राजस्थान विधान सभा अध्‍यक्ष वासुदेव देवनानी के नवाचारों की संसद में रही चर्चा

Rajasthan Legislative Assembly Speaker Vasudev Devnani's innovations were discussed in Parliament

उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला को भेंट की नवाचारों की पुस्‍तक

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : राजस्थान विधान सभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी राजस्थान विधान सभा अध्‍यक्ष वासुदेव देवनानी के नवाचारों की संसद में चर्चा हो रही है ।

देवनानी के नवाचारों को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला में बहुत सराहा ।मंगलवार को देवनानी ने अपने एक दिवसीय दिल्ली यात्रा के दौरान राजस्थान विधानसभा में एक वर्ष में किये गये नवाचारों पर आधारित पुस्तक ” राजस्‍थान विधान सभा में वासुदेव देवनानी के नवाचारों का एक वर्ष” की प्रति उपराष्‍ट्रपति धनखड को भेंट की। उपराष्‍ट्रपति ने देवनानी द्वारा राजस्‍थान विधान सभा में किये गये नवाचारों की सराहना की और अन्‍य विधानसभाओं के लिए इन नवाचारों को प्रेरणास्‍त्रोत बताया और रचनात्‍मक प्रयास के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।देवनानी ने संसद भवन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी भेंट संसदीय प्रणाली और लोकतान्त्रिक मूल्‍यों से संबंधित विषयों पर चर्चा की।संसद भवन में राजस्थान सहित अन्य राज्यों के सांसदों ने भी देवनानी से मुलाकात कर उन्हें नवाचारों के लिए बधाइयाँ दी ।

इससे पहले देवनानी ने केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के पैतृक ग्राम जमालपुर पहुंचकर उनके पिता स्व. कदम सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। इस मौके पर राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि वासुदेव देवनानी ने अपने नवाचारों से राजस्थान विधान सभा को एक नए युग में पहुंचाया है। उनके कार्यकाल में सदन की मान-मर्यादा को बनाए रखने और ज्यादा से ज्यादा समय तक सदन का संचालन करने पर जोर दिया गया है।

देवनानी के नेतृत्व में राजस्थान विधान सभा ने सदन की कार्यवाही का संचालन करने में नए तरीके अपनाए हैं। उन्होंने सदन में विभिन्न दलों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।देवनानी ने प्रश्नकाल का संचालन करने में भी नए तरीके अपनाए हैं। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों को अपने प्रश्न पूछने के लिए अधिक समय देने का प्रयास किया है।

देवनानी ने राजस्थान विधान सभा में नवाचारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने संसद की तरह राजस्थान विधानसभा में भी सर्वदलीय बैठक की ऐतिहासिक पहल की है तथा सदन में लंच ब्रेक की शुरुआत भी कराई हैं।। देवनानी ने सदन में विभिन्न विषयों पर चर्चा और बहस के लिए कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से विधानसभा प्रश्नों के उत्तर समय सीमा में मंगाने के साथ ही विधानसभा की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी समय पर मंगाना और उनकी आवश्यक रूप से सदन में चर्चा करना भी सुनिश्चित कराया है।

देवनानी ने विधान सभा में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने सदन में ई-विधान कार्यक्रम को लागू किया है, जिससे सदस्यों को अपने कार्यों को अधिक कुशलता से करने में मदद मिली है।

देवनानी ने राजस्थान विधान सभा में निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने सदन में निर्णय लेने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का प्रयास किया है।उन्होंने राजस्थान विधान सभा में सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य सदस्यों को अपने कार्यों को अधिक कुशलता से करने में मदद करना है।

देवनानी ने विधान सभा की कार्यवाही का प्रसारण करने के लिए कदम उठाए हैं। सदन की कार्यवाही का प्रसारण टेलीविजन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है, जिससे जनता को सदन की कार्यवाही के बारे में जानकारी मिल सके।इन नवाचारों के परिणामस्वरूप, राजस्थान विधान सभा ने अपने कार्यों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया है।

देवनानी के ऐतिहासिक नवाचारों में विधानसभा द्वारा प्रकाशित कैलेण्डर और डायरी भी शामिल है। इनका प्रकाशन भारतीय वर्ष के अनुसार नवसंवत्सर के माह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के आधार पर कराया गया है। साथ ही इनमें वीर वीरांगनाओं और महापुरू षों के चित्रों को भी शामिल किया गया है।

वासुदेव देवनानी राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की तरह जयपुर में राजस्थान कांस्टीट्यूशन क्लब को शुरू कराने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।देवनानी ने विधानसभा भवन और इससे सटे नव निर्मित विधायक निवास में बिजली के खर्च की बचत के लिए सोलर पेनल लगाने की दिशा में प्रयास किए हैं।

देवनानी ने परम्परा से हट कर राजस्थान विधानसभा के द्वार आमजन के लिए खोल दिए है। जिससे अब विधानसभा के डिजिटल संग्रहालय को काफ़ी संख्या में लोग विद्यार्थी देखने आ रहे है। संग्रहालय में संविधान दीर्घा का शुभारम्भ भी देवनानी की ऐतिहासिक एवं शोधपरक दृष्टि का परिचायक है। इस दीर्घा में मूल संविधान के बाईस भागों को खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया है। विशेष कर संविधान के बाईस भागों के मुख पृष्ठ पर भारत की संस्कृति और स्वाभिमान को दिखाती तस्वीरों में भारत की प्राचीन सभ्यता मोहेंजोदडो से लेकर महाभारत में कुरुक्षेत्र और कृष्ण द्वारा दिए गए गीता के ज्ञान, भगवान श्री राम की लंका विजय, भगवान बुद्ध का जीवन चरित्र, महान सम्राट अशोक, उज्जैन के न्यायप्रिय महाराज विक्रमादित्य के राजदरबार, प्राचीन वैदिक गुरुकुल, नालंदा विश्वविद्यालय, भगवान नटराज, रामभक्त हनुमान के साथ ही झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, छत्रपति वीर शिवाजी और गुरु गोविन्द सिंह आदि को प्रदर्शित किया गया है।उन्होंने विधानसभा म्यूजियम को देश के पर्यटन नक्शे से भी जुडवाया है। इससे देश विदेश के पर्यटक भी विधानसभा संग्रहालय और विधान सभा बेजोड़ भवन को निकट से देख पा रहें है।

देवनानी के मार्गदर्शन में राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा को विधानसभा में सक्रिय मंच के रूप में परिवर्तित किया गया है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और जापान आदि देशों की हाल ही की यात्रा के दौरान भारतवंशियों और प्रवासी राजस्थानियों को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित को भारत राष्ट्र बनाने के विजन को मूर्त रुप देने के लिए भारत तथा राजस्थान के सर्वांगीण विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया हैं।

तीर्थराज पुष्कर और अजमेर दरगाह के लिए विश्व प्रसिद्ध अजमेर निवासी 76 वर्षीय वासुदेव देवनानी सनातन भारतीय संस्कृति के प्रतीक है।उनकी कर्मभूमि कई वर्षों तक उदयपुर रही। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर वे तकनीकी शिक्षाविद् रहें । आरएसएस की विचारधारा में पले बढ़ें और भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रह कर राजनीति में आये देवनानी एक प्रखर और गंभीर राजनेता है। देवनानी ने राजस्थान विधानसभा के सदस्य‍ की शपथ संस्कृ्त भाषा में ली थी। संसदीय कार्य प्रणाली का लंबा अनुभव रखने वाले देवनानी हिन्दी, संस्कृत, सिन्धी और अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड रखते है। वे अजमेर उत्तर से विधायक हैं और पाँचवी बार विधायक का चुनाव जीत चुके है। वसुन्धरा राजे के मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहते हुए भी उन्होंने कई नवाचार किए और पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप महान जैसे कई परिवर्तन करा पूरे देश में चर्चित हो चुके है।

वासुदेव देवनानी अपने नवाचारों से राजस्थान विधानसभा को देश की सर्वश्रेष्ठ विधान सभा बनने के लिए सतत प्रयत्नशील है।