मंत्री बनने के लिए कुछ ज्यादा बेचैन दिख रहे हैं राजभर

अजय कुमार

उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के गठबंधन का हिस्सा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और हमेशा सुर्खियां बटोरते रहते हैं.यह सुर्खियां खासकर इस बात को लेकर बनती हैं कि सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी मत्रिमंडल का कब हिस्सा बनेंगे.इसको लेकर लम्बे समय से अटकले भी लग रही हैं,लेकिन ओमप्रकाश राजभर और सपा छोड़कर भाजपा में आये दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने की तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही है.मंत्री बनने के लिए राजभर कुछ ज्यादा बेचैन दिख रहे हैं. योगी से कई बार मुलाकात के बाद भी जब राजभर के मंत्री बनने की राह नहीं खुली तो उन्होंने दिल्ली के दरबार में दस्तक देना शुरू कर दिया है.गत दिवस राजभर ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात की है. राजभर और शाह के बीच हुई मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है. राजभर इससे पहले सीएम योगी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं.

सूत्र बताते हैं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से राजभर की मुलाकात के दौरान यूपी मंत्रीमंडल विस्तार, लोकसभा चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मुलाकात के बाद राजभर के योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चाओं ने फिर तूल पकड़ लिया है.सुभासपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि खरमास खत्म होते ही योगी मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है जिसमें राजभर और दारा सिंह चौहान मंत्री पर हासिल कर सकते हैंे. उधर, ओपी राजभर ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी खरमास तक रुक जाने के लिए कहा है.राजभर ने कहा कि हमने अमित शाह जी से पूछा था कि मंत्रीमंडल विस्तार में इतना विलंब क्यों हो रहा है तो उन्होंने खरमास तक रुक जाने के लिए कहा है. अभी मंत्रिमंडल विस्तार की फाइनल तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन खरमास के बाद किसी भी समय विस्तार की घोषणा हो सकती है. मीडिया से बात करते हुए राजभर ने यह भी कहा कि सिर्फ ओम प्रकाश राजभर ही मंत्री नहीं बनेंगे, अन्य लोग भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. हालांकि अन्य लोगों में से किसी का खुलकर नाम नहीं बताया.

राजभर ने गृहमंत्री से मुलाकात की दो फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की है जिसमें उन्‍होंने लिखा है कि नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से नए साल पर आत्मीय मुलाकात हुई है. इस बैठक में यूपी, बिहार की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई. साथ ही भर राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव जल्द से जल्द यूपी सरकार से दिल्ली सरकार को रिपोर्ट मांगने पर चर्चा हुई है.

राजभर ने अपने पोस्ट के जरिये बताया कि बंजारा जाति के सामाजिक समस्याओं व गोंड, ख़रवार जाति के जातिप्रमाण पत्र यूपी के सभी जिलों में सरकार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र के शासनादेश का पालन कराकर जाति प्रमाण पत्र जारी कराने पर भी चर्चा हुई.इसके साथ ही वंचित शोषित वर्गों के हितों से जुड़े अहम विषयों पर भी सकारात्मक चर्चा हुई है.बहराल ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान की स्थिति ठीक वैसे ही हो गई है जैसी योगी के पहले कार्यकाल में मौजूदा उर्जा और नगर विकास मंत्री एके शर्मा की हुई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी माने जाने वाले एके शर्मा को जब गुजरात से यूपी लाकर चुनाव लड़ाया गया था तो यहां तक चर्चा चल पड़ी थी,योगी सरकार के ऊपर मोदी ने एके शर्मा केे रूप में ‘पहरेदार’ बैठा दिया है.शर्मा के योगी मत्रिमंडल में बड़ा विभाग मिलने की भी खूब चर्चा हुई लेकिन योगी ने शर्मा को अंत तक मंत्री पर की शपथ नहीं दिखाई,जबकि उनके ऊपर दिल्ली का काफी दबाव था.ऐसे में अब राजभर का दिल्ली दरबार वाला दबाव योगी पर कितना चल पायेगा,यह कहना मुश्किल है,राजभर की इस हिमाकत के चलते यदि राजभर से मंत्री पद की कुर्सी और दूर चली जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.