रविवार दिल्ली नेटवर्क
राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद अब नए मुख्य सचिव के नाम का भी एलान हो गया है । राजस्थान केडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी सुधांश पंत राजस्थान के अगले मुख्य सचिव होंगे।पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं।
सुधांश पंत वर्तमान में नई दिल्ली में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।जहाँ से उन्हें राजस्थान के लिए रिलीव कर दिया गया है। पन्त आज राजस्थान के मुख्य सचिव का कार्यभार सम्भालेंगे। उन्हें अपने से छह वरिष्ठ अधिकारियों की वरिष्ठता लांघ कर मुख्य सचिव बनाया जा रहा है।
पन्त वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल आज रविवार 31 दिसंबर 2023 को ही समाप्त हो रहा है। दरअसल उषा शर्मा का कार्यकाल 30 जून 2023 को ही समाप्त हो गया था,लेकिन विधान सभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार से उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन मिला था।
वैसे राजस्थान के मुख्य सचिव की रेस में कई नाम चले थे। इनमें संयज मल्होत्रा और सुधांश पंत के अलावा, दिल्ली में तैनात वी श्रीनिवास और राजस्थान में काम कर रहे राजेश्वर सिंह के साथ ही शुभ्रा सिंह, अभय कुमार और रोहित कुमार सिंह के नाम भी दावेदारों में थे लेकिन उनकी सेवानिवृति नज़दीक होने से विचार आगे नही बढ़ा और बाद में यह साफ होने लगा कि ब्यूरोक्रेसी का चेहरा दिल्ली से ही आएगा। इनमें संजय मल्होत्रा का नाम सबसे आगे था। वे वित्त मंत्रालय में रेवेन्यू विभाग में सचिव के पद पर तैनात हैं,लेकिन उन्हें केंद्र सरकार ने रिलीव करने से मना कर दिया। दिल्ली में वे आगामी बजट से जुड़े कामों में लगे हैं।इसलिए सुधांश पंत के नाम को आगे किया गया। सुधाशं पंत राजस्थान केडर में वरिष्ठता में 7वें नंबर पर हैं। उनसे उपर संजय मल्होत्रा, रोहित कुमार सिंह, राजेश्वर सिंह, शुभ्रा सिंह, वी श्रीनिवास और सुबोध अग्रवाल का नाम आता हैं। हालंकि, राजस्थान में पहले ही कई मुख्य सचिव वरिष्ठता लांघ कर बनाए जा चुके हैं।
दरअसल, राजस्थान की नई सरकार राज्य के वित्तीय प्रबंधन को सुधारना चाहती है ।ऐसे में सुधांशु पंत को यह बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है। पंत को राजस्थान की वित्तीय व्यवस्थाओं का बेहतर अनुभव है उसका लाभ सरकार लेना चाहती है।
प्रशासनिक सफ़र
सुधांशु पन्त पिछली गहलोत सरकार में जल प्रदाय (पीएचईडी ) में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात रहे लेकिन सरकार से अनबन के चलते उन्हें पहले रेवेन्यू बोर्ड और फिर एचसीएम रीपा में भेज दिया गया था। इसके बाद पंत प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली चले गए थे। पन्त 1993 में जयपुर में एसडीएम रहें। उसके बाद वे जैसलमेर,झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जयपुर के जिला कलक्टर बने ।वे जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) और राजस्थान कॄषि विभाग के कमिश्नर भी रहे हैं। साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार में वन और पर्यवारण विभाग में प्रिंसिपल सेकेटरी,राजस्थान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन आदि पदों का दायित्व भी सम्भाला।
वित्त के क्षेत्र में मिल चुका है अवार्ड
पन्त को राजस्थान सरकार से 2000, से 2004 तक लगातार कई अवार्ड मिले हैं जिसमें वित्त के क्षेत्र में मिले अवार्ड विशेष उल्लेखनीय हैं।