निर्मल कुमार शर्मा
लगभग सभी को पता है कि सालों पहले मैंने अपना कैरियर एक डॉक्टर के तौर पर शुरू किया था। और जब मैंने डॉक्टरी पढ़ना शुरू किया तो अधिकतर सिद्धांत,जो मैं आज एक क्रांतिकारी के रूप में मैं जानता हूँ, मेरी विचार सारणी में मौजूद ही नहीं थे।
सबकी ही तरह मैं भी सफल होना चाहता था। मेरा सपना था कि मैं एक प्रसिद्ध मेडिकल रिसर्च वैज्ञानिक बनूँ अथक परिश्रम करके कुछ ऐसा खोज निकालूं जो मानवता के काम आ सके और यह मेरे लिए एक निजी उपलब्धि भी होती। मैं भी सबकी ही तरह अपनी परिस्थितियों की उपज था। ग्रेजुएशन करने के बाद कुछ विशेष परिस्थितियों और शायद मेरे स्वभाव के कारण भी मैंने पूरे अमेरिकी महाद्वीप की यात्रा आरंभ की और मैं इस सबसे परिचित होता चला गया। हैती और सांतो डोमिंगो को छोड़ कर मैं कुछ हद तक, लैटिन अमेरिका के सभी देशों की यात्रा कर चुका हूँ। उन परिस्थितयों की वजह से जिनमें मैंने यह यात्रा की है पहले तो एक विद्यार्थी की हैसियत से और बाद में एक डॉक्टर की हैसियत से मैंने गरीबी, भूख और बीमारी को बहुत करीब से देखा ! पैसे की कमी की वजह से एक बच्चे का इलाज न कर पाने की असमर्थता को देखा और मैंने देखा कि किस तरह, जैसा कि ” हमारी मातृभूमि अमेरिकी महाद्वीप के शोषित वर्गों में अक्सर होता है,लगातार भूख और सजा से ऐसी हालत हो गई है कि एक पिता अपने बेटे की मौत को भी एक महत्वहीन एक्सीडेंट मान कर संतोष कर लेता है ! “और इस समय तक मुझे अहसास होने लगा था कि कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितना कि मेरा प्रसिद्ध होना या चिकित्सा विज्ञान में कोई सार्थक योगदान देना ! मैं इन लोगों की मदद करना चाहता था।
लेकिन मैं सबकी ही तरह अपनी परिस्थितियों की उपज बना रहा ! और मैं इन लोगों की मदद अपने निजी प्रयासों से करना चाहता था। मैं पहले ही काफी यात्रा कर चुका था मैं जिस समय ग्वाटेमाला में था, मैंने क्रांतिकारी डॉक्टर के आचरण पर कुछ नोट्स बनाने शुरू कर दिए थे। मैंने क्रांतिकारी डॉक्टर बनने के लिए जरूरी चीजों के बारे में अनुसंधान करना शुरू कर दिया था।
और इस समय मुझे एक आधारभूत चीज पता चली। एक क्रांतिकारी डॉक्टर बनने के लिए, या फिर कहें कि एक क्रांतिकारी ही बनने के लिए, एक क्रांति की जरूरत होती है। अलग – थलग रह कर किये गए निजी प्रयास अपने तमाम आदर्शों की पवित्रता के बावजूद किसी काम के नहीं होते ! और अगर कोई आदमी अकेले ही काम करते हुए, अमेरिका के किसी कोने में किसी बुरी सरकार और प्रगतिरोधी सामाजिक परिस्थितियों के खिलाफ लड़ते हुए किसी महान आदर्श के लिए पूरी जिंदगी का बलिदान भी कर देता है तो भी उससे कोई फायदा नहीं होता। एक क्रांति को पैदा करने के लिए हमारे पास वह होना चाहिए, जो आज क्यूबा में है,यानि पूरी जनता की लामबंदी !
और अंततः आज आपके सामने अन्य सभी बातों से ऊपर एक क्रांतिकारी डॉक्टर यानि कहें तो वह डॉक्टर जो अपने पेशे से सम्बंधित तकनीकी ज्ञान को लोगों और क्रांति की सेवा में लगाता हो बनने का अधिकार भी है और कर्तव्य भी !
साभार -डॉक्टर अर्नेस्तो चे ग्वेरा के प्रसिद्ध लेख “क्रांतिकारी चिकित्सा ” से एक अंश
प्रस्तुतकर्ता- डाक्टर नवनीत नव, संपर्क -अनुपलब्ध