रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष व एनडीटीएफ के संस्थापक अध्यक्ष व भूतपूर्व राज्यपाल गुजरात प्रोफेसर ओमप्रकाश कोहली जी को उनकी जन्म जयंती के अवसर पर स्मरण किया गया । सभी ने अपने शिक्षक नेता को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए कहा कि हमने एक राष्ट्रवादी विचारक व शिक्षक खो दिया है जिसकी पूर्ति भविष्य में संभव नहीं है । इन्होंने कई दशक तक देशबंधु कॉलेज में अध्यापन कार्य किया ।
फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन ने प्रोफेसर ओमप्रकाश कोहली जी को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि प्रोफेसर ओमप्रकाश कोहली जी दिल्ली विश्वविद्यालय में राष्ट्रवादी विचारधारा और मानवीय मूल्यों के सशक्त हस्ताक्षर थे। इन्होंने विश्वविद्यालय में एक खास विचारधारा को शिक्षकों के बीच पैदा किया जो आज अपनी पहचान बनकर उभरी है । ये वर्ष– 1978-79 में एनडीटीएफ की स्थापना के संस्थापकों में रहे । प्रोफेसर कोहली जी सातवें दशक की शुरुआत में एनडीटीएफ के अध्यक्ष रहे । प्रो. कोहली जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद में निर्वाचित शिक्षकों का प्रतिनिधित्व भी किया । उन्होंने ने 1973 में डू टा अध्यक्ष पद को सुशोभित करते हुए 1973-75 के दौरान डूटा अध्यक्ष का अपना कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा किया ।
डॉ. सुमन ने बताया कि आपातकाल के दौरान इन्हें 19 महीनों के लिए जेल जाना पड़ा और अमानवीय यातना झेलनी पड़ी। यातनापूर्ण जेल अवधि के बाद आप और मजबूती के साथ खड़े हुए। 1977 में प्रो.ओमप्रकाश कोहली जी दो साल के लिए डूटा अध्यक्ष के रूप में पुनः निर्वाचित हुए । इनके अध्यक्ष रहते हुए डूटा ने शिक्षक हित में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं जिसे विश्वविद्यालय समुदाय आज भी याद करता है । इनके नेतृत्व में शिक्षक एक्टीविज्म के क्षेत्र में तार्किक बातचीत के साथ एक्शन को शामिल करने का एक नया परिणामोन्मुखी व्याकरण सामने रखा जिसका लाभ शिक्षक समुदाय को हमेश मिलता रहा। एनडीटीएफ को आपकी दूरदर्शी सलाह और मार्गदर्शन का निरंतर लाभ मिलता रहा है। प्रो. कोहली जी एनडीटीएफ की ओर से डीयू की कार्यकारी परिषद में चुने गए पहले शिक्षक नेता थे। जिन्होंने शिक्षकों के हितों के लिए अनेक कार्य किए ।
डॉ.सुमन ने आगे बताया कि ओमप्रकाश कोहली जी की क्षमता , अनुभव और विद्वता को देखते उन्हें दिल्ली प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष , राज्यसभा का सदस्य , भाजपा के राष्ट्रीय और संसदीय कार्यालयों के प्रभारी और गुजरात के राज्यपाल जैसे पद को सुशोभित किया । इसके अलावा कई उच्च पदों पर नियुक्त किया गया था। लेकिन इन सभी उच्च पदों पर आसीन होने के दौरान आपने अपनी विनम्रता और शिष्टता बनाए रखी तथा शिक्षक हितों से कभी मुँह नहीं मोडा। ये आजीवन एनडीटीएफ परिवार के एक संरक्षक की तरह रहे। वे शिक्षा से संबंधित किसी भी विषय के प्रखर वक्ता होने के बावजूद एक सहृदय परामर्शदाता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय परिवार में हमेशा याद किए जायेंगे। फोरम की ओर से प्रोफेसर मनोज केन , डॉ.मनीष , श्री अविनाश कुमार आदि ने भी प्रोफेसर कोहली को उनकी जन्म जयंती पर स्मरण कर पुष्पांजलि अर्पित की ।