रविवार दिल्ली नेटवर्क
अमरोहा : विश्व खाद्य दिवस पर अमरोहा के रजबपुर स्थित श्री वैन्केटेश्वरा विश्वविद्यालय में “खाद्य सुरक्षा के लिए मृदा में जैविक कार्बन बढ़ाने की नीतियां” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं “मोटे अनाज व आर्गेनिक खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी” का आयोजन किया गया।
इस मौके पर बोलते हुए आईएआरआई, नई दिल्ली के वैज्ञानिक प्रोफेसर यशवीर सिंह ने कहा कि अंधाधुंध रसायनों एवं कृत्रिम खाद्य के प्रयोग से बंजर होती जमीन को गोबर, गौमूत्र, गुड़ एवं हरी खाद द्वारा ना सिर्फ फिर से उपजाऊ ‘अमृत मिट्टी’ बनाया जा सकता है, बल्कि दोगुनी पैदावार बढ़ाकर केमिकल रहित शुद्ध खाद्यान्न उगाकर अपनी सेहत में नये रंग भरे जा सकते हैं। विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति डा राजीव त्यागी ने बताया कि आगामी फरवरी से विश्वविद्यालय में मृदा परीक्षण लैब शुरू की जा रही है जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के खेतों की मिट्टी की सेहत की जांच निशुल्क की जाएगी ।