सरदार सिंह लड़कों और रानी भारत की सब जूनियर राष्ट्रीय हॉकी टीम के कोच की जिम्मेदारी संभालेंगे

  • तिर्की बोले, मजबूत सब जू. राष्ट्रीय टीम तैयार करने की कोशिश

सत्येन्द्र पाल सिंह

चेन्नै : भारत में जमीनी स्तर पर हॉकी को मजबूत करने के लिए पूर्व हॉकी ओलंपियन और कप्तान सेंटर हाफ सरदार सिंह को हा$ॅकी इंडिया ने भारत के लड़कों की सब जूनियर (अंडर 16) लड़कों और पूर्व कप्तान रानी रामपाल को सब जूनियर (अंडर16) लड़कियों का कोच नियुक्त किया है। सरदार सिंह के साथ सब जूनियर लड़कों को प्रशिक्षित करने के लिए लाजुरस बारला को हॉकी इंडिया ने जोड़ा ही है पूर्व ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह भी ओडिशा में जूनियर बच्चों को ड्रैग फ्लिक लगाने की कोचिंग दे रहे हैं।। सरदार सिंह सीनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता की भी जिम्मेदारी पहले की तरह संभालते रहेंगे। वही सब जूनियर लड़कियों की कोच के लिए रानी रामपाल के साथ असुंता लाकरा और लिलिमा मिंज को भी जोड़ा है। यह घोषणा हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की और महासचिव भोला नाथ सिंह ने संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए दी। दिलीप तिर्की और भोला नाथ ने कहा कि उन्होंने सरदार और रानी को यह जिम्मेदारी इन दोनों से बात करने के बाद उनकी सहमति से दी। रानी रामपाल और सरदार सिंह फिलहाल सब जूनियर लड़कों और लड़कियों के राउरकेला में लगने वाले शिविर में संभालेंगे। फिलहाल सरदार सिंह और रानी रामपाल 45 दिन के लिए सब जूनियर राष्ट्रीय कोच की जिम्मेदारी संभालेंगे। सब जूनियर लड़कों और सब जूनियर लड़कियों का राष्ट्रीय शिविर सरदार और रानी रामपाल की देखरेख में 21 अगस्त से राउरकेला में शुरू होगा। दिलीप तिर्की और भोला नाथ सिंह ने कहा कि एक सुर में कहा कि वे सरदार सिंह और वे इन दोनों को तीन बरस तक के लिए यह जिम्मेदारी देना चाहते हैं।

दिलीप टिर्की ने कहा, ‘ पहली बार अंडर 17 टीम बनाने जा रहे हैं। हमारी कोशिश अपने खिलाडिय़ों को सब जूनियर स्तर से एक ही पद्धति से खिलाने में है जिससे कि उन्हें आगे मौका मिले और उन्हें खुद को इसके मुताबिक ढालने में कोई दिकक्त न हो। हमारी कोशिश मजबूत सब जूनियर राष्ट्रीय टीम तैयार करे की।सब जूनियर बच्चों को अच्छा कार्यक्रम और एक्सपोजर हमारा यह सब जूनियर कार्यक्रम अंडर 17 से अंडर 21 बरस के लड़कों के लिए होगा। हमारा मकसद सब जूनियर स्तर से बेहतर ढंग से सुविधाओं । हॉकी इंडिया चाह रहा पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाडिय़ों आने वाली पीढी के नए खिलाडिय़ों के तैयार करने के लिए कोच की जिम्मेदारी सभाले। हमारी कोशिश देश म अपने कोच तैयार कर विदेशी खिलाडिय़ों पर अपनरी निर्भरता कम करने की है। 13 से 17 बरस दरअसल सब जूनियर लड़के में खेल कर भीड़़ में खो जाता था। लड़कों और लड़कियों की ओडिशा में सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद हमने 40-40 लड़कियों भारतीय सब जूनियर लड़को और लड़कियों के शिविर के लिए चुना है। हमारी अपनी सब जूनियर लड़कों और लड़कियों की टीमों को विदेशी एक्सपोजर के लिए नीदरलैंड, बेल्जियम और दक्षिण में खेलने भेजने के लिए बात चल रही है। हमारी एक और कोशिश देश में सब जूनियर स्तर से ड्रैग फ्लिकरों और गोलरक्षकों को तैयार करने की है। हम सब जूनियर खिलाडिय़ों को सीनियर खिलाडिय़ों की तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।’

सरदार सिंह ने कहा, ‘हमारी कोशिश बहुत कम उम्र से खिलाडिय़ों को सीनियर खिलाडिय़ों के खेलने के सिस्टम से खिलाने की है। हमारे बच्चे यदि मान ले यदि 13 बरस से खेलना शुरू कर देंगे तो यदि हमें सब जूनियर या फिर जूनियर और सीनियर वर्ग में राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ी की जरूरत पड़ती है तो हमारे पास इसके लिए पर्याप्त विकल्प जमीनी या निचले स्तर से उपलब्ध होंगे। जब बराबर निचले स्तर से खिलाड़ी आएंगे तो फिर भारतीय टीम के लिए हर स्तर पर संतुलन बना रहेगा। हॉकी इंडिया की यह शानदार पहल है। हमारे लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी आयु वर्ग एक सा कार्शक्रम जरूी है। मैंने हमेशा जूनियर खिलाडिय़ों के साथ काम करने का लुत्फ उठाया। मैं अब राउरकेला में सब जूनियर लड़कों के इस शिविर की जिम्मेदारी का लुत्फ उठो के तैयार हूं।’