धरती की खुशबू और राजसी ठाठ का संगम बनीं रुक्मिणी

Rukmini became a confluence of earthy fragrance and royal grandeur

कांतारा से आगे, अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स की ओर बढ़ीं रुक्मिणी

मुंबई (अनिल बेदाग): कांतारा: चैप्टर 1 का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है और इसमें सबसे ज़्यादा ध्यान खींच रही हैं राजकुमारी कनकवती, जिन्हें पर्दे पर जीवंत कर रही हैं रुक्मिणी वसंत। फ़िरोज़ी ओढ़नी पर सुनहरी बॉर्डर, गहनों से सजा भारी शाही श्रृंगार—हार, झुमके, चूड़ियां, बाजूबंद, नथनी और मांगटीका—सब कुछ मिलकर उन्हें सच्ची रानी का रूप देता है। हल्के मेकअप और छोटी बिंदी के साथ उनका लुक शालीनता और शौर्य का संतुलन पेश करता है। परदे पर उनकी मौजूदगी मिट्टी की सोंधी महक और राजसी ठाठ-बाट का अद्भुत संगम लगती है।

फिल्म के ट्रेलर से साफ है कि कांतारा: चैप्टर 1 केवल एक कथा नहीं, बल्कि आस्था और लोककथा की गहराई से जुड़ा महागाथा है। और इसमें रुक्मिणी की कनकवती ही असल केंद्रबिंदु बनने जा रही हैं। कुछ ही पलों में उन्होंने एक ऐसी राजकुमारी की झलक दी है, जो एक साथ गरिमामयी, सशक्त और आध्यात्मिक आभा से भरी हुई है।

अपनी भूमिका को लेकर रुक्मिणी कहती हैं, “कनकवती का किरदार निभाना मेरे जीवन का सबसे खास अनुभव रहा। सिर्फ़ शाही दिखना काफी नहीं था, बल्कि हर भाव में अपनी मिट्टी और लोककथा को जीना ज़रूरी था। शायद यही कारण है कि ट्रेलर इतना असरदार बना, क्योंकि इसमें हमारी संस्कृति की आत्मा झलकती है। कनकवती राजसी हैं, पर उनमें इंसानियत और संवेदनशीलता भी है। उनके जज़्बे को अपनाना मेरे लिए चुनौती और खुशी दोनों रहा। अब मैं चाहती हूँ कि दर्शक उन्हें बड़े परदे पर महसूस करें।”

आने वाले समय में रुक्मिणी वसंत कई नए प्रोजेक्ट्स के साथ नज़र आएंगी। एनटीआर–प्रशांत नील की जोड़ी के साथ उनकी अगली फिल्म पहले से ही चर्चा में है, और इसके अलावा वह एक अनोखी अंतरराष्ट्रीय परियोजना टॉक्सिक: अ फेरीटेल फ़ॉर ग्रोन-अप्स में भी अपना हुनर दिखाने वाली हैं।