समीक्षा : बाल विकास के विविध आयामों का स्पर्श करती पाठ्य पुस्तक श्रंखला : विभा हिंदी पाठ माला

श्याम सुन्दर श्रीवास्तव

नई दिल्ली, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (N.E.P.) 2020 के मापदंडों पर आधारित ‘शिक्षा दीप इंडिया’ नई दिल्ली द्वारा एक पाठ्य पुस्तक श्रंखला “विभा हिंदी पाठमाला” का निर्माण किया गया है ।

कक्षा एक से लेकर आठ तक तैयार की गई इस पाठ्य पुस्तक में रहीम दास, सूरदास, मुंशी प्रेमचंद, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, गोपालदास ‘नीरज’, हजारी प्रसाद द्विवेदी, धर्मवीर भारती, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, सुभद्रा कुमारी चौहान, सुमित्रा नंदन पंत, गुणाकर मुले, जय शंकर प्रसाद, डा.श्रीप्रसाद, सोहन लाल द्विवेदी, श्याम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल’, संजना प्रिय दर्शनी एवम् डा.कमलेंद्र कुमार आदि मूर्धन्य साहियकारों की रचनाओं को सम्मिलित किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह पाठ्य पुस्तक श्रंखला संजना प्रियदर्शनी के कुशल संपादन सोनिया भाटिया, मनोज कुमार शर्मा, अमर जीत कौर के सहयोग एवम श्याम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल’ के कुशल मार्गदर्शन में शिक्षा दीप इंडिया द्वारा तैयार की गई है । इसके प्रकाशन में शिक्षादीप इंडिया के डायरेक्टर संतोष कुमार की भूमिका अत्यंत सराहनीय है ।

पाठ पुस्तक “विभा हिंदी पाठ माला” सीरीज के प्रत्येक पाठ बच्चों की ग्राह्य क्षमता को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं । पाठ पुस्तक में बच्चे के मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक एवम नैतिक विकास को दृष्टिगत रखते हुए पाठ योजना तैयार की गई है । पाठ के बाद अभ्यास के प्रश्नों में व्याकरण बिंदुओं को बहुत ही सरल ,सटीक, बालोपयोगी और प्रभावी पद्धति से रखा गया है ।
कक्षा 01 से लेकर 05 तक की पाठ्य पुस्तकों में बच्चों/छात्रों की आकांक्षाओं, प्रवृत्तियों, मनोविज्ञान और बाल सुलभ जिज्ञासाओं का भी पूरा पूरा ध्यान रखा गया है । बच्चों में क्रियाशीलता को विकसित करने के लिए पाठ के अंत में पाठ से संबंधित अन्य गतिविधियों को भी दर्शाया गया है ।

पढ़ते पढ़ते खेल और खेलते खेलते पढ़ने जैसी रोचक पाठ्य सामग्री भी दी गई है । कुछ पाठों के बाद “पठन के लिए” शीर्षक से हिंदी साहित्य की विविध विधाओं की रचनाओं को भी रखा गया है ।

कक्षा 06 से 08 तक की पाठ्य पुस्तक में बच्चे की बढ़ती हुई बौद्धिक क्षमता को ध्यान में रख कर पाठ योजना तैयार की गई है । बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ साथ बच्चे का मानसिक और बौद्धिक विकास होना स्वाभाविक है इसी बात को केंद्र में रखकर पाठों की संयोजना की गई है। पाठ के पूर्व उसका संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है जो पाठ को और भी सार्थकता प्रदान करता है । बच्चे के क्रमिक विकास का स्वाभाविक अध्ययन करके ही पाठों को उसी क्रम में रखा गया है ।

बच्चो में राष्ट्रीय चेतना, देश प्रेम और सदाचार की भावनाओं का विकास करने के उद्देश्य से रखे गए पाठ निश्चित ही पाठ्य पुस्तक को सार्थकता प्रदान करते हैं ।

06 से 08 तक की पाठ्य पुस्तक में सभी सम्मिलित रचनाकारों के संक्षिप्त जीवन परिचय को सचित्र पुस्तक के अंत में एक परिशिष्ट के रूप में जोड़ा गया है । हां, पाठ के अंत में ही रचनाकार का जीवन परिचय दिया जा सकता था ।

संपूर्ण सीरीज (01 से 08 तक) इंद्रधनुषी रंगों की मनभावन आभा से आलोकित है । मनमोहक एवम रचनानुकूल चित्रों से सजी संवरी यह पाठ्य पुस्तक श्रृंखला निश्चित ही बच्चो के मन में पढ़ने की उत्सुकता प्रकट करती है ।

नई शिक्षा नीति पर आधारित पाठ्यक्रम की यह पाठ्य पुस्तक “विभा हिंदी पाठ माला” निश्चित ही शिक्षा जगत में लोकप्रियता एवम् सम्मान प्राप्त करेगी और बच्चों को देश का सच्चा नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी ऐसा मेरा विश्वास है ।

कृति का नाम – विभा हिंदी पाठ माला
प्रकाशक – शिक्षा दीप इंडिया, नई दिल्ली
संपादक – संजना प्रिय दर्शनी
प्रकाशन वर्ष – 2023