रविवार दिल्ली नेटवर्क
- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, नर्सिंग कॉलेज के एनएसएस विभाग की ओर से गांव नानकबाड़ी में आत्महत्या रोकथाम और नियंत्रण पर जागरूकता कार्यक्रम के तहत नर्सिंग स्टुडेंट्स ने रोल प्ले, नारे और बैनर्स के जरिए किया जागरूक
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के नर्सिंग कॉलेज के एनएसएस विभाग की ओर से गांव नानकबाड़ी में आत्महत्या रोकथाम और नियंत्रण पर जागरूकता कार्यक्रम में नर्सिंग स्टुडेंट्स ने रोल प्ले, नारे और बैनर्स के जरिए आत्महत्या से बचने के लिए जागरूक किया। इस मौके पर शिक्षकों और छात्रों ने अपनी समस्याओं को मौत के मुंह में मत जाने दो… हार मत मानो, जीवन जीने लायक है…, हर समस्या का एक समाधान होता है, और आत्महत्या हर समस्या का समाधान नहीं होता है… जैसे स्लोगन्स से जागरूकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्टुडेंट्स को आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम को रोकना था। इससे पूर्व एसडीआरएम, नानकबाड़ी के प्रिंसिपल श्री सतीश सिंह का स्वागत किया गया। इस मौके पर मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग विभाग के श्री नफीस अहमद और श्री एलन सिंह की भी मौजूदगी रही।
एनएसएस को-ऑर्डिनेटर श्री गौरव कुमार ने कहा, आत्महत्या एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। समय पर उचित हस्तक्षेप के जरिए इस आत्मघाती कदम को रोका जा सकता है। साथ ही आत्महत्या रोकथाम को एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने बताया, हर साल करीब सात लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं। आत्महत्या एक त्रासदी है, जो मनुष्य के परिवार, समुदाय और देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। बीएससी नर्सिंग सेकेंड ईयर के स्टुडेंट्स पावनी अग्रवाल, अमीषा जॉन विन्सेंट, रितिक कुमार, अंशुल राजा, पल्लवी शर्मा, सांझ, दुष्यन्त सिंह डागुर और जीएनएम थर्ड ईयर के प्रियांशु, आशू, अनामिका, प्रीति और नामवीर ने भी आपने विचार रखे। कार्यक्रम में बीएससी नर्सिंग फर्स्ट एवम् सेकेंड ईयर, जीएनएम थर्ड ईयर के करीब 29 स्टुडेंट्स के अलावा एसडीआरएम स्कूल, नानकबाड़ी के करीब 10 शिक्षक और 150 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
फिजियोथैरेपी का आर्थ्राइटिस पर कैंप
भौतिक चिकित्सा विभाग की ओर से मुरादाबाद के गांव गिन्नौर में फिजियोथैरेपी कैंप लगाया गया, जिसमें आर्थ्राइटिस के मरीजों के उपचार के संग-संग गठिया से बचाव के प्रति जागरूक भी किया गया। उल्लेखनीय है, इस वर्ष फिजियोथैरेपी दिवस की थीम- आर्थ्राइटिस रही है। कैंप में करीब 80 रोगियों का दवाइयों और फिजियोथैरेपी के दर्द निरोधक उपकरणों की सहायता से इलाज किया गया। स्टुडेंट्स ने ग्रामीणों को गठिया रोग से बचने और इलाज के लिए जरूरी व्यायाम के बारे में विस्तार से बताया। कैंप में को-ऑर्डिनेटर डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. शिप्रा गंगवार, डॉ. समर्पिता सेनापति के अलावा बीपीटी तृतीय और चतुर्थ वर्ष के स्टुडेंट्स- प्रियांक सिंह, प्रांजल जैन, रिषभ चौबे, अनिमेश जैन, मयंक वर्मा, संस्कृति शर्मा, ईशा आदि शामिल रहे।