ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने आज 235 वर्ष पुरानी परम्परा को पुनः किया स्थापित

दीपक कुमार त्यागी 

घृतकम्बल हेतु ज्योतिर्मठ की ओर से 235 वर्ष पुरानी परम्परा की पुनः शुरुआत की 1787 के बाद आज पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज ने आज भगवान बदरीविशाल के शीतकालीन कपाट बन्द होते समय भगवान के विग्रह को घृत कम्बल हेतु शुद्ध गाय का घृत प्रदान किया गया है । मन्दिर के प्रशासक श्री राजू चौहान जी को ये घृत ब्रह्मचारी सहजानन्द जी और मुकुन्दानन्द द्वारा ये समर्पित किया गया। तत्पश्चात दोपहर बाद निर्धारित समय पर शंकराचार्य की उपस्थिति में तीन बजकर पैतीस मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बन्द कर दिया गया। उक्त पल के साक्षी हजारों की संख्या में लोग उपस्थित लोग रहे। उक्त जानकारी ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के मीडिया प्रभारी डाक्टर शैलेन्द्र योगी उर्फ योगीराज सरकार ने दी।