रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवम् इंस्टिट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल- आईआईसी के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिनी उद्यमिता विकास कार्यक्रम- उड़ानः द फ्लाइट ऑफ आइडियाज़
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवम् इंस्टिट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल- आईआईसी के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिनी उद्यमिता विकास कार्यक्रम- उड़ानः द फ्लाइट ऑफ आइडियाज में हुई लीन कैनवास प्रतियोगिता में सन्देश सराफ एंड टीम विजेता रही। छात्रा दृश्या एंड टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। समापन समारोह में टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, यदि आप एक उद्यमी हैं, तो आप अपनी अगली पीढ़ी को कुछ देकर जाते हैं। उन्हें शून्य से शुरुआत नहीं करनी पड़ती। वे वहीं से आगे बढ़ते हैं, जहां आप छोड़ते हैं। प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉ. अवधेश शर्मा, श्री प्रशांत सिंह, डॉ. फूलचंद्र, डॉ. आशीष सिंघई ने किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन के संग हुआ। इस मौके पर फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशु मित्तल, आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. निशीथ कुमार मिश्रा, एसोसिएट डीन एकेडमिक्स डॉ. अमित कंसल आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। इस कार्यक्रम के तहत 73 स्टुडेंट्स को एग्रोन रेमेडीज प्रा. लि., काशीपुर (उत्तराखंड) का औद्योगिक भ्रमण भी कराया गया। इंडस्ट्री विजिट के दौरान स्टुडेंट्स ने उत्पादन लाइन, पैकेजिंग, गुणवत्ता नियंत्रण, गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस- जीएमपी आदि से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं का अवलोकन करते हुए उनकी क्रियाविधि को समझा। कंपनी के विशेषज्ञों ने छात्रों को क्वालिटी एश्योरेंस, रेगुलेटरी आवश्यकताओं और फार्मास्यूटिकल उद्योग में उद्यमशील चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। फार्मेसी कॉलेज के उप-प्राचार्य डॉ. मयूर पोरवाल ने वोट ऑफ थैंक्स दिया।
आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. निशीथ कुमार मिश्रा ने उद्यमिता की अवधारणा और मूलभूत सिद्धांत- ऐतिहासिक पृष्ठभूमिः भारतीय मूल्य एवं वर्तमान परिदृश्य, जबकि एसोसिएट डीन एकेडमिक्स डॉ. अमित कंसल ने व्यवसायिक अवसरों की पहचान एवम् उत्पाद चयन की प्रक्रिया; अनुसंधान संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं से तकनीकी सहयोग विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। आईसीसी के सह समन्वयक श्री प्रदीप कुमार वर्मा ने डिज़ाइन थिंकिंग और क्रिटिकल थिंकिंग फॉर प्रोडक्ट डवलपमेंट कार्यशाला में नवाचारपूर्ण विचार साझा किए। बिज़नेस इनक्यूबेशन मैनेजर श्री प्रशांत सिंह ने स्टुडेंट्स को व्यवसाय मॉडल निर्माण, ग्राहक मूल्य विश्लेषण और बाजार सत्यापन की प्रक्रिया समझाई। टीएमयू आईपीआर के मैनेजर डॉ. उमेश कुमार ने आईपीआर एवम् इनक्यूबेशन इकोसिस्टम पर अवेयरनेस सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने स्टुडेंट्स को बताया कि नवाचारों की सुरक्षा और बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी स्टार्टअप की सफलता के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। संचालन डॉ. पुष्पेन्द्र शुक्ला और सुश्री उर्वशी सक्सेना ने किया।





