‘जवान’ के गीत चलैया के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतकर सुर्खियों में हैं शिल्पा राव

Shilpa Rao is in the news after winning the National Film Award for the song Chaliya from 'Jawan'

मुंबई (अनिल बेदाग) : प्रसिद्ध सिंगर शिल्पा राव हाल ही में ‘जवान’ के गीत चलैया के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायिका का खिताब जीता। इस उपलब्धि के बाद शिल्पा ने भारत सरकार, ज्यूरी और पूरी जवान टीम का दिल से आभार व्यक्त किया। अपने लंबे नोट में उन्होंने अपने माता-पिता और परिवार के लिए भी गर्मजोशी भरे शब्द लिखे और उन्हें अपनी सबसे बड़ी ताकत बताया।

अपने नोट के एक हिस्से में शिल्पा ने लिखा, “मेरे माता-पिता, मेरे भाई अनुराग, मेरे पति रितेश और मेरा परिवार व दोस्त—आप सबका प्यार ही मेरी रीढ़ की हड्डी है। मेरे सभी गुरुओं और उस्तादों का जिन्होंने मुझे संगीत सिखाया। फिल्म इंडस्ट्री में जिन लोगों ने मेरा मार्गदर्शन किया और साथ काम किया, उन सबके प्रति मेरी कृतज्ञता।”

उन्होंने अपने श्रोताओं के प्रति भी आभार जताया और लिखा— “उन दर्शकों के लिए जिन्होंने मेरे गानों को दिल में जगह दी, यह अवॉर्ड जितना मेरा है उतना ही आपका भी है। हर दिन मेरे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद। आज मैं बेहद भावुक, कृतज्ञ और प्यार से भरी हुई महसूस कर रही हूँ। धन्यवाद।”

इस प्रतिष्ठित सम्मान को जीतने के बाद शिल्पा ने बताया कि उनके दिमाग में सबसे पहले उनके माता-पिता, गुरु और वो सभी लोग आए जिन्होंने सालों तक उनका साथ दिया। उन्होंने यह भी याद किया कि जब उनके माता-पिता को यह खबर मिली तो उनका रिएक्शन क्या था। शिल्पा ने कहा— “मेरे माता-पिता मुझसे ज़्यादा खुश थे।” इस सम्मानजनक मौके पर शिल्पा ने अपना नेशनल अवॉर्ड अपने गृहनगर को समर्पित किया। उन्होंने कहा— “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है। यह राष्ट्रीय पुरस्कार उन सबका है जिन्होंने मेरे साथ खड़े रहकर मेरा साथ दिया और जमशेदपुर का भी, जिसने मुझे गढ़ा और आज भी मेरा सहारा है।”

चाहे बॉलीवुड का कोई चार्टबस्टर हो या क्षेत्रीय धुन, शिल्पा राव हर गीत को उसकी भावनात्मक गहराई से पकड़ने की कोशिश करती हैं। उनका मानना है कि अगर गीत में सही भावना न झलके, तो सारा परिश्रम व्यर्थ हो जाता है। इसी सोच के चलते उनके गाने चलैया, छुट्टामल्ले, बेशरम रंग, कावाला, बुल्लेया और अन्य श्रोताओं के दिलों में गूंजते रहते हैं और आज भी उनकी प्लेलिस्ट पर राज कर रहे हैं।

इस हालिया उपलब्धि के साथ शिल्पा राव ने युवा गायकों और कलाकारों के लिए एक प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त किया है। वह यह याद दिलाती हैं कि समर्पण और दृढ़ता ही कलाकार को अपने श्रोताओं के और करीब लाती है और अंततः सफलता और सम्मान तक पहुँचाती है।