सागर में कुछ दुर्गा पंडाल अपनी अनूठी विशेषताओं को लेकर बने आकर्षण का केंद्र

Some Durga pandals in Sagar became the center of attraction due to their unique features

रविवार दिल्ली नेटवर्क

सागर : शक्ति की आराधना का पावन पर्व शारदेय नवरात्र का उल्लास और उत्साह प्रदेशभर में देखा जा रहा है। मां की भक्ति के साथ साथ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैंं। प्रदेश के सागर मे कुछ पंडाल अपनी अनूठी विशेषताओं को लेकर आकर्षण का केंद्र रहते हैं और ऐसे ही पंडालों मैं से एक है कांधे वाली माता। सागर शहर के पुरव्याउ टोरी पर स्थापित होने वाली मां को कांधे वाली माता के नाम से जाना जाता है।

पुरव्याऊ टोरी में पिछले 120 साल से मां दुर्गा की स्थापना की जा रही है.इस दुर्गोत्सव में 120 साल पुरानी परंपराओं को अभी तक सहेज कर रखा है। यहां तक कि मूर्ति का निर्माण भी परंपरागत तरीके से किया जाता है। हर साल माता की मूर्ति एक जैसी होती है… माता का श्रृंगार सोने और चांदी के असली आभूषण से किया जाता है. यहां तक कि माता की शोभायात्रा भी कंधों पर बिठाकर निकाली जाती है। सारा शहर मां के दर्शन के लिए कतार में खड़ा हो जाता है. इस दुर्गा उत्सव की शुरुआत साल 1905 में हुई थी।