चिकित्सा मंत्री की पहल पर काम पर लौटे रेजीडेंट, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत

Residents returned to work on the initiative of the Medical Minister, security arrangements for doctors will be strengthened

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर : कोलकाता रेजीडेंट प्रकरण को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे रेजीडेंट डॉक्टर्स चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पहल पर बुधवार शाम आपातकालीन एवं आईसीयू सेवाओं में वापस काम पर लौट आए।

रेजीडेंट चिकित्सकों का प्रतिनिधिमण्डल ने बुधवार को शासन सचिवालय में चिकित्सा मंत्री से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। चिकित्सा मंत्री ने रेजीडेंट चिकित्सकों से कहा कि वे मानव सेवा से जुड़े चिकित्सकीय पेशे का का सम्मान रखते हुए काम पर लौटें। राज्य सरकार उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए समुचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में चिकित्सकों की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को लेकर सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लिए गए हैं। आगे भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोलकाता रेजीडेंट प्रकरण से सम्पूर्ण चिकित्सक जगत सहित पूरा देश व्य​थित है। सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सा मंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई वार्ता एवं सकारात्मक आश्वासन के बाद रेजीडेंट चिकित्सकों ने आईसीयू एवं आपातकालीन इकाई में सेवाएं देने पर सहमति दी।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि रेजीडेंट चिकित्सकों की समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर एक कमेटी गठित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य या अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस कमेटी में रेजीडेन्ट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होगें। यह कमेटी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के सुझाव प्रस्तुत करेगी। सुझावों के आधार पर राज्य सरकार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज एवं उससे संबद्ध अस्पतालों के परिसर, हॉस्टल्स इत्यादि में सुरक्षा व्यवस्थाओं, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, अस्पतालों में रेजीडेन्ट डॉक्टर्स हेतु ड्यूटी रूम्स में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता, मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में धूम्रपान, शराब, ड्रग्स आदि के उपयोग पर रोकथाम सुनिश्चित करें।

साथ ही, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एवं अस्पतालों के बाहर से अतिक्रमण हटाने व नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग को पत्र प्रेषित किए गए हैं। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सकों की सुरक्षा के निर्भया स्कवाड तैनात की गई है। साथ ही, पुलिस गश्त बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान ने बताया कि एनएमसी द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में मेन्टल हैल्थ सेल तथा प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हरेसमेंट एक्ट के अन्तर्गत इन्टरनल कम्पलेंट कमेटी का गठन किया जाएगा तथा इस संबंध में सभी चिकित्साकर्मियों को जागरूक किया जाएगा। चिकित्सा कर्मियों एवं रेजीडेन्ट डॉक्टर्स की समुचित सुरक्षा हेतु सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए भारत सरकार को निवेदन पत्र भेजा जाएगा। कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किया जाएगा।

वार्ता के दौरान सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।