दीपक कुमार त्यागी
देश की राजधानी दिल्ली से एक दम सटी हुई बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाली औधोगिक नगरी वाली सोनीपत लोकसभा के क्षेत्र का हरियाणा की राजनीति में हमेशा दबदबा रहा है। अपनी जातिगत, भौगोलिक व औधोगिक खूबी के चलते यह लोकसभा क्षेत्र राज्य व देश की राजनीति में बेहद अहम महत्वपूर्ण स्थान हमेशा से ही रखता आया है। वैसे तो इस सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें छह सीटें गन्नौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरौदा सोनीपत जनपद के अन्तर्गत आती हैं, वहीं बाकी तीन जींद, जुलाना और सफीदों जींद जनपद के अन्तर्गत आती हैं। 10 लोकसभा सीट वाले हरियाणा में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र को जाटलैंड के प्रभाव वाली दूसरी सबसे अहम सीट माना जाता है, इस सीट पर जाट मतदाता अकेले ही निर्णायक स्थिति में हैं। लेकिन यहां पर राजनीतिक दृष्टिकोण से विचारणीय तथ्य यह भी है कि इस सीट से जातिगत समीकरणों को ध्वस्त करके अभी तक तीन बार गैर जाट प्रत्याशी भी सांसद निर्वाचित हो चुके हैं, इस सीट से वर्ष 1996 में अरविंद शर्मा निर्दलीय के बाद वर्ष 2014 व 2019 में लगातार दो बार से भाजपा से रमेश चन्द्र कौशिक निरंतर चुनावी रणभूमि में सफलता हासिल कर रहें हैं। 16वीं लोकसभा के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को हराया था। वहीं 17वीं लोकसभा के पिछले चुनाव में तो रमेश चन्द्र कौशिक ने कांग्रेस के दिग्गज राजनेता व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावों में भारी मतों से सियासी पटखनी देने का कार्य किया था।
“इस क्षेत्र के चुनावी कुरुक्षेत्र के हर गुणा-भाग से वाफिक दिग्गजों की मानें तो भाजपा के सांसद रमेश चन्द्र कौशिक ने इस सोनीपत संसदीय क्षेत्र में अपनी दिन-रात की मेहनत, व्यवहार कुशलता, छवि व दमदार कार्यशैली के दम पर जातिगत समीकरण को ध्वस्त करने में बहुत बड़ी महारत हासिल कर रखी है, वह अपने व्यवहार के दम पर क्षेत्र में जातियों का बंधन तोड़कर के सभी के बीच लोकप्रिय हैं।”
हरियाणा की राजनीति में और सोनीपत लोकसभा के क्षेत्र में रमेश चन्द्र कौशिक की जबरदस्त लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जाटलैंड के गढ़ में ही उन्होंने वर्ष 2019 में संपन्न हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में हरियाणा के दिग्गज राजनेता भुपेंद्र सिंह हुड्डा को 1 लाख 64 हजार 864 वोटों के बड़े अंतर से हरा कर के जीता था, आज उनकी मज़बूत पैठ क्षेत्र में हर जाति व धर्म के लोगों के बीच में है। हालांकि चुनावी रणभूमि में जीत हार जनता के हाथ में होती है वह जिसे चाहे जो बना देती है, लेकिन क्षेत्र में एक लोकप्रिय जननेता के रूप में स्थापित होना आज के दौर की राजनीति में भी किसी भी राजनेता के लिए एक सबसे बड़ी व वास्तविक उपलब्धि होती है, देश व प्रदेश की राजनीति में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सांसद के रूप में रमेश चन्द्र कौशिक क्षेत्र में लोकप्रिय जननेता के रूप में पूरी तरह से स्थापित हो चुके हैं, आज क्षेत्र के लोग उनको विकास पुरुष मानते हैं क्योंकि उन्होंने सोनीपत लोकसभा क्षेत्र को केजीपी और केएमपी की बड़ी सौगात दिलवाने का कार्य किया। उन्होंने ही दशकों से खस्ताहाल रहे बागपत से रोहतक नेशनल हाईवे और सोनीपत से जींद मार्ग को भी नेशनल हाईवे घोषित करवा करके उसके चौड़ीकरण का काम करवा कर आम जनमानस के जीवन पथ को सुगम बनाने का कार्य किया। उन्होंने जींद में बाइपास निर्माण और सोनीपत-जींद रेलवे लाइन का काम पूरा करवाकर तीन ट्रेन चलवाने का भी काम किया था। उनके प्रयास से ही अब गन्नौर में रेल कोच कारखाना बनकर तैयार खड़ा है, जिससे क्षेत्र में रोजगार के काफी सारे अवसर पैदा होंगे। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह संसद में भी अपना पूरा समय देते हैं, वहीं साथ ही साथ व क्षेत्र की जनता के बीच भी उपस्थित रहकर के निरंतर जनता के साथ बेहतर जन संपर्क बनाकर रखते हैं, जो हर राजनेता के बस की बात नहीं है। यहां आपको बता दें कि रमेश चन्द्र कौशिक का जन्म 3 दिसम्बर 1956 को सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के समासपुर गांव में ही हुआ था, उन्होंने सोनीपत के हिन्दू कॉलेज और उत्तर प्रदेश के मेरठ विश्वद्यालय से बीए और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की थी और फिर वह परिवार के जीवन यापन के लिए वकालत करने में लग गये थे। लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था वकालत करते हुए जब उनका आयेदिन तरह-तरह की जन समस्याओं से जब वास्ता पड़ने लगा तो उन्हे इनसे निपटने के लिये राजनीति सबसे कारगर व सशक्त माध्यम लगा और वह क्षेत्र की सक्रिय राजनीति में कूद पड़े। हालांकि वर्ष 1991 में उन्हें पहली बार हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर कैलाना हलके (वर्तमान में गन्नौर) से टिकट मिला था, लेकिन पहली बार में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, उनको चुनावी रणभूमि में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन कुछ वर्षों के बाद 1996 में कैलाना हलके से रमेश चन्द्र कौशिक चुनाव में विजयी होकर के विधायक बने। उसके बाद जब राज्य में हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की बंसीलाल के नेतृत्व में सरकार बनी तो उसमें रमेश कौशिक का कद दिन प्रतिदिन तेजी के साथ बढ़ता चला गया। वह 1996-97 में हरियाणा सरकार में सीपीएस रहे, तो 1997 में उनको राज्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन उनको चंद महीनों के बाद ही बंसीलाल ने कैबिनेट मंत्री बनाते हुए श्रम समेत तीन अहम मंत्रालय सौंपने का कार्य किया था। उन्होंने राजनीति में अपने व्यवहार व कार्यशैली के दम पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने का काम किया। दूसरी बार वह वर्ष 2005 में कांग्रेस के टिकट पर राई सीट से विधायक बने और भुपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनने। लेकिन अब क्षेत्र व कांग्रेस पार्टी में उनकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस पार्टी के अंदर ही उनके कई राजनीतिक विरोधी पैदा हो गये थे, जिसके चलते ही वर्ष 2009 के विधानसभा चुनावों में मौजूदा विधायक होते हुए भी कांग्रेस पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इसी राजनीतिक उठापटक के चलते वर्ष 2013 में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर वह भाजपा में शामिल हो गये। वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनावों में भाजपा ने उन्हें सोनीपत संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया, इस चुनाव में सभी को लगता था कि मोदी लहर के बावजूद भी जाटलैंड की इस बेहद अहम सीट पर भाजपा की जीत बेहद मुश्किल है, लेकिन जब चुनाव परिणाम आये तो भाजपा प्रत्याशी के रूप में रमेश चन्द्र कौशिक ने कांग्रेस पार्टी के जगबीर सिंह मलिक को 77 हजार 414 वोटों से हराया, उस वक्त वह पहली बार सांसद चुने गए थे, जो कि उनकी पूर्व में की गयी क्षेत्र में जनसेवा का एक बड़ा महत्वपूर्ण प्रतिफल था। जिसके बाद सोलहवीं लोकसभा में 1 सितंबर 2014 से सदस्य के रूप में नियम समिति सदस्य, परामर्शदात्री समिति, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय सदस्य, रेल संबंधी स्थायी समिति के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण दायित्व का उन्होंने सफलता पूर्वक निर्वहन किया। 1 सितम्बर, 2018 से सदस्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति का दायित्व बखूबी निभाने का कार्य किया। 16वीं व 17वीं लोकसभा के अपने कार्यकाल में वह संसद व क्षेत्र दोनों में बेहद सक्रिय रहे हैं, संसद में हर एक महवपूर्ण विषयों पर होने वाली चर्चाओं में वह अवश्य शामिल रहते हैं, संसद में उनकी शत प्रतिशत उपस्थिति का रिपोर्टकार्ड काबिलेतारिफ है। उन्होंने समय समय पर संसद में अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ गृह, वित्त, जल संसाधन, रेलवे, परिवार कल्याण, सड़क एवं परिवहन, उपभोक्ता मामलों, पर्यटन, श्रम एवं रोजगार, क़ानून, कृषि, वाणिज्य, महिला एवं बाल विकास, पेट्रोलियम और शहरी विकास तथा अन्य मंत्रालयों से जनता से जुड़े हुए विभिन्न गंभीर मुद्दों पर निरंतर सवाल उठाकर उनका समाधान करवाने का लगातार प्रयास किया है। वह सितंबर 2019 से ऊर्जा की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य है, अक्टूबर 2019 में वह पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और सरकारी आश्वासन समिति के सदस्य बनाये गये थे। सोनीपत के सांसद के तौर पर रमेश चन्द्र कौशिक की यह हमेशा कोशिश रहती है कि क्षेत्र की जनता से जुड़ी हुई हर समस्या का हर हाल में जल्द से जल्द निदान हो, समस्याओं का स्थाई समाधान हो। उनका सपना है कि क्षेत्र के लोगों को भरपूर रोजगार मिले क्षेत्र में व्यवस्थित औधोगिक विकास तेजी से हो, जिस सपने को पूरा करने के क्रम में ही उन्होने गन्नौर में रेल कोच मरम्मत कारखाने का निर्माण करवाया है, जिसका प्रधानमंत्री मोदी से समय मिलने पर कभी भी उद्घाटन संभव है। वह हरियाणा के लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई के लिए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मसले को निरंतर दमदार ढंग से उठाते रहते हैं। वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वच्छ पेयजल व बेहतर संपर्क मार्ग उपलब्ध करवाने को हमेशा अपनी मुख्य प्राथमिकता मानते हैं। क्षेत्र के लोगों के अनुसार रमेश चन्द्र कौशिक जनता का दिल अपने काम व अपनी कार्यशैली के दम पर जीतना बखूबी जानते हैं, इसी वजह से ही वह जातिगत समीकरणों को पूरी तरह से ध्वस्त करके चुनाव जीत जाते हैं।