दीपावली और बंदी छोड़ दिवस पर विशेष दोहे

Special couplets on Diwali and Bandi Chhor Divas

रावेल पुष्प

दीप जलें हर द्वार पर, मन से मिटे अँधियार।
सत्य, प्रेम, करुणा बने, जीवन का श्रृंगार॥

फूलों सी मुस्कान हो, दिल में जगमग दीप।
नव उमंग विश्वास से, जीवन हो तरतीब॥

दीपक संग दीपक जुड़ा, बाँटे प्रेम उजास।
द्वेष-दहन कर दूर हो, मानवता का त्रास॥

लक्ष्मी संग आएँ खुशी, सिद्धि संग हो साथ।
श्रद्धा-भक्ति संग मिले, मंगलमय हर रात॥

रंग-बिरंगे दीप हों, जग में हो उजियार ।
सुख-समृद्धि संग रहे, जीवन में बस प्यार॥

थे ग्वालियर के किले में,बावन राजे कैद
छुड़ाये हरगोबिन्द ने, सुरक्षाकर्मी मुस्तैद

ग्वालियर की कारा से,दी स्वतंत्रता दान
किया हरगोबिन्द ने, उजियारा हिंदुस्तान

बंदी राजे मुक्त कर, करुणा की मिसाल
दीपमाला हरिमंदिर में,जगमग करे निहाल

जगमग करत संसार है,हर दिल में विश्वास
गुरुकृपा से दीप ये,देता शुभ प्रकाश

दीप जलें दरबार में, आलोकित अमृतसर
बंदी छोड़ दिवस मना, खुशियां हैं घर-घर