मुंबई (अनिल बेदाग): कुछ टीजर सिर्फ़ फिल्मों की झलक नहीं होते, वे एहसास बनकर दिल में उतर जाते हैं। सलमान खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर भी कुछ ऐसा ही अनुभव लेकर आया है। अपने जन्मदिन के मौके पर रिलीज़ किया गया यह टीजर किसी जश्न से ज्यादा, देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय जवानों के अदम्य साहस को समर्पित एक भावनात्मक सलाम है।
टीजर में सलमान खान अपने अब तक के सबसे गंभीर और प्रभावशाली अवतार में नज़र आते हैं। भारतीय सेना के एक अफसर के रूप में उनका लुक सादगी में भी बेहद ताकतवर है। चेहरे पर अनुशासन, आंखों में अनुभव और भीतर दबा हुआ जज़्बा—बिना संवाद के भी बहुत कुछ कह जाता है। खासकर आख़िरी फ्रेम में उनकी सीधी और स्थिर नज़र दर्शकों से जैसे एक मौन संवाद करती है, जो देर तक मन में ठहर जाती है।
‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर किसी भव्य एक्शन या शोरगुल पर नहीं, बल्कि खामोशी की ताकत पर भरोसा करता है। ऊँचाई पर लड़ी जाने वाली जंग की कठिन परिस्थितियाँ, बर्फ़ीली ज़मीन और हर कदम पर मौजूद ख़तरा—सब कुछ बेहद सच्चाई के साथ उभरता है। यही सादगी इसकी सबसे बड़ी ताकत बनकर सामने आती है।
टीजर को भावनात्मक ऊंचाई देती है स्टेबिन बेन की प्रभावशाली आवाज़, जो हर फ्रेम के साथ भीतर तक असर छोड़ती है। वहीं हिमेश रेशमिया का बैकग्राउंड स्कोर धड़कनों को तेज़ करते हुए माहौल को और गहराई देता है, बिना दृश्य की गंभीरता को कम किए।
‘बैटल ऑफ गलवान’ केवल एक वॉर फिल्म नहीं, बल्कि यह उस टकराव की कीमत को याद दिलाती है, जिसे सरहद पर खड़ा हर जवान रोज़ चुकाता है। यह फिल्म बहादुरी के साथ-साथ इस सच्चाई को भी सामने रखती है कि युद्ध चाहे जितना वीरता से भरा हो, असली जीत अंततः शांति में ही निहित होती है।
अपूर्व लाखिया के निर्देशन में बनी यह फिल्म साहस, बलिदान और कर्तव्य की एक बेबाक कहानी कहने का वादा करती है। फिल्म में चित्रांगदा सिंह भी अहम भूमिका में नज़र आएंगी। इसे सलमा खान ने सलमान खान फिल्म्स के बैनर तले प्रोड्यूस किया है।
टीजर यह साफ़ संकेत देता है कि ‘बैटल ऑफ गलवान’ पर्दे पर सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि एक एहसास, एक सम्मान और एक याद बनकर आने वाली है, उन जांबाज़ों के नाम, जो चुपचाप देश की रक्षा में खड़े रहते हैं।





