
दीपक कुमार त्यागी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट : प्रिसटीन एवेन्यू, गौर सिटी 2 स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बालक राम शाखा ने राम नवमी के पावन अवसर पर अपना वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया।
इस अवसर पर शाखा के स्वयंसेवकों ने दैनिक शाखा के कार्यक्रमों जैसे सूर्यनमस्कार, शारीरिक, व्यायाम, योग, आसन इत्यादि का प्रस्तुतिकरण किया।
बालक राम शाखा का यह वार्षिक उत्सव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल्यों और आदर्शों को बढ़ावा देने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
बालक राम शाखा के वार्षिक उत्सव के अध्यक्ष कवि सुदीप भोला ने अपनी कविताओं के माध्यम से अपनी बात रखी और मातृशक्ति हेतु कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने अपनी कविताओं में बेटियों को सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के बारे में बताया और उन्हें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया। जीजाबाई और माता सीता के जीवन चरित्र का वर्णन भी उन्होंने किया।
बालक राम शाखा के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हरनंदी महानगर के प्रचारक ललित शंकर ने अपने उद्बोधन में भगवान राम से प्रेरित बातें बताईं। उन्होंने उपस्थित स्वयंसेवक बंधुओं और सोसाइटी की मातृशक्ति से अनुरोध किया कि हमें भगवान राम के आदर्शों पर चलना चाहिए, उनके आदर्शों को पढ़ना चाहिए और अपने जीवन में लाना चाहिए।
ललित शंकर ने मातृशक्ति से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों को भी ऐसी शिक्षाएं देनी चाहिए, क्योंकि हमने इतिहास में देखा है कि हर एक महान व्यक्तियों के पीछे कहीं ना कहीं मातृशक्ति का हाथ होता है। उन्होंने भगवान राम, शिवाजी महाराज जैसे महान व्यक्तियों के उदाहरण देकर समझाया कि कैसे मातृशक्ति ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ललित शंकर ने कहा कि भगवान राम के आदर्श हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने जीवन में सत्य, न्याय और करुणा को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को भी इन आदर्शों को सिखाना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें और समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकें।
शाखा वार्षिक उत्सव में 160 से भी अधिक उपस्थिति रही जिसमे 55 स्वयंसेवक बंधु पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहें और भारी संख्या में मातृ शक्ति की उपस्थिति रहीं । शाखा कार्यवाह बाबूलाल, राजेन्द्र, अखिल, अमित, इंदुशेखर, आशीष, शुभम् के साथ ही नगर , भाग और महानगर के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहें ।