रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लक्ष्य को अभी से साधना शुरू कर दिया है। भाजपा ने यूपी से राज्यसभा के जिन आठ उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं, उनमें क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के साथ संगठन के प्रति उम्मीदवार के समर्पण और निष्ठा पर विशेष रूप से गौर किया गया है। उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मंगलवार को विधानसभा में नामांकन किया है और माना जा रहा है कि सभी उम्मीदवारों का निविर्रोध चुना जाना तय है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके ही कार्यकाल में हुए लोकसभा 2014 के चुनावों में प्रदेश में भाजपा को सवाधिक 75 सीटें मिलीं थी। वह चार बार मेरठ सदर सीट से विधायक और पूर्व मंत्री भी रहे हैं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली दर्शना सिंह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और वह महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। चुनावों में उनके योगदान को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
संगीता यादव पहली बार पिछले चुनाव में गोरखपुर के चौरीचौरा सीट से विधायक चुनी गई थीं। भाजपा ने उन्हें भी यूपी से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। उनकी सीट गठबंधन में निषाद पार्टी के खाते में जाने के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सकीं थीं। लिहाजा पार्टी ने उनका समायोजन राज्यसभा के लिए किया है। फिलहाल, वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री भी हैं।
डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (बाल रोग विशेषज्ञ) भी गोरखपुर से ही आते हैं। गोरखपुर शहर के जिस सीट से वह लगातार चार बार विधायक रहे हैं, उस सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान सभा चुनाव लड़ने के कारण उनको सीट छोड़नी पड़ी थी। इसके अलावा बाबूराम निषाद राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष हैं। पार्टी में सुरेंद्र नागर गुर्जर समाज के बड़े चेहरा हैं और वह पहले से ही राज्यसभा के सदस्य थे। उनको पार्टी ने फिर से मौका दिया है। मिथिलेश कुमार दलित समुदाय से आते हैं। इसके अलावा हैदराबाद के रहने वाले भाजपा पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण को भी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है।