विशेष सराहना की।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान के उद्योग और वाणिज्य, खेल व युवा मामले, कौशल विकास, रोजगार एवं उद्यमिता और नीति निर्माण राज्य मंत्री के.के. विश्नोई, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों समाज एवं संस्कृति से जुड़े लोगों ने भाग लिया। समारोह में प्रवासी राजस्थानी उद्योगपतियों में के.सी. जैन विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण की गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक प्रेरणादायी बनाया।
राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मिठास, साहित्य की गहराई और संस्कृति की समृद्ध विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है ।राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त, डॉ. मनीषा अरोड़ा(आईएएस) ने दिल्ली चैप्टर की स्थापना के लिए बधाई दी और फाउंडेशन की राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार हों रहीं भूमिका को रेखांकित किया।
वक्ताओं ने सीए डॉ.रामावतार किला, के समाज सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक प्रख्यात चार्टर्ड अकाउंटेंट, शिक्षाविद और समाजसेवी हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याण के क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने दिल्ली चैप्टर को एक ऐसा मंच बनाने की बात कही, जो कि संस्कृति, संवाद और युवा सहभागिता को प्रोत्साहित करे।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक स्वागत, दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद एक सुंदर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। साहित्यिक सत्र में विभिन्न क्षेत्रों के वक्ताओं आईआरएस अतिरिक्त आयुक्त, कस्टम दिनेश जांगिड़, ज्ञानश्री स्कूल, नोएडा वरिष्ठ प्रशिक्षक परफॉर्मिंग आर्ट्स (संगीत) रोहित गहलोत, डॉ. देवीलाल गोडरा, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, जेएनयू, पत्रकार डॉ. मीना जांगिड आदि ने विचार साझा किए।
समारोह में समाज को उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। द फोक कारवां द्वारा प्रस्तुत राजस्थानी लोक संगीत ने समारोह को यादगार बना दिया।
“विरासत और विचार” के इस अनूठे उत्सव में न केवल राजस्थान फाउंडेशन के दिल्ली चैप्टर ने एक गौरवपूर्ण शुरुआत थी, बल्कि इसने सांस्कृतिक एकता, नेतृत्व और समाज सेवा की भावना को भी मजबूती से दर्शाया।