31 मार्च के बाद ईवी की खरीद पर विशेष कर छूट का नहीं मिलेगा अवसर

उमेश जोशी

इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयकर की छूट पाने का अंतिम अवसर दो दिन बाद समाप्त हो जाएगा। 31 मार्च तक खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों पर आय कर में विशेष छूट मिलेगी। यह छूट डेढ़ लाख रुपए तक मिलेगी।

सरकार ने 2019 के केंद्रीय बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर विशेष छूट देने का एलान किया था। साथ ही, यह भी कहा था कि यह छूट 31 मार्च 2023 तक ही मिलेगी। सरकार ने यह छूट देने के लिए आयकर अधिनियम में नई धारा 80ईईबी जोड़ी थी। सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष छूट का प्रावधान किया था।

चालू वित्त वर्ष खत्म होने में दो ही दिन बचे हैं। इसके बाद छूट का प्रावधान समाप्त हो जाएगा। यदि कोई आयकर में अधिक छूट पाने का इच्छुक है तो उसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदने का यह सही अवसर है।

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी दर भी घटा कर पाँच फीसदी की है जबकि डीजल और पेट्रोल वाहनों पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयकर छूट पाने की कुछ शर्तें हैं। सबसे पहली शर्त यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन ऋण लेकर खरीदा जाना चाहिए। ईवी के लिए ऋण किसी वित्तीय संस्थान या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से लिया जाना चाहिए। ऋण के ब्याज भुगतान पर आयकर में एक साल में डेढ़ लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है। ब्याज पर इस छूट का लाभ ऋण का पूरी तरह भुगतान होने तक मिलता रहेगा। एक व्यक्ति एक बार ही इस छूट का लाभ ले सकता है।

दूसरी शर्त यह है कि निजी उपयोग के लिए खरीदे गए वाहन पर ही आयकर में छूट का लाभ मिलेगा। कोई व्यक्ति निजी व्यापार के लिए वाहन का उपयोग करता है तो भी छूट का फायदा मिलेगा। यूँ कह सकते हैं कि इस छूट का फायदा व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों मकसद से खरीदे गए वाहनों पर उठा सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति व्यापार के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो वह ऋण पर 1.50 लाख रुपए से अधिक के ब्याज भुगतान को अपने व्यापारिक के खर्चों में शामिल कर सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, एचयूएफ, एओपी या अन्य करदाता को 80ईईबी के तहत छूट नहीं मिलेगी।

आयकर कानून में इस छूट का फायदा उठाने के लिए वाहनों की श्रेणी में कोई अंतर नहीं किया गया है। स्कूटर और इलेक्ट्रिक कार दोनों को कर छूट का लाभ मिलेगा।

कई राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दे रही हैं। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना की अपनी- अपनी ईवी नीति हैं, जिनके तहत इलेक्ट्रिक कार और दोपहिया वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाती है।

देश इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार काफी महत्त्वपूर्ण हैं। देश उसका उपयोग करता है तो वह दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने में पहले स्थान पर होगा।

हमारा देश पिछले साल चीन और अमेरिका के बाद जापान को पीछे छोड़ तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। फिलहाल देश का वाहन उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपए का है। इसके अलावा देश के कुल जीएसटी राजस्व में इस क्षेत्र का अधिकतम योगदान है।