रविवार दिल्ली नेटवर्क
गुमला : आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने झारखंड के गुमला अंतर्गत बिशुनपुर में विकास भारती द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया । इस दौरान उन्होंने कहा की सेवा मार्ग से ही भारत दुनिया का सिरमौर बन सकता है । सेवा की यह भावना सनातन का अभिन्न अंग है ।
श्री भागवत ने कहा कि कोरोना काल के बाद दुनिया भी जान चुकी है की सुख शांति का रास्ता अब भारत के पास है । होल्ड अप साउंड दृ रिपोर्ट झारखंड के 10 दिवसीय प्रवास के क्रम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को गुमला के बिशुनपुर में विकास भारती द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया । इस दौरान अपने संबोधन में श्री भागवत ने कार्यकर्ताओं को सतत सेवा और विकास के लिए प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि सेवा और विकास का कोई अंत नहीं है । विकास ऐसी चीज है जहां सीमाओं की डोर नहीं है ।
आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत ने कहा कि सेवा की यह भावना खेतों और जंगलों से निकली है जो सनातन का अभिन्न अंग है । कोरोना काल के बाद दुनिया भी जान चुकी है की सुख शांति का रास्ता अब भारत के पास है ।
उन्होंने कहा कि शहरों में रहने वाले के पास सुविधा जरूर है लेकिन वनों के इलाकों में रहने वाले लोगों के पास शांति है प्रमाणिकता है और सरल स्वभाव है । हम गांव में रहने वालों पर विश्वास कर सकते हैं लेकिन शहरों में सावधानी रखते हैं । श्री भागवत ने कहा कि जिनके पास प्रभाव है वह अभावग्रस्त लोगों की सेवा करें साथ ही उनके स्वभाव से सीख भी लें । आरएसएस के सरसंचालक ने कहा कि सेवा करने से संवेदना का समाधान होता है जो मनुष्य को संतुष्टि देता है ।
समावेशी विकास पर जोर देते हुए आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा कि समाज के सभी अंग मजबूत हों तभी विकसित समाज की अवधारणा सच हो सकती है । उन्होने कहा कि सेवा मार्ग से ही भारत दुनिया का सिरमौर बन सकता है ।