प्रकृति को ओढ़ाते हरियाली की शाल,पर्यावरण प्रेमी शिक्षक राजबीर बेनीवाल

Shawl of greenery covering nature, Environment loving teacher Rajbir Beniwal

प्रकृति से प्रेम व संरक्षण की दिशा में काम करने वालों के बहुत से उदाहरण मिल जाएंगे, मगर पेड़-पौधों को बचाने के लिए जीवन समर्पित करने वाला शायद ही कहीं देखने को मिले। यहां बात हो रही है भिवानी के सिवानी में रहने वाले 49 वर्षीय शिक्षक राजबीर बेनीवाल की। महज 10 साल की उम्र से प्रकृति प्रेम में कुछ इस तरह रमे कि शिक्षक राजबीर बेनीवाल आज ‘मास्टर राजबीर पर्यावरण प्रहरी और प्रेमी’ के रूप में विख्यात हैं। अब तक वह हज़ारों की संख्या में पेड़ लगा चुके हैं। जहां पदस्थ होते हैं, वहां पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल और आस पास के क्षेत्र में इतने पेड़ लगाते हैं कि आबोहवा बदल जाती है।

डॉ. सत्यवान सौरभ

शिक्षक का ओहदा हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है, जब वह छात्रों को प्रकृति के ऐसा जागरुक करे कि पूरा क्षेत्र ही हरियाली की चादर ओढ़ ले तो उसका स्थान अलग ही हो जाता है। आज हम आपकों बताएंगे हरियाणा के भिवानी जिले के उपमंडल सिवानी के एक शिक्षक के बारे में जिनके पर्यावरण प्रेम ने छात्रों को इनता प्रोत्साहित किया कि क्षेत्र ने हरियाली की चादर ओढ़ ली। उनकी पर्यावरण की शिक्षा का ऐसा असर हुआ कि नगर के हजारों विद्यार्थी आज पर्यावरण के प्रति जागरुक हो रहे हैं। इतना ही नहीं ये अपने शिक्षक कर्तव्य के साथ भी मन से न्याय कर रहे है तभी इनके कठिन विषय इतिहास में स्कूल के बच्चे टॉपर रहे है और शत प्रतिशत परिणाम हासिल करते हैं। इनकी खास बात ये भी है कि हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम के बच्चों को पढ़ाते है। बिना प्रायोगिक विषयों में इनके छात्रों का शत प्रतिशत परिणाम प्राप्त करना कोई जादू नहीं इनकी अथाह मेहनत और समर्पण का परिणाम है।

विद्यालय में शिक्षकों का मिला सहयोग

सिवानी के राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल में पदस्थ शिक्षक राजबीर बेनीवाल (इतिहास प्रवक्ता) के पर्यावरण प्रेम ने नगर सहित पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है। ये विद्यार्थियों के साथ वृहद स्तर पर पौधारोपण कर रहे हैं। बचपन से ही प्रकृति के प्रति राजबीर जी के बढ़ते तापमान और घट रही हरियाली के प्रति चिंतन को माता जी ने समझा और उन्हे पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। फिलहाल मास्टर राजबीर पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर पालिका के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिसका लाभ शहरवासियों को मिल रहा है। ये आज नगरपालिका सिवानी के स्वच्छता ब्रांड एम्बेस्डर है।

राजकीय मॉडल विद्यालय सिवानी में पदस्थापना के बाद इन्हें प्रिंसिपल सुरेश कुमार और सभी अध्यापकों सहित सुबेसिंह और पूनमचंद बड़वा का विशेष सहयोग मिला, विद्यालय परिसर में ही इसकी शुरूआत हुई, परिसर में पौधारोपण के बाद स्कूल के चारों ओर तथा स्कूल के सामने मार्ग के दोनों ओर वृहद स्तर पर पौधा रोपण किया। शहर की विभिन्न सड़कों के साथ-साथ श्री कृष्णा प्रणामी स्कूल, बिश्नोई मंदिर और नगर की श्मशान भूमियाँ जहाँ हरियाली नहीं थी, जैसे विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण किया।

पर्यावरण प्रहरी नामक महाअभियान

शिक्षक राजबीर बेनीवाल के पर्यावरण प्रेम ने धीरे-धीरे सभी का ध्यान खींचा। उनके पर्यावरण प्रहरी नामक महाअभियान से अब नगर के सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों सहित प्रकृति प्रेमी जुडऩे लगे। लोगों के जुड़ाव का ही यह परिणाम है कि नगर से लगभग 7-7 किलोमीटर दूर तक हजारों पौधों का लक्ष्य रखकर वृहद स्तर पर पौधारोपण किया गया। सिवानी का पर्यावरण प्रहरी आज अभियान बन गया है।

मास्टर राजबीर ने नियमित रूप से खुद के खर्च से खुद ही बीज या कलम से पौधे तैयार करके आते-जाते रास्ते में लगाने शुरू कर दिए। साथ-साथ निशुल्क लोगों को वितरित भी करते रहे। इसी प्रक्रिया को मास्टर राजबीर ने लगातार जारी रखा। राजबीर जी बताते हैं, शिक्षा विभाग में रहते हुए बार-बार स्थानान्तरण के चलते मुझे कई गांवों में सेवा का मौका मिला। इस दौरान मुझे प्रकृति के कई रूप देखने को मिले और मेरे प्रकृति प्रेम को जुनून में तब्दील होते देर नहीं लगी।’

वर्तमान में मास्टर राजबीर खुद तो पेड़-पौधों का संरक्षण कर ही रहे हैं, साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसी जुनून के चलते आज वह सिवानी उपमंडल में कई जगह पौधे लगा चुके हैं। मास्टर राजबीर को जहां कहीं भी किसी संस्था द्वारा आमंत्रित किया जाता है, वहां पहुंचकर लोगों को विशेष रूप से बच्चों को प्रकृति के संरक्षण का पाठ पढ़ाते हैं। प्रकृति के प्रति अपने काम को ही अपने जीवन का कर्तव्य मानते हैं।

पर्यावरण प्रहरी संस्था बनाकर छेड़ दी मुहिम

1993 में इन्होंने सिवानी के इसी विद्यालय से 12वीं पास की और तत्पश्चात इतिहास और अंग्रेजी में एमए किया। अतिरिक्त एलएलबी डिग्री से सुशोभित मास्टर राजबीर के पौधे लगाने के जुनून के चलते स्कूल के माध्यम से प्रकृति प्रेम जारी रहा। मकसद और लक्ष्य बड़ा होने लगा तो मास्टर राजबीर ने 2021 में ‘पर्यावरण प्रहरी’ ट्रस्ट नामक स्वयंसेवी संस्था की शुरुआत की, जिसके बाद लोगों को प्रकृति संरक्षण के बारे में जागरूक करना इनका लक्ष्य हो गया। इसके तहत वर्तमान में वह पर्यावरण के हित में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, संस्थान व स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए शिक्षण का कार्य भी कर रहे हैं। जब उनसे लोगों को कोई संदेश देने के बारे में पूछा गया, तो पेशे से शिक्षक मास्टर राजबीर का कहना है, ‘हर माता-पिता को अपने बच्चे को मिट्टी से खेलने देना चाहिए। इसके अलावा, मां-बाप बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक स्थानों पर भ्रमण कराने ले जाएं, जिससे बच्चे प्रकृति के करीब जाएंगे। इससे बच्चों में बचपन से ही धरती मां के प्रति प्रेम का भाव उत्पन्न होगा।’