
रविवार दिल्ली नेटवर्क
श्री सनातन धर्म सभा चलचित्र समिति के तत्वाधान में ओम अखाड़ा गौशाला की सहायतार्थ श्रीराम कथा में आजरामराज्य की चर्चा करते हुए महाराज जी ने कहा की राम जब अयोध्या के राजा बने तो उन्होंने चारों वर्ण के लिए एक ही घाट बनाया राजा और प्रजा सभी एक ही घाट पर स्नान करते थे अर्थात राम ने समरसता पूर्ण समाज की स्थापना की समरसता युक्त समाज ही राम राज्य है। सुन्दर कांड की कथा भगवान की भक्तों पर अनुग्रह की कथा है भगवान हमे बताना चाहते है की जो-जो मुझसे व स्वयंधर्म के कर्तव्यों से विमुख हो जाते है मै उन्हें अपने सम्मुख करने के लिए स्वयं प्रयास करता हूँ और शरणागति के लिए हनुमान जी जैसे आचार्य को भी भेज कर कर्म ( पुरुषार्थ ) करवाता हूँ ।
- जीवन को सुखद बनाने साधन भक्ति है जो भगवान की शरणागति से प्राप्त होती है अन्यथा ज्ञानी पुरूष तो अर्जुन की तरह प्रश्न करता रहता है यही ज्ञान जब भक्ति की अग्नि पर तपता है तभी जीवन में वैराग्य उत्पन होता है और वैराग्यवान भक्त को भगवान अभय करते हैं।
- लंका में माँ जानकी की स्थिति को देखकर हनुमान जी को अपना शिव रूप याद आ गया और उन्होंने अपने कोप से लंका को जला दिया ।
- सुन्दर कांड में माँ जानकी हमे संदेश देना चाहती है की मृत्यु का भय होने पर भी हमे अपने सतित्व की रक्षा कैसे करनी चाहिए इसलिए आज हमें अपनी बेटियों को राजा दाहिर पुत्रियों सूर्या, परमाल,हांडा रानी, दुर्गावती, झलकारी बाई व लक्ष्मी बाई की कहानियां सुननी चाहिए।
भगवान राम ने शबरी को भक्ति का उपदेश देते हुए कहा कि मैं जाति कुल धर्म धन बल किसी को नहीं मानता मैं केवल एक भक्ति के संबंध को मानता हूं और जो मुझे भक्ति के नाते प्रेम करता है मैं और जो व्यक्ति मुझ पर आश्रित होकर जीवन को जीता है मैं सदा उसके भरण पोषण रक्षण की चिंता करता हूं जैसे मां अपने अबोध बालक की देखरेख करती है उसी प्रकार मैं अपने भक्तों की देखभाल करता हूं।
आज कथा में अमिताभ तिवारी एडवोकेट व गंगासागर ओझा ने सबका धन्यवाद दिया और कथा के मुख्य अजमल जसवीर फौजी ने कथा व्यास जी को तिलक कर विदा किया कथा में मोहित शेरावत पंकज मित्तल ज्ञानेंद्र गौ सेवक सुभाष सदरपुर उपस्थित रहे।