गोपेन्द्र नाथ भट्ट
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार शाम को नई दिल्ली के इन्दिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दक्षिणी कोरिया की राजधानी सियोल के लिए हुए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद हो रही दक्षिणी कोरिया और जापान की यह पहली विदेश यात्रा हैं। इस यात्रा में उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह दल 9 से 14 सितंबर तक दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर रहेंगा।
मुख्यमंत्री शर्मा की अगुवाई में विदेश यात्रा में गया यह उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी जयपुर में 9 से 11 दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करेंगे। साथ ही प्रवासी राजस्थानियों को भी अपनी जन्म भूमि आकर निवेश करने के बारे में चर्चा करेंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री इस दौरान दक्षिण कोरिया एवं जापान के कई शहरों में निवेशक बैठकों में भाग लेंगे। इन बैठकों में मुख्यमंत्री ग्लोबल कंपनीज के प्रतिनिधियों एवं व्यापारिक समूहों से विस्तृत चर्चा कर उन्हें प्रदेश में निवेश करने के लिए न्यौता देंगे।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार दक्षिणी कोरिया और जापान की यात्रा के बाद मुख्यमंत्री शर्मा का लंदन यात्रा का भी कार्यक्रम है।
एक समय था जब राजस्थान में विदेशी तो क्या देशी निवेशकों का भी प्रदेश में निवेश करने में कोई रुचि नहीं थी और इसका सबसे बड़ा कारण आधारभूत सुविधाओं विशेष कर पानी और बिजली की कमी और निवेश फ्रेंडली माहोल की कमी बताई जाती थी लेकिन पिछले कुछ दशकों में राजस्थान में औद्योगिक विकास को नए पंख लगे। प्रदेश की परिस्थितियां बदली और कई बड़े
निवेशकों ने राजस्थान की ओर रुख किया। देश की राजधानी नई दिल्ली से लगा नीमराना विदेशी निवेशकों का हब बन रह है। विशेष कर जापान सहित अन्य देशों की कई औद्योगिक यूनिट्स यहां लगी है।
खान और खनिज और पत्थर उद्योग की दृष्टि से समृद्ध राजस्थान इन दिनों कई और नए क्षेत्रों में जैसे सोलर एनर्जी,पेट्रोलियम पर आधारित उद्योगों,कृषि,डेयरी आदि में नवाचार की ओर बढ़ रहा है । साथ कई और क्षेत्रों में विपुल संभावनाएं समेटे हुए है। पर्यटन प्रदेश की आर्थिक प्रगति का मूल आधार है। साथ ही प्रदेश की हेरिटेज संपदाओं तथा अनछुए स्थानों को विकसित कर उसे और नए आयाम देने के प्रयास हो रहे है। बाड़मेर में निर्माणाधीन तेल रिफाइनरी पश्चिमी राजस्थान में विकास के नए द्वार खोल रही है। इस पेट्रो कॉम्प्लेक्स से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर खुलने के साथ ही कई छोटे बड़े उद्योगों k आगमन के साथ ही राज्य सरकार की राजस्व आमदनी का सबसे बड़ा स्त्रोत बन रही है। पश्चिमी राजस्थान में कच्चे तेल के भंडारों के साथ ही गैस तथा मीठे पानी के अथाह भंडार भी मिले है। प्रदेश की चहुमुखी प्रगति में ये संजीवनी साबित होगे इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग मंत्री कर्नल राज्य वर्धन सिंह राठौड़ जिस विजन के साथ आगे बढ़ रहे है। इससे लगता है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश में देशी विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में राजस्थान की ओर रुख करेंगे। जानकारों का मानना है कि निवेश के नए प्रस्तावों का सही तरीके से फॉलो अप कर उन्हे जमीन पर उतारने के लिए सामूहिक प्रयास और दृढ़ इच्छा4 शक्ति दिखानी होगी अन्यथा पूर्व में हुए समिट की तरह इनका हश्र भी प्रदेश के हित में नहीं होगा।
अब देखना है राज्य सरकार आने वाले समिट में प्रदेश की भलाई के लिए किस प्रकार की पहल करती है?