
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ अत्याचार की घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इसके विरोध में दो दिन पहले इसी अस्पताल में आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस बर्बरता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की है।
एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी नृशंस हत्या कर दी गई। जिसके विरोध में 14 अगस्त की रात नागरिकों ने अस्पताल पर हमला कर दिया और वहां रखे सामान को तहस-नहस कर दिया।
कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना के संबंध में हमें एक ईमेल मिलने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने बर्बरता को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की और कहा कि यह बर्बरता राज्य में सिस्टम की विफलता है। कोर्ट ने स्थिति को ठीक से नहीं संभालने के लिए राज्य सरकार को फटकार भी लगाई। आप हमेशा धारा 144 लागू करते हैं यानी कर्फ्यू, सभा प्रतिबंध। जब उस दिन इतनी अराजकता थी तो आपको इस क्षेत्र की नाकेबंदी कर देनी चाहिए थी।
अस्पताल पर मार्च करने वाले प्रदर्शनकारी दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने घटना स्थल पर सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की। इस बीच विपक्ष का आरोप है कि अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले को संभालने में सरकारी तंत्र और पुलिस नाकाम रही है।
कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने तोड़फोड़ के मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। अदालत ने गिरफ्तार को 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।