
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही पचपदरा में निर्माणाधीन तेल रिफाइनरी का दौरा किया और प्रगति का जायजा लिया। दौरे के बाद केन्द्रीय मंत्री ने संकेत दिए हैं कि राजस्थान को इस वर्ष दिवाली के समय (सितंबर–अक्टूबर 2025) पचपदरा (बालोतरा, बाड़मेर) में बन रही तेल रिफाइनरी का “तोहफ़ा” मिल सकता है।
एच पी सी एल और राजस्थान सरकार की साझेदारी से चल रही यह परियोजना प्रति वर्ष 9 मिलियन मीट्रिक टन रिफाइनिंग क्षमता और 2.4 मिलियन मीट्रिक टन पेट्रोकेमिकल उत्पादन की क्षमता वाली है।
पचपदरा में बन रही तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्पलेक्स में कई प्रोसेसिंग यूनिट्स — जैसे क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट , वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट , डिले ड कॉकर यूनिट और कंट्रोल रूम का उद्घाटन हाल ही में हुआ है।अधिकांश यूनिट्स का काम अब लगभग 90 प्रतिशत से ऊपर पूरा हो चुका है। कुछ विशेष यूनिट्स (जैसे सल्फर रिकवरी यूनिट) थोड़ी देरी के साथ 68 प्रतिशत तक ही पहुंची हैं। परियोजना का करीब 90.3 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था, और उत्पादन मार्च 2026 से शुरू होने की संभावना है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि दिवाली के समय रिफाइनरी का शुभारंभ संभव है और केंद्र, राज्य सरकार तथा एच पी सी एल मिलकर समयबद्ध तरीके से इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी जनवरी में निरीक्षण के बाद इस दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं।
इसे देखते हुए यह सही प्रतीत होता है कि दिवाली पर तेल रिफाइनरी का तोहफ़ा मिलना काफी हद तक वास्तविक प्रतीत होती है, क्योंकि केंद्रीय और राज्य नेतृत्व ने यही संकेत दिए हैं। हालाँकि, मार्च 2026 तक तेल रिफाइनरी उत्पादन शुरू होने की एक ठोस संभाव्यता भी बनी हुई है। अतः दिवाली के आसपास शुभारंभ एक अनुमति-युक्त आशावाद है, न कि पूरी तरह पुष्ट तथ्य।
पचपदरा रिफाइनरी पश्चिम राजस्थान में विकास के नए द्वार खोलेगी इसमें संदेह नहीं है। इससे जहां रोजगार के द्वार खुलेगे वही कई सहायक उद्योगों के आने क्षेत्र में विकास की नई इबारत बन जाएगी