रविवार दिल्ली नेटवर्क
सुजानपुर: महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं से संबंधित खंड स्तरीय मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति और टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार को एसडीएम डॉ. रोहित शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर एसडीएम ने बताया कि इस वित्त वर्ष में विकास खंड सुजानपुर के कुल 123 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक के 1491 बच्चों तथा 425 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुपोषण के विरुद्ध समग्र दृष्टिकोण एवं समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप सुजानपुर खंड में गंभीर कुपोषण का स्तर अब केवल 0.34 प्रतिशत और मध्यम कुपोषण का स्तर 1.8 प्रतिशत रह गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों के दौरान बाल लिंगानुपात में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एसडीएम ने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान अभी तक बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत एक बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की एफडी करवाई गई है और 264 बेटियों को 3.82 लाख रुपये की स्कॉलरशिप राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत 15 बेटियों के विवाह हेतु 4.65 लाख रुपये तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 6 बेटियों की शादी हेतु 3.06 लाख रुपये की राशि दी गई है।
इसी दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की बेहतर देखभाल एवं पोषण हेतु 383 महिलाओं को 13.99 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गई। एसडीएम ने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को एक-दूसरे का पूरक मानते उन्हें पूर्ण निष्ठा एवं कर्तव्यपरायणता से लागू करने पर बल दिया ताकि स्वस्थ, सहकारी एवं भेदभाव रहित समाज के निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। एसडीएम ने बाल विवाह निषेध अधिनियम पर हुई बैठक में सुजानपुर क्षेत्र में बाल विवाह विशेषकर, अन्य राज्यों से ब्याह कर लाई जा रही महिलाओं की आयु पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। बीडीसी अध्यक्ष आरती ने बाल संरक्षण समितियों में पंचायत प्रधानों की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। इस अवसर पर समिति के सदस्य सचिव एवं सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।