रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुंबई: भारतीय संविधान के विद्वान, प्रख्यात लेखक, वरिष्ठ न्यायविद् ए. जी., अब्दुल गफूर मजीद नूरानी का गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। एक राजनीतिक टिप्पणीकार और भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं का सूक्ष्म अध्ययन। जी. नूरानी को द हिंदू, फ्रंटलाइन, इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, हिंदुस्तान टाइम्स, स्टेट्समैन, डॉन, दैनिक भास्कर सहित अंग्रेजी और अन्य भाषा पत्रिकाओं में उनके तीखे कॉलम के लिए जाना जाता है। देश के विभिन्न विषयों पर उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें समाज के लिए बहुत बड़ी निधि हैं।
भारत में नागरिक अधिकारों और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की सुरक्षा और प्रचार के लिए नूरानी ने जीवन भर संघर्ष किया। 1930 में मुंबई में जन्मे ए. जी. नूरानी ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत साल 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट से की। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी कुछ मामलों में वकील के रूप में उनके काम ने प्रसिद्ध बना दिया। वे एक विशेषज्ञ वकील के रूप में जाने जाते थे। उन्हें मानवाधिकारों और भारत के संविधान का गहन अध्ययन था। कानून, इतिहास और राजनीति के क्षेत्र में उनका लेखन मानक माना जाता था। वह इस्लाम का गहन अध्ययन करने वाला व्यक्ति थे।