इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस के सात आतंकियों को लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है. एक आतंकी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. ये आतंकी हिंसात्मक जिहाद करने और देश में आतंकी हमले करने में शामिल थे आईएसआईएस के लिए ऑनलाइन युवाओं को बरगला कर कट्टरपंथी बना रहे थे. लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष अदालत के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 28 फरवरी को यह फैसला सुनाया.
सात को फांसी-
आतिफ़ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी, मोहम्मद फैसल, मोहम्मद अजहर, गौस मोहम्मद खान और सैय्यद मीर हुसैन को मौत की सज़ा सुनाई गई है. मोहम्मद आतिफ़ उर्फ आतिफ़ इराकी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है.
सैय्यद मीर हुसैन कन्नौज का और अन्य सभी कानपुर के हैं.
एनकाउंटर-
इनका साथी सैफुल्लाह 7 मार्च 2017 को हाजी कॉलोनी लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था. लखनऊ में एटीएस ने 8 मार्च 2017 को मामला दर्ज किया था.14 मार्च को एनआईए ने दोबारा मामला दर्ज किया.तफ्तीश के बाद 31 अगस्त 2017 को चार्जशीट दाखिल की गई. जज ने देश के ख़िलाफ़ युद्ध, गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) , हथियार अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अपराध के लिए सज़ा सुनाई है.
बम बनाए-
इन आतंकियों ने अपने साथी मोहम्मद सैफुल्लाह के साथ मिलकर हाजी कॉलोनी, लखनऊ में अपना एक ठिकाना बनाया था. इन्होंने कुछ बम (आईडी) बनाए और उनका टेस्ट किया. ये उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बम रखने में असफल रहे. जांच के दौरान अभियुक्तों के बम बनाने, हथियार और आईएसआईएस के झंडे के साथ कई फोटो भी मिले.
ट्रेन में बम विस्फोट-
इन आतंकियों ने 7 मार्च 2017 को भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम विस्फोट किया था जिसमें दस लोग घायल हो गए. यह बम आतिफ़, मोहम्मद दानिश, सैय्यद मीर हुसैन और मोहम्मद सैफुल्लाह ने बनाया था. भारत में आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ये सभी एकजुट हुए थे. अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, आतिफ़ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश और मोहम्मद सैफुल्लाह ने जमीनी रास्तों की खोज की. हिजरा (प्रवास) करने के लिए ये कोलकाता, सुन्दरबन, श्रीनगर, अमृतसर, वाघा बार्डर, बाड़मेर, जैसलमेर, मुंबई और कोझीकोड समेत देश के प्रमुख शहरों में गए थे. तफ्तीश में यह पता चला कि गौस मोहम्मद और आतिफ़ मुजफ्फर ने सुन्दरबन के माध्यम से बांग्लादेश जाने के लिए एक रास्ता पता किया.
कश्मीरी आतंकियों से मिले-
फैसल, आतिफ़ और सैफुल्लाह मार्च 2016 में कश्मीर में कुछ आतंकियों से मिले,जो पाकिस्तान जाने में मदद कर सकते थे. इनका इरादा पाकिस्तान से आईएसआईएस नियंत्रित सीरिया जाने का था.
देश को दहलाने का मंसूबा-
इन आतंकियों का उस्ताद एयरफ़ोर्स से रिटायर गौस मोहम्मद है जबकि आतिफ़ इनका सरगना है. एनआईए के अनुसार आईएसआईएस के साहित्य को पढ़कर इस इस खुरासान मॉड्यूल का इरादा देश को आतंकी हमलों से दहलाने का था