नरेंद्र तिवारी
मध्यप्रदेश का निमाड़ अंचल आए दिन सुर्खियों में रहता है। यह सुर्खियां गौरव दिलाने वाली नहीं अपितु शर्म से सिर झुकाने वाली है। निमाड़ के चार जिलों खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर और बड़वानी के साथ समीपवर्ती जिले धार में जानलेवा अवैध हथियारों का निर्माण एवं बिक्री इतने बड़े पैमाने होना सामाजिक चिंता का विषय है। इन पांचों जिलों में घातक जानलेवा फायर आर्म्स का निर्माण अधिकाशतः सिकलीकर समाज द्वारा किया जाने की पुष्टि अवैध हथियारों के दर्ज प्रकरणों से मिलती है। अवैध हथियार के निर्माण के अपराध में जुटा यह समाज छोटे-छोटे गांवों में रहता है। इन ग्रामीण अंचलों में ही लोहे की पट्टियों को भट्टी में तपाकर छैनी, हथौड़ी, कानस जैसे उपकरणों से जानलेवा फायर आर्म्स पिस्टल, कट्टे, कारतूस बनाने का आपराधिक कार्य करता है। बड़वानी जिले में उमर्टी, उंडीखोदरी, शाहपुरा, खुरमाबाद,ओझर, खरगोन जिले में सिगनूर, बमनाला, धुलकोट, अम्बा, बुरहानपुर जिले का खकनार, पागरी, धार जिले का ग्राम बारिया, खंडवा रेलवे स्टेशन होने से यहां भी अवैध हथियारों के सौदागर बाहरी प्रदेशो में निमाड़ में बने अवैध हथियारों की तस्करी करने आते-जाते रहते है। जानलेवा फायर आर्म्स की वही जानकारी जाहिर हो पाती है जो पुलिस प्रकरणों के माध्यम से मीडिया द्वारा प्रकाशित होती है। चिंता का विषय वह फायर आर्म्स भी है। जो अवैध निर्माताओं द्वारा अपराधियो तक पहुचा दिए गए है। इन अवैध घातक जानलेवा हथियारों का अपराधियो तक पहुचना हमारी व्यवस्था की गम्भीर चूक है। बड़वानी जिले के एडिशनल एसपी मानसिंह ठाकुर से जब अवैध हथियारों के अपराधों को पूरी तरह रोक पाने के विषय मे बात की तो उन्होंने बताया पुलिस अपराधियो पर कड़ी नजर रख रही है। विधानसभा चुनाव को शांति पूर्ण करवाने हेतु जिला पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद द्वारा सभी थाना प्रभारियों को हथियारों के अवैध निर्माण, बिक्री को लेकर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है। श्री ठाकुर के अनुसार बड़वानी जिले में 1 जनवरी 2023 से 20 सितंबर 2023 तक 40 प्रकरणों में 273 फायर आर्म्स पकड़े गए। हथियार निर्माण में रत अपराधियो द्वारा लालच के वशीभूत यह अपराध बार-बार किया जा रहा है। बड़वानी जिले के सेंधवा, ग्रामीण एवं वरला थाना अंतगर्त चार दिन के अंतराल में 64 फायर आर्म्स के अपराध में 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन अपराधों में सिकलीकर समाज के साथ जनजाति वर्ग के आरोपियों की संलग्नता पर एडिशनल एसपी श्री ठाकुर का कहना था कि जनजाति समाज को भी लालच देकर इस अपराध में शामिल किया जा रहा है। इन पांचों जिलों में विधानसभा चुनाव शांति से कराने के उद्देश्य से अवैध हथियारों के निर्माण बिक्री को लेकर पुलिस सघन अभियान चला रही है। इन अभियानों में पुलिस को सफलता भी प्राप्त हो रही है। विधानसभा चुनाव के तहत अवैध हथियारों के निर्माण एवं बिक्री के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में धार पुलिस ने अगस्त माह में ही 15 दिवस में 125 फायर आर्म्स पकड़ने की कार्यवाहीं को अंजाम दिया था। धार जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा धार जिले की गंधवानी तहसील के बारिया, मनावर तहसील के बाकानेर के जंगलों में अवैध हथियार निर्माण का कारखाना पकड़ा। यहां अंतरराज्जीय तस्कर गुरुचरण उर्फ गुरुनन्दन चावला को गिरफ्तार किया। एसपी मनोज कुमार के मुताबिक इस अपराधी द्वारा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्तान में अवैध हथियारों की तस्करी की जाती रही है। बड़वानी जिले के वरला थाना अंतगर्त सितंबर की 15 तारीख को पुलिस ने 30 फायर आर्म्स के साथ तीन आरोपियों को पकड़ा था। एसडीओपी कमलसिंह चौहान के अनुसार पंजाब अमृतसर के तस्कर 24 वर्षीय अर्जुन पिता तिलकराज एवं 19 वर्षीय अभी पिता अमनकुमार अटवाल सहित ग्राम उमर्टी का 21 वर्षीय नरेंद्र टकराना को गिरफ्तार किया है। हथियार निर्माण के अपराध में संलग्न अधिकांश अपराधी युवा उम्र के रहते है। जो इसे अपना परंपरागत कार्य समझते है। एसडीओपी कमलसिंह के अनुसार यह अपराधी सोश्यल मीडिया का भी उपयोग करते है। फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से दोस्त बनाकर व्हाट्सप पर फ़ोटो भेज कर सौदा तय करते है। बड़वानी जिले से अंतर प्रांतीय तस्कर कम कीमत में खरीदकर पंजाब में ऊंची कीमतों पर बेचते है। इन पांच जिलों में निर्मित अवैध हथियारों के खालिस्तानी उग्रवादियों तक पहुचने की खबरे भी मीडिया के माध्यम से लगातार मिलती रही है। एमपी के पांच जिलों में बहुतायत से अवैध हथियारों का निर्माण चिंता का कारण है। यह समाज मे बढ़ रही आपराधिक प्रवृत्ति का प्रमाण भी है। महज अपराधों को पकड़ना ही प्रशासन की सफलता नहीं माना जा सकता है। इस अपराध के पूर्णत उन्मूलन की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश सरकार को निमाड़ पर लंबे समय से चस्पा हथियार निर्माण के दाग को धोने की कोशिश करना चाहिए। किन्तु अफसोस इस बात का है कि प्रशासन का सामाजिक कार्य विभाग इन कोशिशों को करने में नाकाम रहा है। इस बारे में सिकलीकर समाज के युवा राजपाल जुनेजा से बात की तो उनका अपना दर्द फुट पड़ा। उनका कहना था कि समाज के कुछ लोग लालच के कारण हथियार निर्माण के आपराधिक कार्य से जुड़े है। इन्हें मुख्यधारा में लाने के गम्भीर प्रयास सरकार की तरफ से नही किये जा रहे है। समाज मे शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है। छोटे उधोग स्थापित करने के लिए बैंक लोन नही देती है। समाज के कुछ लोगो के कारण पुलिस बेगुनाह युवाओं को भी आरोपी बना देती है। इन कारणों से भी समाज को मुख्यधारा में आने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब की सिख संगत भी शिक्षा के मामले में सहयोग कर रही है। इंदौर की सिख संगत ने भी शिक्षा को लेकर कुछ मदद की है।जुनेजा समाज को मिल रही बदनामी से चिंतित दिखाई दिए। जुनेजा अपने समाज को अपराध मुक्त करने के प्रयास में लगे हुए है। उनका एक भाई कुलबीर सिंह भारतीय सेना में तो दूसरा भाई गुरमीत शिक्षा विभाग में कार्यरत है। वें स्वयं ग्राम उमर्टी में छोटी सी किराना दुकान और बलवाड़ी में आनलाइन सेंटर चलाकर अपने परिवार का गुजारा करते है। उनका कहना है कि सिकलीकर समाज बेहद अभावग्रस्त समाज है। गरीबी की हालत में परिवार का पालन पोषण करने एवं जेल में बन्द परिवार जनो की सहायता के लिए मजबूरीवश अवैध हथियारों के निर्माण का अपराध करते है। अवैध हथियार निर्माण से जुड़े इन गांवों के सैकड़ो युवा भारत के विभिन्न शहरों की जेलों में बन्द है। अपराध का पूरी तरह उन्मूलन किया जाना किसी भी सभ्य शिक्षित समाज की शांति के लिए बहुत जरूरी है। मध्यप्रदेश सरकार को निमाड़ से मिल रही इन बेशर्म सुर्खियों से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए। एमपी को अपराध मुक्त बनाने की प्रक्रिया निमाड़ के सिकलीकर समाज को हथियारों के अवैध निर्माण से पूरी तरह मुक्त किये बिना सम्भव नहीं है। किसी भी सभ्य समाज मे आपराधिक कार्यो की कोई जगह नहीं है। पुलिस की सख्ती के साथ सामाजिक प्रयासों को भी किये जाने की आवश्यकता है। अज्ञानता और मजबूरी अपराध के प्रमुख कारक है।