राजस्थान विधान सभा : भारतीय जनता पार्टी ने की 60 उम्मीदवारों तीसरी और चौथी सूची जारी

  • सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक अधिकांश उम्मीदवारों को टिकट
  • कांग्रेस की आख़िरी सूचियों का इंतज़ार

गोपेंद्र नाथ भट्ट

राजस्थान विधान सभा के इस महीने के अन्त में होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को 58 उम्मीदवारों की तीसरी और शुक्रवार को 2 और उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की है।इसे मिला कर भाजपा अब तक 184 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी हैं। भाजपा को अब केवल 16 और नामों की घोषणा करना बाकी है। भाजपा ने अपनी पहली सूची में 41 और दूसरी सूची में 83 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी।

श्राद्ध पक्ष में जारी पहली सूची में सात सांसदों को टिकट देने के बाद मचे घमासान से सबक़ लेकर भाजपा ने अपनी अगली दोनों सूचियों में एक भी सांसद को टिकट नही दिया है।पहली सूची के अलावा दोनों सूचियों में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे समर्थक और उनकी पसन्द के अधिकांश उम्मीदवारों को टिकट दिए गए है ।इस प्रकार गत दो सूचियों में वसुन्धरा राजे का दबदबा दिखाई दे रहा है।हालाँकि इन सूचियों में आरएसएस की पसन्द के उम्मीदवार भी देखें जा सकते हैं।

तीसरी सूची में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष और भाजपा के दमदार वयोवृद्ध नेता कैलाश मेघवाल का टिकट काट कर शाहपुरा में एक नए चेहरे को खड़ा किया गया है। कैलाश मेघवाल को पहले पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत और बाद के वसुन्धरा राजे का कट्टर समर्थक माना जाता था।

इस सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ़ जोधपुर के सरदारपुरा में महेन्द्र सिंह राठौड़ और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के विरुद्ध टोंक में पूर्व विधायक अजीत मेहता को प्रत्याक्षी बनाया गया गया है। सूची में आठ मौजूदा विधायकों, सात महिलाओं तथा एक दिन पहलें ही पार्टी जोईन करने वाले सुभाष मील, उदय लाल डांगी और दर्शन सिंह सहित 25 नए चेहरों को टिकट दिया गया है।सूची में एक और सन्त बाल मुकुंदाचार्य को जयपुर शहर के हवा महल से टिकट दिया गया है। इसके पूर्व भाजपा ने अलवर सांसद महन्त बालक नाथ को तिज़ारा और पोकरण में महन्त प्रताप पुरी को प्रत्याशी बना चुकी है।

भाजपा इस बार राजस्थान में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल को आगे कर चुनाव लड़ रही है लेकिन यदि भाजपा में बहुमत हांसिल कर लेती है और अधिकांश वसुन्धरा राजे समर्थक प्रत्याशी चुनाव जीत जाते है तों मुख्यमंत्री पद पर वसुन्धरा राजे का दावा मज़बूती से उभरेगा।हालाँकि भाजपा ने वसुन्धरा को पिछलें चुनावों की तरह जाहिरात रूप से मुख्यमंत्री का फेस घोषित नही किया है लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व यह बात भलीभाँति समझ गया हैकि राजस्थान के रण को वसुन्धरा राजे के बिना नही जीता जा सकता और पहली सूची में कटे कुछ नाम और तीसरी सूची में उनके समर्थक वयोवृद्ध कैलाश मेघवाल और यूनुस खान के नाम को छोड़ सूची में वसुन्धरा समर्थक उम्मीदवार दिख रहे है। फिर भी वसुन्धरा के कट्टर समर्थक माने जाने वाले राजपाल सिंह शेखावत का नाम पहली सूची में और तीसरी सूची के कैलाश मेघवाल और यूनुस खान का नाम काटा गया है। पिछलें चुनाव में यूनुस खान को टोंक से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के विरुद्ध टिकट दिया गया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। इस बार फिर से वे अपने गृह नगर डीडवाना से टिकट माँग रहे थे।अभी वसुन्धरा राजे के एक और सिपलहार एवं पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी का नाम भी सूची में नही आया है।

कतिपय राजनीतिक पण्डित यह क़यास लगा रहें थे कि इस बार भाजपा राजस्थान के मुस्लिम बहुल इलाक़ों में राष्ट्रवादी मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार सकती है लेकिन अब तक जारी सूचियों में एक भी मुस्लिम को भाजपा ने उम्मीदवार नही बनाया गया है,इससे लगता कि आगे भी किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नही मिलने वाला है।

तीसरी सूची में पिछलें चुनावों में हारे हुए 29 नेताओं को भी टिकट मिल गई है जिनमें 24 पूर्व विधायक है। इनमें सात पूर्व विधायक वसुन्धरा राजे के मंत्रिपरिषद में मंत्री भी रहें हैं।

वंशवाद का विरोध करने वाली भाजपा ने इस बार जम कर अपने नेताओं के परिवारों पर भी कृपा बरसाई है। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह,पूर्व विधायक लादूराम के पुत्र के.के.विश्नोई, ज्ञानदेव आहूजा के भतीजे और हाल ही फिर से बीजेपी में शामिल हुए देवी सिंह भाटी की पुत्रवधु आदि को भी टिकटों से नवाजा गया हैं।

भाजपा को अब सौलह सीटों हनुमानगढ़, सरदारशहर, सुजानगढ,राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस, किशनपोल, आदर्श नगर के अलावा भरतपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, मसूदा, शेरगढ़, बाड़मेर, पचपदरा, मावली, पीपलदा,कोटा (उत्तर) एवं विधान सभा सीटों पर उम्मीदवारों के टिकट घोषित करना शेष है।अब 145 सीटें ऐसी है जिस पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट हो गई है।

इधर कांग्रेस में भी घोषित उम्मीदवारों का विरोध शुरू हो गया है । इसे देखते हुए पार्टी हाई कमान ने समाचार लिखने तक अपनी छठी सूची जारी नही की है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में धरना प्रदर्शन शुरु हो गए हैं। जयपुर में जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी के समर्थकों ने पीसीसी मुख्यालय पर और शाहपुरा में कांग्रेस को समर्थन देने वाले कांग्रेस की दिग्गज महिला नेत्री और पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के पुत्र निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल तथा पूर्व गृह राज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल के समर्थकों ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किए है।

कांग्रेस पार्टी ने अब तक 200 में से राजस्थान के लिए अपने 156 उम्मीदवारों की सूची की है और 44 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होना शेष है।कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अभी भी करीब 15 सीटें ऐसी है जिन पर पार्टी में आपसी सहमति नही हो पाई है। ऐसी परिस्थिति में आखिरी सूची जारी होने में एक-दो दिन और लग सकते है लेकिन जिन सीटों पर लगभग उम्मीदवार फाइनल कर लिए गए है , उन्हें दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा संगठन मंत्री के.सी. वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के वहाँ से फोन पर चुनावी तैयारियां शुरु करने की सूचना भेजी जा चुकी है।

कांग्रेस पार्टी अभी भी कोटा शहर , जयपुर के हवा महल, विद्याधर नगर, आमेर, झोटवाडा, चौमू ,शाहपुरा, चाकसू जमवारामगढ़,अलवर शहर,अजमेर उत्तर, भीलवाड़ा,चित्तौड़गढ़ शहर और डूंगरपुर जिले के चौरासी आदि सीटों पर गहन विचार विमर्श के दौर में है।

कमोबेश कांग्रेस और भाजपा की सूचियों में कई समानताएँ है और लगता है अन्य दलों तथा निर्दलियों के चुनाव मैदान में होने से इस बार मुक़ाबला काफ़ी रोचक और संघर्ष पूर्ण रहने वाला है।देखना है कि चुनावी शतरंज की पूरी चौसर बिछने के बाद शह मात का यह खेल कैसा रहेगा?