टीएमयू में साकार करें स्किल्ड फिजियोथेरेपिस्ट बनने का सपना

Realize your dream of becoming a skilled physiotherapist at TMU

रविवार दिल्ली नेटवर्क

शारीरिक व्याधियों से मुक्ति के लिए फिजियोथेरेपी एक वरदान है। आधुनिक जीवनशैली के चलते गर्दन दर्द, पीठ दर्द, जोड़ों में सूजन, पक्षाघात, स्पोर्ट्स इंजरी आदि के ट्रीटमेंट में फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसीलिए यह हैल्थ सेक्टर का मोस्ट डिमांडिंग कोर्स है। इसमें बिना दवाइयों के आधुनिक तकनीकों जैसे मैनुअल थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, एक्सरसाइज़ और रिहैबिलिटेशन का उपयोग किया जाता है। फिजियोथेरेपी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक फायदेमंद ही है। फिजियोथेरेपी कोर्स करने के बाद रोजगार की अपार संभावनाएं है। प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट के लिए न केवल क्लिनिकल सेटअप, बल्कि खेल संस्थानों, पुनर्वास केंद्रों, स्कूलों, औद्योगिक इकाइयों और अनुसंधान संस्थानों में जॉब्स ही जॉब्स हैं। आर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, साइटिका, स्ट्रोक (पक्षाघात), स्पाइन डिसऑर्डर, सर्जरी के बाद रिकवरी, स्पोर्ट्स इंजरीज, पार्किंसन डिज़ीज़, सेरेब्रल पाल्सी में फिजियोथेरेपी रामबाण सरीखी है। यदि आप पीसीबी से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास हैं तो आपको एडमिशन मिल जाएगा। फिजियोथेरेपी कोर्स की ख़ास बात यह है, फिलहाल इसमें एडमिशन के लिए नीट की दरकार नहीं है। टीएमयू का फिजियोथेरेपी विभाग बीपीटी, एमपीटी कोर्सेंज के संग-संग पीएचडी में स्टुडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।

डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोथैरेपी की एचओडी प्रो. शिवानी एम. कौल बताती हैं, बीपीटी का कोर्स साढे चार साल का है, जिसमें छह माह की इंटर्नशिप शामिल है। ऑर्थोटिक-प्रोस्थेटिक, कार्डियोपल्मोनरी, न्यूरो, मस्कुलोस्केलेटल की अत्याधुनिक लैब्स के संग-संग 1,000 प्लस बेड वाले टीएमयू के सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में लाइव केस ट्रेनिंग मिलती है। एमपीटी में ऑर्थो, न्यूरो, कार्डियो-रेस्पिरेटरी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, ऑब्स एंड गायने, पीडियाट्रिक एवम् जेरिएट्रिक फिजियोथेरेपी आदि में स्पेशिलाइजेशन की सुविधा है। स्टुडेंट्स को क्लिनिक, रिसर्च, करियर ओरिएंटेड ट्रेनिंग सरीखी सहूलियतें दी जाती हैं। प्रो. कौल कहती हैं, एमपीटी के बाद छात्र उच्च शिक्षा, शिक्षण, रिसर्च और विदेशों में प्रैक्टिस जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं। टीएमयू फिजियोथेरेपी विभाग न केवल छात्रों को डिग्री प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक संवेदनशील, दक्ष और सामाजिक रूप से जागरूक हेल्थकेयर प्रोफेशनल के रूप में तैयार करता है।