सुनील कुमार महला
बस स्टैंड में एक प्राइवेट बस स्टार्ट खड़ी थी और कंडक्टर और अधिक सवारियों का इंतजार कर रहा था। बस में जो यात्री सवार हो रहे थे, उनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर भी था, जो वर्दी में था और ड्यूटी पर पुलिस स्टेशन जा रहा था। पुलिस इंस्पेक्टर बस में खिड़की की साइड में बैठ गया। बस में मूंगफली, टाफी बेचने वाले आ रहे थे। बस में बैठा इंस्पेक्टर यह सब देख रहा था। जून की तपती गर्मी में सभी बस के गंतव्य की ओर बढ़ने का इंतजार कर रहे थे। इंस्पेक्टर भी, लेकिन बस अभी स्टार्ट ही खड़ी थी। बस के ईर्द-गिर्द बस स्टैंड पर एक 12-13 साल का बच्चा आइसक्रीम बेच रहा था। उसके चेहरे पर कोई मुस्कान नहीं थी, क्यों कि सुबह से उसकी एक भी आइसक्रीम नहीं बिकी थी। मूंगफली,टाफी व बस में अन्य सामान बेचने वालों की तरह वह लड़का भी बस में चढ़कर आइसक्रीम बेचना चाहता था, लेकिन बस में सवार इंस्पेक्टर ने देखा कि लड़का उसे खाकी वर्दी में देखकर ठिठक सा गया और वह पुलिस के खौफ से बस के अंदर नहीं आया। इंस्पेक्टर ने जब देखा कि वह लड़का बस में आइसक्रीम बेचने में झिझक रहा है और बस के अंदर नहीं आ रहा है तो उसने उस लड़के को बस के अंदर से आवाज दी-‘ ऐ बच्चे ! आओ न ! तुम बस के अंदर क्यों नहीं आ रहे हो ? ‘ लड़के ने पुलिस इंस्पेक्टर की तेज आवाज सुनी और तेजी से दौड़कर बस के पीछे जाकर छुप गया। इंस्पेक्टर हैरान था। बस कंडक्टर अभी भी और सवारियों का इंतजार कर रहा था और बस गंतव्य की ओर नहीं दौड़ी थी। इंस्पेक्टर का मन पिघल आया और उससे रहा नहीं गया। वह तुरंत बस से उतरकर नीचे बस के पीछे के भाग में आया, जहां आइसक्रीम बेचने वाला वह लड़का दुबक कर आइसक्रीम बाक्स अपने हाथ में थामे खड़ा था। इंस्पेक्टर को देखकर वह बुरी तरह से पहले तो झिझका और बाद में वह डर गया और इंस्पेक्टर से गिड़गिड़ाते हुए कहने लगा -‘ साहब मुझे छोड़ दीजिए। आइंदा मैं यहां आइसक्रीम बेचने नहीं आऊंगा। ग़लती हो गई, लेकिन क्या करूं साहब ?, पिताजी तीन दिन से बुखार से पीड़ित हैं। मां पहले ही स्वर्ग सिधार चुकी। मेरे तीन भाई-बहन हैं, जो मुझसे उम्र में बहुत छोटे हैं। उनका पेट भरना है। साहब पेट की आग मुझे यहां खींच लाई।’ इंस्पेक्टर लड़के की बातें ध्यान से सुन रहा था और उस लड़के की बातें सुनकर इंस्पेक्टर ने उस लड़के से कहा-‘ डरो नहीं बेटा ! पुलिस का ध्येय अपराधियों में डर और आमजन में विश्वास है। पुलिस सेवा के लिए कटिबद्ध है।’ ऐसा कहकर इंस्पेक्टर ने लड़के से आइसक्रीम खरीदी। अब आइसक्रीम बेचने वाले लड़के के चेहरे पर मुस्कुराहट की किरणें दौड़ आई थी।