रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने हाल ही में स्विट्जरलैंड का दौरा कर स्विस कंपनियों को राजस्थान में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। 26 से 28 अगस्त के बीच हुई तीन दिवसीय यात्रा में श्री राठौड़ की कई स्विस कंपनियों के साथ उपयोगी चर्चा हुई, जिनमें कुछ इलेक्ट्रोमोबिलिटी और बायोफार्मा कंपनियां भी शामिल थीं। इन बैठकों के दौरान Furrer+Frey और Schwihag जैसी रेल विद्युतीकरण और मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों ने राजस्थान में रेल लाइन के आसपास वाले इलाकों में कम-से-कम 20 एकड़ जमीन की मांग भी रखी, ताकि वो प्रदेश में निवेश करने पर विचार कर सकें।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने बताया कि कई स्विस कंपनियां राजस्थान को निवेश के दृष्टिकोण से सबसे अच्छे राज्यों में से एक मानती हैं। राजस्थान कम-से-कम लागत पर व्यापार को सुगम बनाना चाहता है और भूमि तथा अन्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है, ताकि व्यापार करने की सुगमता और बढ़े। राजस्थान में निवेश करने का यह बिलकुल सही समय है। सरकार के पास कोई भी निवेश संबंधित निर्णय या फाइल लंबित नहीं रहेगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उद्योग जगत अपने कारोबार को यथासंभव तेज गति से विस्तारित कर सकें।
श्री राठौड़ की यात्रा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत ने इस साल मार्च में यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) के देशों, जिसका स्विट्जरलैंड एक प्रमुख स्तंभ है, के साथ ट्रेड एंड इकनोमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। अपनी यात्रा के दौरान कर्नल राठौड़ ने रेल विद्युतीकरण और मैन्यूफैक्चरिंग, बायोफार्मा, कृषि प्रसंस्करण, माल परिवहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित कई अन्य कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात की। यात्रा के दौरान उन्होंने मातृ स्वास्थ्य के क्षेत्र में दवाइयां बनाने वाली फार्मा कंपनी फेरिंग फार्मास्युटिकल्स की एक इकाई का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय महिलाओं तक महत्वपूर्ण दवाओं की पहुंच पर भी चर्चा की और कंपनी को राजस्थान में अपनी यूनिट लगाने के लिए आमंत्रित किया।
स्विस कंपनियों की मांग, ‘राजस्थान में हो प्रोडक्ट स्पेसिफिक डेडिकेटेड इंडस्ट्रियल ज़ोन्स और सिंगल पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट’—
कर्नल राठौड़ के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मीटिंग के दौरान स्विस कंपनियों ने निवेश योजनाओं को सुविधाजनक बनाने हेतु प्रोडक्ट स्पेसिफिक डेडिकेटेड इंडस्ट्रियल ज़ोन्स और सिंगल पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट (पीओसी) के रूप में विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की। सरकार इन मांगों को पूरा करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
ईएफटीए (EFTA) द्वारा 100 बिलियन डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कर्नल राठौड़ की यात्रा—
भारत ने इस वर्ष मार्च में ईएफटीए देशों के साथ ट्रेड एंड इकनोमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (टीईपीए) पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किया है। टीईपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा था कि एफटीए के इतिहास में पहली बार अगले 15 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों के सृजन की बाध्यकारी प्रतिबद्धता का उल्लेख इस समझौते में किया गया है। कर्नल राठौड़ की स्विट्जरलैंड यात्रा को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए, क्योंकि भारत में 100 बिलियन डॉलर के निवेश की ईएफटीए की बाध्यकारी प्रतिबद्धता के मद्देनजर, यह यात्रा न केवल राजस्थान में बल्कि भारत के कई राज्यों में स्विस कंपनियों द्वारा आगामी निवेश के लिए खाका तैयार करने की क्षमता रखती है।
गौरतलब है कि ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 9, 10 और 11 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। इसके मद्देनजर, पिछले महीने आयोजित मुंबई इन्वेस्टर्स मीट में कई कंपनियों राजस्थान सरकार के साथ 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किया था।