शहज़ाद अली का ‘इश्क़ जलाकर’ बना धुरंधर का सबसे विस्फोटक एंथम

Shahzad Ali's 'Ishq Jalakar' becomes Dhurandhar's most explosive anthem

मुंबई (अनिल बेदाग): संगीत जब सिर्फ सुना नहीं बल्कि महसूस किया जाए तो वह गीत बनता है ‘इश्क़ जलाकर’। निर्माता–निर्देशक आदित्य धर की बहुप्रतिक्षित फिल्म धुरंधर के इस तीखे और भावनात्मक ट्रैक में शहज़ाद अली ने अपनी आवाज़ से जो आग भरी है, वह दिल और स्क्रीन—दोनों को जलाकर राख करने के लिए काफी है।

शश्वत सचदेव के कम्पोज़िशन के साथ शहज़ाद की ऊर्जावान, गहरी और विस्फोटक वोकल्स इस गाने को एक अलग ऊँचाई पर ले जाती हैं। उनकी मौजूदगी इतनी प्रभावशाली है कि भले संगीत दो आवाज़ों का संगम है, लेकिन “इश्क़ जलाकर” का चेहरा और धड़कन— शहज़ाद अली ही हैं।

शास्त्रीय जड़ों को आधुनिक उन्माद के साथ जोड़ने की शहज़ाद की खास कला इस बार चरम पर दिखती है। उनका स्वर गाने को वो उग्र लय देता है जो फिल्म की तीव्र और नाटकीय थीम से पूरी तरह मेल खाती है।
रणवीर सिंह, जो फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, अपने विज़ुअल्स में तूफ़ान लाते हैं—और शहज़ाद अपनी आवाज़ से उसी तूफ़ान को ध्वनि के रूप में गढ़ते हैं। यह गाना धुरंधर की उस मूल ऊर्जा को कैद करता है—निडर, कच्चा और दिल को झकझोर देने वाला।

गाने के लॉन्च के दौरान अपने उत्साह को साझा करते हुए शहज़ाद अली कहते हैं, “इश्क़ जलाकर सिर्फ एक ट्रैक नहीं, यह एक अनुभव है। इसे सुना नहीं जाता, इसे महसूस किया जाता है। इसमें वह भावनात्मक आग है जो सीधे दिल में उतर जाती है।”

यह ट्रैक सिर्फ एक गाना नहीं लगता—बल्कि दो कलाकारों की तीव्रतम ऊर्जा का टकराव है।
जहां शश्वत सचदेव अपनी तीखी संगीत रचना से साउंड को तराशते हैं, वहीं शहज़ाद उस रचना में कच्ची, जीवंत और अद्वितीय जान फूंक देते हैं।

धुरंधर जैसा सिनेमा एक ऐसी आवाज़ मांगता था जिसमें भार भी हो, गहराई भी और सिनेमाई क्रूरता भी और शहज़ाद ने इस चुनौती को सीने पर लेकर पूरा किया।

एक कदम आगे बढ़ते हुए, शहज़ाद बताते हैं, “धुरंधर मेरे लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं—यह मुझे याद दिलाता है कि मैंने संगीत में कदम क्यों रखा था। जब कहानी आग लेकर आती है, तो आप सिर्फ धुन नहीं बनाते, आप खुद को उसमें समर्पित कर देते हैं।
और रणवीर के साथ काम करना? वह किसी गाने में प्रवेश नहीं करते—वह उसे जीते हैं। वह ऐसा तूफ़ान, ऐसी धड़कन और ऐसी अनिश्चितता लाते हैं कि आप अपनी सबसे ऊँची तीव्रता पर पहुंचने के लिए मजबूर हो जाते हैं।”

आज जब धुरंधर को लेकर उत्सुकता हर दिन बढ़ रही है, इश्क़ जलाकर फिल्म की संगीत पहचान का सबसे धधकता तत्व बनकर उभर रहा है। और यह गाना सिर्फ दर्शकों को नहीं, बल्कि खुद शहज़ाद अली को भी उनके आर्टिस्ट के नए शिखर तक पहुंचा चुका है।

अंततः धुरंधर का यह गीत सिर्फ एक रिलीज़ नहीं है। यह आवाज़, आग और आत्मा का उत्सव है। और इस उत्सव का सबसे चमकता चेहरा हैं शहज़ाद अली।