मुंह में फंसे ब्रेक हैंडल की टीएमयू में सफल सर्जरी

Successful surgery of brake handle stuck in mouth in TMU

रविवार दिल्ली नेटवर्क

बिलारी के 35 वर्षीय ई-रिक्शा चालक मो. उमरूद्दीन के गाल में फंस गया था ई-रिक्शा का ब्रेक हैंडल, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट की ओर से करीब घंटे भर के ऑपरेशन के बाद मरीज को कर दिया डिस्चार्ज

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर का ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट बेजोड़ है। ई-रिक्शा के ब्रेक हैंडल को मुंह में फंसा देख आप हैरत में रह जाएंगे, लेकिन यह सच है। बिलारी का यह ई-रिक्शा चालक 35 साल का उमरूद्दीन मुंह में फंसा ब्रेक हैंडल लेकर इलाज के तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल पहुंचा। चूंकि यह केस ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट से जुड़ा था, सो मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स को एक्स-रे से पता चला कि जबड़े में कोई समस्या नहीं थी। डॉक्टर्स ने घरवालों की सहमति और जिम्मेदारी पर सर्जरी करने का फैसला लिया। करीब घंटे भर के ऑपरेशन के बाद मरीज के गाल से ब्रेक हैंडल को निकाल दिया गया। टांके लगाने के कुछ घंटों के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।

बिलारी का मो. उमरूद्दीन सुबह करीब साढ़े छह बजे अपने ई-रिक्शा से सब्जियां लेकर चंदौसी मंडी जा रहा था। रास्ते में अचानक से रि-रिक्शा का बैलेंस बिगड़ गया, जिससे रिक्शा पलट गया। रिक्शे के पलटने से उमरूद्दीन उसकी चपेट में आ गया और रिक्शे का ब्रेक हैंडल टूटकर उनके गाल में घुस गया। ब्रेक हैंडल के फंसने से खून बहने लगा और भयंकर दर्द कराह उठा। आनन-फानन में उसके परिजन आसपास के हॉस्पिटल्स में ले गए। मरीज की हालत को देखकर सभी ने ट्रीटमेंट करने से मना कर दिया। अंत में परिजन उमरूद्दीन को तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल ले आए। टीएमयू के डॉक्टर्स ने एक्स-रे कराने की सलाह दी ताकि पता लग सके कि ब्रेक से किसी नस को तो हानि नहीं हुई है, क्योंकि ब्रेक हैंडल बुरी तरह से फंसा था। डॉक्टर्स की टीम यह जानना चाहती थी, ब्रेक हैंडल से कहीं फेशियल नसें, आंख और कान तो क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं। मरीज के घरवाले एक्स-रे के लिए राजी नहीं हुए, लेकिन डॉक्टर्स की सलाह पर ऊपरी जबड़े के एक्स-रे लिए तैयार हो गए। एक्स-रे से पता चला कि जबड़े में कोई समस्या नहीं है। डॉक्टर्स ने सर्जरी करने का फैसला लिया। ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. नंदकिशोर डी. और डॉ. डीएस गुप्ता के मागदर्शन में डॉ. सौभाग्य अग्रवाल, पीजी रेजिडेट्स डॉ. पूजा बिजारनिया और डॉ. शुभम मिश्रा नेे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।