संत देव चौहान फिर बने गरीब परिवार के लिए मसीहा

दीपक कुमार त्यागी

कोरोना संकट काल की बात हो या फिर आम दिनों की समाजसेवी और एम्स के कर्मचारी संतदेव चौहान एक बार फिर गरीबों के मसिहा साबित हुए हैं।

राजधानी दिल्ली में बस एक मदद के लिए आए फोन कॉल पर उन्होंने ना सिर्फ बढ़-चढ़ कर एक गरीब परिवार की मदद की, बल्कि दुख और संकट की इस घड़ी में मौके पर पहुंच कर उन्होंने एक महिला का शव 800 किलोमीटर दूर उसके घर पर पहुंचवाने का कार्य किया। आपको बता दें कि मृतक महिला रामरति चौहान जिसका इलाज कई दिनों से एम्स दिल्ली में चल रहा था, उनका बुधवार की शाम 6 बजे के करीब निधन हो गया था, जो कि उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के ग्राम बडार पोस्ट की रहने वाली थी और उनका कैंसर डिपार्टमेंट में करीब 5 महीने से इलाज चल रहा था।

रामरति की मौत की सूचना प्रमोद चौहान ने एम्स में कार्यरत समाजसेवी संत देव चौहान को दी और उनसे मृतक महिला का शव मऊ पहुंचवाने के लिए मदद की गुहार लगाई। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही संत देव चौहान ने मदद करने में तनिक भी देर नहीं की और घर से तुरंत एम्स दिल्ली पहुंचकर उन्होंने अपने निजी खर्चे से महिला का शव को उसके घर भिजवाने का कार्य किया।

यहां आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब संत देव चौहान समय और पैसे की परवाह किए बिना किसी जरूरतमंद की मदद करने का कार्य किया है, वह पिछले कई वर्षों से लोगों की निरंतर मदद करने का कार्य कर रहे हैं, इससे पहले भी वह दूर दराज के कई शवों को पूरे सम्मान के साथ उनके घर पहुंचा चुके हैं। कोरोना काल में संत देव चौहान ने इलाज कराने के साथ-साथ लोगों की आर्थिक मदद करने का भी कार्य किया था, इतना ही नहीं पीएम मोदी की अपील पर अपने एक साल के वेतन का 30 फीसद भाग भी वह पीएम केयर्स फंड में दान दे चुके हैं, अभी हाल ही में 7 अगस्त को ही सोशल वर्कर संत देव चौहान ने गरीबों और जरूरतमंदों के बीच अपना जन्मदिन मनाया और सैकड़ों लोगों को खाने-पीने के सामान भी बांटा था,

इस भागती दौड़ती दुनिया में जब हर कोई अपने ही जीवन में मशगूल है, वहीं संत देव चौहान जो खुद दिव्यांग हैं लेकिन उन्होंने अपने दिव्यांगता को कभी अपनी सोच के आड़े नहीं आने दी, वह नेकी की सोच और बुलंद हौसल के दम पर हर जरूरतमंद की मदद करते रहते हैं, यही वजह है कि अब उनकी पहचान “एम्स के मसीहा संत देव चौहान” के रूप में हो गई है।