शिव के रविन्द्र ने विश्व की सबसे बड़ी संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस की फूला रखी है सांसे

Shiv's Ravindra has left BJP and Congress in trouble on the world's largest parliamentary seat

गोपेंद्र नाथ भट्ट

दुनिया की सबसे बड़ी संसदीय सीटों में शामिल और गुजरात एवं भारत पाकिस्तान सीमा से सटी पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट इस बार प्रदेश की सबसे बड़ी हॉट सीट बनी हुई है। जाट बाहुल्य इस सीट पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक कर मुकाबले को बहुत ही रोचक और संघर्षपूर्ण बना दिया है। कांग्रेस ने यहां हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालौपा (आरएलपी) से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदा राम बेनीवाल को टिकट दिया है।

शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी सहित प्रदेश के सात विधायकों ने लोकसभा चुनाव में अपनी ताल ठोंक रखी है, यानि महज चार महीने के अंतराल में वे दूसरा बड़ा चुनाव लड़ने जा रहे है। राज्य में कांग्रेस के सबसे ज्यादा चार विधायक चुनाव में अपना किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन भाजपा ने इस बार किसी विधायक को टिकट नहीं दिया है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सात सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ाया था जिसमें चार सांसद चुनाव जीते और तीन हारे थे।राजस्थान में राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ, देवजी पटेल, नरेंद्र कुमार और भागीरथ चौधरी विधान सभा चुनाव में उतरे थे। साथ ही राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को भी चुनावी मैदान में उतारा गया था। इनमें राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ और मीणा चुनाव जीत गए। इसलिए भाजपा ने उनकी जगह नए चेहरों को लोकसभा चुनाव में उतारा है लेकिन विधान सभा चुनाव में हार के बावजूद अजमेर से भागीरथ चौधरी पर फिर से दांव लगाया गया है।

प्रदेश की अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस या इंडिया एलायंस के मध्य सीधा मुकाबला है लेकिन भाटी के ताल ठोकने के कारण बाड़मेर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।

इस तरह लोकसभा चुनाव 2024 के दंगल में पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट का चुनावी मुकाबला खासा रोचक हो गया है. यहां चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरकर शिव के युवा विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की सांसें फुला दी है। यह सीट भारतीय जनता पार्टी का राजस्थान में हैट्रिक विजय के सपने को भी चकनाचूर कर सकती है। भाटी के चुनाव मैदान में डटे रहने से भाजपा और कांग्रेस दोनों की राह कठिन होती जा रही है।

भाजपा ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सभा का आयोजन भी रखा है।

26 वर्षीय युवा विधायक रविन्द्र सिंह भाटी जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहें है और वह चुनाव भी उन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ कर ही जीता था । भाटी के चुनावी मैदान में आने से दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की सांसें फूली हुई हैं। दोनों के निशाने पर रविन्द्र सिंह भाटी हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाटी पर अपने कड़े प्रहार किए है।इसी तरह भाजपा नेता भी भाटी के खिलाफ बयान देने में पीछे नहीं है। भाटी को घेरने के लिए दोनों पार्टियां पूरा जोर लगा रही है, लेकिन भाटी की रैलियों में उमड़ रही भीड़ विशेष कर युवाओं के समर्थन ने उनको चिंता में डाल रखा है। भाटी ने हाल ही में शिव विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था तथा भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशियों को पछाड़कर अपनी जोरदार जीत दर्ज की थी। भाटी अपने आपको बाड़मेर-जैसलमेर की जनता का बेटा बता कर मतदाताओं को लुभा रहें हैं।

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं।पहले इसमें दो ही जिले बाड़मेर और जैसलमेर शामिल थे लेकिन अब बालोतरा बाड़मेर से अलग होकर नया जिला बन गया है। यह जिला अभी भी है इस लोकसभा क्षेत्र में ही आता है। इसके कारण अब यह सीट तीन जिलों की लोकसभा सीट हो गई है। इस लोकसभा सीट में बाड़मेर और बालोतरा जिले की सात और पर्यटन नगरी जैसलमेर की एक सीट शामिल है। इस पूरे लोकसभा क्षेत्र में 22 लाख 6 हजार 237 मतदाता हैं।जिसमें 11,76, 975 पुरुष और 10,29,253 महिला मतदाता शामिल हैं।

इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता सीमावर्ती चौहटन विधानसभा क्षेत्र में है। वहां 3,12, 546 वोटर हैं. उसके बाद शिव विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 3,05, 614 मतदाता हैं। इनके अलावा जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में 2,56,602 मतदाता हैं।बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में 2,68,578, बायतु में 2,55,468 पचपदरा में 2,56,899, सिवाना में 2,78,132 और गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र में 2,72, 398 मतदाता हैं।

निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी दरअसल इन दिनों इस इलाके में युवाओं के आइकॉन बने हुए हैं। उनकी चुनावी सभाओं में उमड़ रही भीड़ ने सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। हर कोई भाटी की लोकप्रियता और उनकी सभाओं की भीड़ का देखकर हैरान हो रहा है। यह युवा जहां-जहां पहुंच रहा है वहां-वहां जन सैलाब रिकॉर्ड तोड़ रहा है।

भाजपा यहां प्रधानमंत्री मोदी के 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों और केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी द्वारा क्षेत्र में कराए कार्यों को लेकर चुनाव मैदान में प्रचार कर रही है। वहीं कांग्रेस अपने परम्परागत वोट बैंक के सहारे जीत का दावा कर रही है। इसके साथ ही उसे जाट वोट बैंक के भी उसके पक्ष में आने की संभावना दिख रही है। इसके पीछे बड़ी वजह हनुमान बनीवाल की आरएलपी को छोड़कर कांग्रेस के खेमे में आए उम्मेदाराम बेनीवाल से उन्हें बहुत उम्मीदें हैं लेकिन शिव के छोरे भाटी ने सभी के नाक में दम कर रखा है।

राजनीतिक जानकारों को लगता है कि बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर इस बार अप्रत्याशित परिणाम आ सकता है।इस सीट पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट पड़ेंगे।

इधर अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री रहे और लाल डायरी के लिए चर्चित राजेंद्र गुढ़ा ने भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा है कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने मेरे ऊपर झूठे दर्ज कराए है। इसी प्रकार जयपुर के विद्याधर नगर विधान सभा से दिया कुमारी के विरुद्ध चुनाव लडने वाले कांग्रेस उम्मीदवार सीता राम अग्रवाल ने भी भाजपा ज्वॉइन कर ली। एक वक्त पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत के विश्वस्त माने जाने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बी एल सोनी ने भी भाजपा में शामिल होकर गहलोत के खिलाफ बयान दिए है।

इस तरह ज्यों ज्यों प्रदेश में लोकसभा चुनाव का पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है प्रदेश के राजनीतिक वातावरण में भी उफान आ रहा है और आरोप प्रत्यारोपों का यह सिलसिला कहां जाकर रुकेगा यह देखना दिलचस्प होगा।